कोटा में कोचिंग छात्र की आत्महत्या के मामले में फिर लापरवाही आई सामने

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में एक बार फिर उस पीजी होस्टल संचालक की लापरवाही सामने आई है जिसमें मृतक कोचिंग छात्र रहता था।

कोचिंग छात्र ने बुधवार रात के समय फांसी के फंदे से लटक कर आत्महत्या की, उसके एंटी हैगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ था, जिसे लगाना राज्य एवं जिला प्रशासन ने अनिवार्य किया हुआ है।

मूल रूप से बिहार के नालंदा निवासी संदीप (16) 11वीं की पढ़ाई करने के अलावा जेईई की प्रवेश परीक्षा की भी पिछले दो साल से कोटा में महावीर नगर तृतीय इलाके में पीजी होस्टल में रहकर तैयारी कर रहा था।

उसका एक भाई संजीत भी कोटा में ही कोचिंग ले रहा था, लेकिन वह अलग जगह दादाबाड़ी में रहता था। मिली जानकारी के अनुसार संदीप कल रात मैस से खाना खाकर अपने कमरे में चला गया और उसके बाद वह वापस नहीं निकला।

आज सुबह दरवाजा खटखटाने पर भी नहीं खोलने के बाद उसके साथी छात्र ने रोशनदान से झांका तो उसे पंखे से लटका हुआ नजर आया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोलकर भीतर प्रवेश किया और शव को नीचे उतारने के बाद कोटा मेड़िकल कॉलेज के संलग्न चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया।

सूचना मिलने पर भाई संजीत भी पहुंच गया। दोनों भाईयों के पिता का निधन हो चुका है और उनके चाचा ही पढ़ा रहे थे। चाचा के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जायेगा।कोचिंग छात्र संजीव की आत्महत्या के मामले में एक बार फिर पीजी होस्टल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। जिस कमरे में संजीव रह रहा था, उसकी छत पर लगे पंखे के साथ एंटी हैगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ था।

कोटा जिला प्रशासन पहले ही कई बार होस्टल प्रबंधन को एंटी हैगिंग डिवाइस लगाने के सख्त निर्देश दे चुका है जिनकी कई होस्टल संचालक लगातार उपेक्षा कर रहे हैं।पुलिस के अनुसार कोचिंग छात्र के कमरे से मृत्यु पूर्व लिखा पत्र बरामद नहीं हुआ है इसलिए आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।