लॉक डाउन में कश्मीर से 1600 किमी का सफर तय कर बेटी को लेने कोटा आए पिता

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कोटा। लॉकडाउन को लेकर शहर में जज्बे और रिस्क की कहानियां सामने आ रही हैं। इनमें कहीं जम्मू कश्मीर से पिता और भाई बेटी को लेने खुद वाहन चलाकर पहुंच रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कोटा के लोग जम्मू-कश्मीर परिजनों की बेटियां छोड़ने जा रहे हैं। रविवार को कुछ ऐसे ही जोश और रिस्क वाले मामले सामने आए।

लॉकडाउन बढ़ने की अटकलों के बीच कोटा से एक छात्रा ने जम्मू कश्मीर से अपने पिता को कोटा बुलवा लिया। जम्मू कश्मीर से शनिवार रात 11 बजे उसका पिता अपने भतीजे को लेकर रविवार 8:30 बजे कोटा के पास बड़गांव चौकी पहुंचे। ये करीब साढ़े 21 घंटे और 1600 किमी लंबे सफर में 140 की स्पीड से कार लेकर यहां पहुंचे।

चेक पोस्ट पर टीम ने एंट्री गेट पर रोककर पड़ताल की। साथ ही पास की स्थिति पूरी तरह क्लियर नहीं होने के कारण नियमानुसार कोटा सिटी में एंट्री जारी नहीं की। जम्मू कश्मीर से कार चला कर आए चचेरे भाई तनवीर ने बताया कि वह अपने चाचा के साथ अपनी चचेरी बहन को लेने यहां आए हैं। बहन से बात हो गई है। इसके बाद रात को जम्मू -कश्मीर के लिए रवाना हो जाएंगे।

अंबाला बॉर्डर होते हुए पहुंचे कोटा : तनवीर ने बताया कि अंबाला से बॉर्डर पारकर हाईवे रूट से कोटा पहुंचे हैं। कार की स्पीड 140 से कम नहीं रही है। पूरे दिन और रात गाड़ी चलाई है। बीच में सिर्फ पानी पिया है।

एक और अनोखा मामला सामने आया। यहां के दो युवक जम्मू-कश्मीर में अपने परिजन की छात्रा को छोड़ने गए थे। कोटा के लिए जब यह वहां से 28 मार्च को रवाना होने लगे तब इन्हें कश्मीर में ही चेक पोस्ट पर रोक लिया गया।

जांच के बाद इन्हें 14 दिन का क्वॉरेंटाइन किया गया। कश्मीर से क्वॉरेंटाइन पूरा होने के बाद जब ये कोटा लौटे तो यहां बड़गांव चेक पोस्ट पर एंट्री नहीं दी। यहां मौजूद मेडिकल पुलिस और शिक्षकों की टीम ने जांच पड़ताल की।

मेडिकल की गाइड लाइन के अनुसार इनके लिए एंबुलेंस को यहां मंगवाया गया। दोपहर 1:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक इनकी मेडिकल जांच और स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद मेडिकल डिपार्टमेंट के अनुसार इन्हें नियमानुसार क्वॉरेंटाइन किया गया।