बंपर पैदावार के बावजूद इस बार मक्का का भाव मजबूत रहने के आसार

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नई दिल्ली। मक्का का बिजाई क्षेत्र वर्ष 2024 के खरीफ सीजन में बढ़कर 88.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 84.65 लाख हेक्टेयर से 3.40 लाख हेक्टेयर अधिक रहा।

इसके आधार पर केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने प्रथम अग्रिम अनुमान में मक्का का उत्पादन 222.45 लाख टन से 22.96 लाख टन या 10.3 प्रतिशत बढ़कर इस बार 245.41 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है। इससे घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी।

केन्द्र सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गत वर्ष की तुलना में 6.5 प्रतिशत बढ़ाकर इस बार 2225 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है। अधिकांश जानकारों का कहना है कि उत्पादन में 23 लाख टन की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद के बावजूद मक्का के दाम में जोरदार गिरावट आना मुश्किल लगता है। क्योंकि इसकी घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी।

एक अग्रणी जिंस विश्लेषक राहुल चौहान का कहना है कि मक्का का भाव अनेक कारकों पर निर्भर करेगा। इसमें एथनॉल निर्माताओं की मांग मुख्य रूप से शामिल है। पॉल्ट्री फीड, पशु आहार तथा स्टार्च निर्माण उद्योग में परम्परागत रूप से मक्का की अच्छी खपत होती रही है और इस बार भी होगी।

वैसे सोयामील तथा रेपसीड मील के साथ-साथ मक्का डीडीजीएम का दाम भी अपेक्षाकृत नीचे होने से खपत में कुछ अंतर आ सकता है मगर एथनॉल निर्माण में मक्का का उपयोग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

स्वयं सरकार ने एथनॉल डिस्टीलरीज के साथ करार किया है कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद करके उसे इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। ऐसी हालत में यदि मक्का का भाव घटता है तो सरकारी एजेंसी इसकी खरीद में भारी सक्रियता दिखा सकती है।