कोटा । अब कोई भी पान की दुकान पर खड़े होकर प्रॉपर्टी ब्रोकिंग या डीलिंग का धंधा नहीं कर पाएगा। इसके लिए अब बाकायदा लाइसेंस लेना होगा। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरटी (रेरा) के एक मई से लागू हो जाने के बाद प्रॉपर्टी ब्रोकर्स पर शिकंजा कसेगा। ब्रोकर्स को रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना होगा
। इससे पहले प्रॉपर्टी ब्रोकरों की भूमिका प्रॉपर्टी के खरीदार और बेचने वाले के बीच मीटिंग की व्यवस्था करने और सौदे को अंतिम रूप देकर अपनी सेवा के बदले कमीशन लेने तक रहती थी।
रेरा के तहत प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की फीस तय कर दी गई है। ये फीस देकर रजिस्ट्रेशन के बाद ही ब्रोकर प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री का बिजनेस कर पाएंगे।
अभी मंदा है धंधा
रियल एस्टेट में प्रॉपर्टी ब्रोकर के तौर पर काम करने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का कहना है कि पांच साल पहले तक प्रॉपर्टी ब्रोकिंग का कारोबार अच्छा था लेकिन अब इसमें मंदी आ गई है। बड़े बिल्डर्स और बड़े ब्रोकर्स के आ जाने से छोटे प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का काम लगभग खत्म सा हो चला है।
हालत यह है कि पिछले पांच वर्षों में ब्रोकर्स के धंधे में 50 फीसदी कमी आ गई है। बड़ी प्रॉपर्टी के खरीदार कम हो गए हैं, इसलिए रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट नहीं मिल पा रहा है।
इनसे बचें
- उन ब्रोकर्स से बचकर रहें, जिनमें प्रोफेशनलिज्म और ट्रांसपेरेंसी की कमी हो।
- इनमें किसी दुकान या अन्य काम के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले लोग हो सकते हैं।
- ऐसा ब्रोकर जो जगह की क्लीयर पिक्चर न बताए और उसके बारे में बढ़-चढ़ कर बोले।
- जो किसी एक ही बिल्डर की प्रॉपर्टी खरीदने पर जोर दे, तो सोच समझकर कदम रखें ।
- खासकर तब, जब आपको कहीं और से पता चले कि उस बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है।
- जो रियल एस्टेट के फील्ड में हो रही नई बातों, मार्केट में कीमतों के उतार-चढ़ाव आदि से परिचित न हो।