विदेशों में 50 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन पर देना होगा LEI नंबर: रिजर्व बैंक

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि कंपनियों को अक्टूबर 2022 से विदेशों में 50 करोड़ रुपये या अधिक राशि के लेनदेन के लिए 20 अंकों वाले वैध इकाई पहचानकर्ता (Legal Entity Identifier) नंबर का उल्लेख करना होगा।

LEI वित्तीय लेनदेन के लिए पक्षों की पहचान सुनिश्चित करने वाला 20 अंकों का एक नंबर होता है। वित्तीय आंकड़े से जुड़ी प्रणालियों की गुणवत्ता एवं सटीकता सुधारने के लिए पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

आरबीआई ने अपने एक सर्कुलर में कहा कि भारत में स्थित कंपनियों को बैंकों से 50 करोड़ रुपये या अधिक राशि के विदेश में लेनदेन के लिए एक अक्टूबर 2022 से LEI नंबर लेने होंगे। यह प्रावधान फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) कानून, 1999 के तहत किया गया है। आरबीआई ने कहा कि विदेशी इकाइयों के संदर्भ में LEI की कोई सूचना उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में बैंक लेनदेन को पूरा कर सकते हैं।

केंद्रीय बैंक भारतीय वित्तीय प्रणाली में LEI को चरणबद्ध ढंग से लागू कर रहा है। वह ओटीसी डेरिवेटिव, गैर-डेरिवेटिव बाजारों, बड़ी कॉरपोरेट उधारी लेने वालों और ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन में शामिल पक्षों के लिए LEI की व्यवस्था लागू करता रहा है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक कंपनियों को एक अक्टूबर 2022 से पहले भी 50 करोड़ रुपये से अधिक के विदेशी लेनदेन के लिए LEI नंबर जारी कराने को प्रोत्साहित कर सकते हैं। हालांकि एक बार LEI नंबर जारी होने के बाद कंपनी को अपने सभी आकार के लेनदेन में उसका उल्लेख करना जरूरी होगा।