कोटा। सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी (ACTO) कोटा में पदस्थापित रहे मोहनलाल स्वर्णकार को भ्रष्ट आचकरण से लाखों रुपए की आय अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा व पचास लाख रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि वर्ष 2003 में वाणिज्यिक कर विभाग में सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी के पद पर कोटा में पदास्थापित मोहनलाल स्वर्णकार ने राजकीय सेवाकाल में अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट आचरण के जरिए अपनी आय से कई गुणा अधिक कीमत की परिसम्पत्तियां अर्जित की है।
टोंक निवासी मोहनलाल स्वर्णकार की पारविारिक पृष्ठभूमि अत्यन्त ही साधारण स्तर की रही है। स्वर्णकार वर्ष 1979 में वाणिज्यिक कर निरीक्षक पद पर नियुक्त हुए और वर्ष 1997 में सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी (ACTO) के पद पर पदोन्नति हुई थी । इस दौरान उन्होंने वैध आय की तुलना में कई गुना अधिक कीमत की परिसम्पत्तियां अर्जित की।
जांच में मिली राशि व परिसम्पत्तियां
दर्ज प्रकरण में अनुसंधान करने पर स्वर्णकार के समस्त स्त्रोतों से आय 34,58,486 लाख रुपए एवं व्यय, परिसम्पत्तियां 54,70,999 लाख रुपए पाई गई। ज्ञात आय के वैध स्त्रोतों से राशि 20,12,513 लाख रुपए अवैध रूप से अर्जित करना पाया गया, जो वैध आय से 58.02 प्रतिशत अधिक होने पर जुर्म धारा 13 (1)(ई), 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दण्डनीय अपराध होना मानते हुए न्यायालय में वर्ष 2012 में आरोप पत्र पेश किया गया।
न्यायालय में अर्जित आय व परिसम्पत्तियों के संबंध में समाधानप्रद साक्ष्य पेश नहीं करने पर सजा सुनाई। अभियुक्त द्वारा वैध आय से बीस लाख रुपए से अधिक अर्जित की गई सम्पत्तियां भूखण्ड संख्या 55 सेठ भामाशाह मंडी कोटा (मय निर्मित परिसर), भूखण्ड संख्या 12 इन्द्रप्रस्थ इण्डस्ट्रीयल एरिया कोटा (मय निर्मित परिसर) एवं मैसर्स चन्द्रकांता एण्टरप्राइजेज इटावा जिला कोटा वाली दुकान पर कब्जा प्राप्त कर तीन माह में पालना रिपोर्ट पेश करने के जिला कलक्टर कोटा को आदेशित किया गया।