राज. के 1.47 करोड़ उपभोक्ता को झटका, 30 पैसे/यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगेगा

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जयपुर। कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट के हालातों से जूझ रहे प्रदेश के करीब 1.47 करोड़ उपभोक्ताओं को प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनियां जयपर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम ने अब फ्यूल सरचार्ज वसूलने का झटका दिया है। तीनों डिस्कॉम उपभोक्ताओं की ओर से बीते साल अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2019 के बीच खर्च की बिजली (मीटर रीडिंग) पर 30 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज की वसूली होगी। यानि हर उपभोक्ता से 350 से 2 हजार रुपए लिए जाएंगे।

इस तरह प्रदेशभर से करीब 600 करोड़ की वसूली होगी। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए यह वसूली तीन किश्तों यानि अगले माह सितंबर, अक्टूबर व नवंबर के बिलों में होगी। अकेला जयपुर डिस्कॉम करीब 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली करेगा। इससे पहले जयपुर डिस्कॉम ने पिछले साल 2019 में उपभोक्ताओं से 55, 29 व 39 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज के तौर पर वसूली की थी। तीनों डिस्कॉम की कॉमर्शियल विंग ने बिलों में फ्यूल सरचार्ज की राशि जोड़ने के लिए लेखा शाखा को आदेश भिजवा दिया है।

ऐसे समझे बिल का गणित
यदि आपका एक माह का बिल 400 यूनिट आता है, तो आगामी बिलों में अक्टूबर से दिसंबर 2019 तक बिजली उपभोग पर फ्यूल सरचार्ज देना होगा। यह फ्यूल सरचार्ज 30 पैसे प्रति यूनिट लगाया जा रहा है। इन तीन महीने का फ्यूल सरचार्ज 360 रुपए होगा। अब आपके बिलों में तीन महीने तक हर महीने 130 रुपए अलग से जुड़ कर आएगा।

आरईआरसी के आदेश से लेते हैं सरचार्ज: कल्ला
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि फ्यूल सरचार्ज वसूलने के लिए आरईआरसी का आदेश है। डिस्कॉम इसकी गणना कर उपभोक्ताओं से वसूलती है।

यह है फ्यूल सरचार्ज
आरईआरसी हर साल बिजली खरीद समेत अन्य खर्च की गणना के बाद बिजली की टैरिफ तय करता है। इसमें आयोग फिक्स कॉस्ट के साथ ही वेरिएबल कॉस्ट के रूप में बिजली टैरिफ निर्धारित करता है। वेरिएबल कॉस्ट कोयला, डीजल व परिवहन के खर्च से तय होती रहती है, जिसकी वसूली उपभोक्ताओं से करने के निर्देश हैं। इसकी शुरुआत 2009 से की गई थी।

इस फ्यूल सरचार्ज को हर तीन महीने में बदला जाता है। लेकिन अब बिजली वितरण कंपनियां महंगी दरों पर खरीदी बिजली का अंतर और छीजत से हुए नुकसान को भी फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूल रही है। डिस्कॉम में फ्यूल सरचार्ज की गणना का तरीका बदलने के कारण ज्यादा छीजत का असर भी उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा।