नई दिल्ली। कोरोना की वजह से प्रभावित हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को सरकार ने बिना किसी गारंटी के 50,000 करोड़ रुपए का लोन देने का फैसला किया है। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत ये लोन दिए जाएंगे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी के फैसले के मुताबिक उद्यमी अगले साल 31 मार्च तक इस स्कीम के तहत लोन ले सकेंगे।
हालांकि, ईसीएलजी स्कीम पहले से चल रही है और इस स्कीम के तहत अब तक 3.67 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी चुकी है। पिछले दो सालों से वैश्विक रूप से कोरोना महामारी की वजह से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का कारोबार मंदा चल रहा था, लेकिन अब एक बार फिर इस सेक्टर में तेजी आई है। इस दौरान बिना गारंटी वाले लोन की व्यवस्था से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को काफी मदद मिलेगी।
एमएसएमई को बिना गारंटी लोन: वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई को बिना किसी गारंटी के लोन देने का फैसला किया था। उस समय ईसीएलजीएस के तहत तीन लाख करोड़ रुपए का फंड दिया गया था। बाद में इस स्कीम के फंड में और 1.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
उद्यमियों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना: इस प्रकार यह ईसीएलजीएस का फंड 4.5 लाख करोड़ रुपए का हो गया था जो अब पांच लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। इस स्कीम के तहत लिए जाने वाले लोन की पूरी गारंटी सरकार लेती है और लोन लेने के लिए उद्यमियों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है।