कोटा। JEE Main 2024 Paper Analysis: शुक्रवार को आयोजित जेईई मेन 2024 परीक्षा में शिफ्ट 1 के पेपर में फिजिक्स सबसे आसान रहा, जबकि केमिस्ट्री का कठिनाई स्तर मध्यम था। मैथ्स में कुछ पेचीदा और लंबे सवाल थे। इसे मध्यम से कठिन माना जा सकता है। दूसरी शिफ्ट में भी करीब करीब यही पैटर्न रहा। फिजिक्स सरल रही।
इसमें ग्रविटेशन, सेमीकंडक्टर्स, काइनेटिक एनर्जी से भी सवाल आए। ज्यादातर सवाल फार्मूला बेस्ड थे। केमिस्ट्री मध्यम रहा। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से सवाल अधिक पूछे गए। बायोमोलक्यूल, मॉल कांसेप्ट, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, केमिकल काइनेटिक्स से सवाल आए। मैथ्स लेंदी रहा। 3डी और वेक्टर, इंटीग्रेशन, डिफरेंशियल, सीक्वेंस सीरीज, क्वाड्रटिक और मैट्रिक्स से सवाल पूछे गए।
मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि छात्रों से मिले फीडबैक के अनुसार पहली पारी में फिजिक्स आसान था लेकिन 4 अप्रैल से तुलना करें तो थोड़ा ट्रिकी रहा। करीब आधे सवाल फार्मूला बेस थे और ट्रेंड जनवरी सेशन जैसा ही रहा। पेपर में थर्मोडायनामिक्स, मैग्नेटिज्म, करंट इलेक्ट्रिसिटी, मॉडर्न फिजिक्स और इलेक्ट्रोस्टैटिस्टिक्स के सवालों का विधिवत प्रतिनिधित्व था। ज्यादातर सवाल 12वीं कक्षा के सिलेबस से पूछे गए थे।
केमिस्ट्री: केमिस्ट्री में अधिकांश सवाल थ्योरेटिकल थे। अध्यायों का कवरेज एक समान था।कमोबेश सभी सवाल एनसीईआरटी से ही पूछे गए थे लेकिन कुछ सवाल ट्रिकी रहे। इनमें आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री से सवाल अधिकतम संख्या में पूछे गए। दो से तीन सवाल स्टेटमेंट बेस्ड रहे। मैट्रिक्स मैच का एक सवाल था। हाइड्रोकार्बन, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री , इक्विलिब्रियम और अल्कोहल, फिनोल और ईथर, पी-ब्लॉक जैसे प्रमुख अध्यायों से सवाल पूछे गए थे।
मैथ्स: मैथ्स मध्यम से कठिन था। लेकिन इसके 14 से 15 सवाल हल करने लायक लगे। हां, केलकुलेशन लम्बी थी। एल्जेब्रा, कोर्डिनेट ज्योमेट्री, कैलकुलस के सवाल प्रमुख थे। उसके बाद वेक्टर और 3डी से 3 से 4 सवाल पूछे गए थे। मैट्रिक्स और डेटर्मिनेन्ट्स का स्थान था। पेपर में क्वाड्रटिक इक्वेशन और बिनोमिअल थ्योरम से भी सवाल पूछे गए थे। लगभग सभी विषयों को कवर किया गया। सवालों की गुणवत्ता अच्छी थी। गणित के कारण पेपर थोड़ा लंबा था। 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम की तुलना में अधिकांश सवाल 12वीं के पाठ्यक्रम से ही थे। तीनों विषय में अब तक आउट ऑफ़ सिलेबस सवाल देखने को नहीं आया है।
नया नहीं पढ़ें, मॉक टेस्ट दें
नितिन विजय ने बताया कि जिन विद्यार्थियों के पेपर जारी हैं, उनको सलाह दी जाती है कि अब नया सीखने का समय नहीं है। एग्जाम टाइम में नया सीखने की जगह अच्छी संख्या में मॉक टेस्ट हल करना एक प्रभावी रणनीति साबित होगी।