कोटा। अगले साल से मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए इच्छुक छात्र अगर नीट की काउंसेलिंग में सीट ब्लॉक कर देते हैं तो उन्हें 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। उन्हें आगे की काउंसेलिंग में भाग लेने से भी रोका जा सकता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का एक प्रस्ताव स्वीकार किया जाना है।
सरकार का इरादा यह है कि छात्रों द्वारा एक से अधिक सीट ब्लॉक किए जाने से होने वाली वेकंसी को कम किया जा सके। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वीकार्यता के साथ मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया है जिसके अनुसार मेडिकल और डेन्टल कॉलेजों में ऐडमिशन के लिए 2 लाख रुपये तक के रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान होगा।
प्राइवेट डीम्ड कॉलेजों के लिए यह फीस 2 लाख रुपये और सरकारी कॉलेजों के लिए 25 हजार रुपये होगी। अगर छात्र ऐडमिशन ले लेता है तो इसे ट्यूशन फीस के साथ अडज्स्ट किया जाएगा। अभी यह तय नहीं हुआ है कि काउंसेलिंग के किस राउंड में छात्रों पर जुर्माना लगेगा या उन्हें आगे की काउंसेलिंग से रोका जाएगा।
अगर सुप्रीम कोर्ट इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो छात्रों द्वारा सीट ब्लॉक करने की समस्या से बचा जा सकेगा। अक्सर टॉप रैंक्स पाने वाले छात्र सीट ब्लॉक कर लेते हैं जिससे निचले रैंक वाले छात्रों को नुकसान होता है।