जकार्ता। पूर्वी एशिया के तीन देशों की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वक्त पहले पड़ाव इंडोनेशिया में हैं। इस दौरान भारत और इंडोनेशिया के बीच टेक्नोलॉजी, समुद्री सुरक्षा, कारोबार और निवेश को लेकर कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति बनी। दोनों देशों ने रक्षा, स्पेस, विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दोनों देशों ने कोशिशों को दोगुना कर बाइलेट्रल ट्रेड को बढ़ाकर 50 अरब डॉलर करने का भी लक्ष्य तय किया।
PM मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने समुद्र, इकोनॉमी और सामाजिक-सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। राष्ट्रपति विदोदो के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय द्विपक्षीय बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही।
दोनों नेताओं की ओर से एक साझा बयान भी जारी किया गया। बयान में PM मोदी ने कहा कि यह मेरी इंडोनेशिया की पहली यात्रा है। यहां पर हुए भव्य स्वागत के लिए मैं राष्ट्रपति जोको विदोदो को आभार व्यक्त करता हूं।
आतंकवाद के खिलाफ इंडोनेशिया के साथ है भारत
PM ने इंडोनेशिया में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले को लेकर दुख प्रकट किया और कहा कि हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत इंडोनेशिया के साथ डटकर खड़ा है। आतंकवाद से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर हो रही कोशिशों में तेजी लाने की जरूरत है।
2025 तक बाइलेट्रल ट्रेड होगा 50 अरब डॉलर
मोदी ने यह भी कहा कि भारत और इंडोनेशिया 2025 तक अपनी कोशिशों को दोगुना कर बाइलेट्रल ट्रेड को बढ़ाकर 50 अरब डॉलर पर लेकर जाएंगे। दोनों देशों के नेताओं ने इंडो-पैसेफिक में समुद्री सहयोग को लेकर अपने विजन को साझा किया और शांति, स्थिरता, तेज इकोनॉमिक ग्रोथ व रीजन में संपन्नता के लिए प्रोत्साहन को तेज करने की इच्छा व्यक्त की। PM मोदी ने आगे कहा कि हमारे बीच हुए समझौतों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूत आएगी।
इन मुद्दों पर भी जताई सहमति
साझा बयान में कहा गया कि यह उल्लेख करते हुए कि शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए खुले समुद्र जरूरी हैं, दोनों नेताओं ने समुद्री सुरक्षा को बेहतर करने को महत्वपूर्ण माना। इसके तहत इंडो-पैसेफिक रीजन में समुद्री रास्ते से होने वाली स्मगलिंग, अवैध गतिविधियां और आतंकवादी गतिविधियों के मुद्दों पर कदम उठाने की बात की गई।
ने ट्रेड व इन्वेस्टमेंट पर सहयोग बेहतर बनाने, समुद्री संसाधनों के डेवलपमेंट को बढ़ाने, डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट पर सहयोग बढ़ाने, टूरिज्म और कल्चरल एक्सचेंज को बढ़ावा देने, एकेडेमिक, साइंस और टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में सहयोग बेहतर करने पर सहमति जताई।
भारत-एशियान साझेदारी महत्वपूर्ण शक्ति
PM मोदी ने आगे कहा कि भारत और एशियान की साझेदारी एक महत्वपूर्ण शक्ति है। यह न केवल इंडो-पैसेफिक रीजन बल्कि इसके बाहर भी शांति का विश्वास दिला सकती है। इंडो-पैसिफिक रीजन के विकास के लिए भारत और इंडोनेशिया एक ही दिशा में चलने पर सहमत हैं। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) विजन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विदोदो की मैरीटाइम फुलक्रम पॉलिसी से मिलती है।
सुबह गए कालीबाता स्मारक
इससे पहले बुधवार सुबह मोदी विदोदो के साथ कालीबाता स्मारक गए, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन इस्ताना मर्डेका पहुंचे, जहां राष्ट्रपति विदोदो ने स्वागत किया।