कोटा में राशन की दुकानों पर एसीबी की कार्रवाई, गेहूं व केरोसिन गायब

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कोटा।  पोस मशीनों के बाद सरकार भले ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फुल प्रूफ सिस्टम का दावा करती हो, लेकिन हकीकत यह है कि कालाबाजारी करने वालों ने इसमें भी सेंध लगा ली है। गुरुवार को एसीबी की राशन की दुकानों पर की गई जांच में इसकी पोल खुल गई।

एसीबी एएसपी ठाकुर चंद्रशील व संभाग की सभी एसीबी चौकियों की टीमों ने कलेक्ट्रेट स्थित जिला रसद अधिकारी कार्यालय, केरोसिन सप्लायर के पेट्रोल पंप व 5 डीलरों के यहां कार्रवाई की। स्टॉक के मिलान से पता चला कि 3 दुकानों से ही 80 क्विंटल गेहूं और 600 लीटर केरोसिन गायब था। कार्रवाई की भनक लगते ही ज्यादातर राशन की दुकानें बंद हो गईं। जिन 5 दुकानों पर एसीबी की टीम को जांच करनी थी, उनमें भी 2 दुकानदार बंद करके भाग गए।

एसीबी ने पांचों दुकानों को सील कर दिया। वहीं डीएसओ ऑफिस और केरोसिन सप्लायर के यहां से 2 साल का रिकॉर्ड जब्त किया है। गौरतलब है कि रसद विभाग 4 साल से कार्यवाहक डीएसओ और 1 इंस्पेक्टर के भरोसे है।

कई दिनों से मिल रही थी शिकायतें : एएसपी
एएसपी चंद्रशील ने बताया कि कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि राशन डीलर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे हैं। इसमें रसद विभाग के अफसरों की मिलीभगत है। सत्यापन किया तो बात पुख्ता हो गई। कार्रवाई के लिए 5 दुकानें चिह्नित की। 3 पर हम जांच कर पाए और तीनों पर ही गड़बड़ी मिली।

10 अफसरों की अगुवाई में 50 की टीम एक साथ पहुंची
एसीबी की एसपी किरण कंग, कोटा चौकी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील, ग्रामीण चौकी की एएसपी प्रेरणा शेखावत, बारां के एएसपी राजेंद्र गोगावत, बूंदी के डीएसपी तरुणकांत सोमाणी, सीआई विवेक सोनी, अजीत बागड़ोलिया, रमेश आर्य, ज्ञानचंद, हरि सिंह की अगुवाई में 38 से ज्यादा कार्मिकों की टीमें पूर्वाह्न करीब 11 बजे एक साथ बताए गए टारगेट पर पहुंची। अफसरों को भी सुबह ही बताया गया था कि उन्हें कहां पहुंचना है। टीम में शामिल जवानों को तो पहुंचने पर पता चला कि उन्हें इस जगह जांच करनी है।

गड़बड़ी की आशंका, स्टॉक में 164 क्विंटल होने के बावजूद आवंटित कर दिया 59 क्विंटल गेहूं
देर रात तक जांच के बाद एसीबी ने आवंटन में भी गड़बड़ी की आशंका जताई। अधिकारियों ने एक दुकान के आवंटन के रिकॉर्ड को लेकर रसद विभाग के अधिकारियों से जानकारी भी ली। पता चला कि इस दुकान में 164 क्विंटल गेहूं पड़ा था, इसके बावजूद उसे 59 क्विंटल गेहूं और आवंटित कर दिया। विभाग के अधिकारियों ने मुख्यालय के निर्देश का हवाला देते हुए बताया कि यूनिट के आधार पर 15 प्रतिशत के फार्मूले से आवंटन किया जा सकता है।

जब एसीबी ने इस फार्मूले से गणना की तो पता चला कि इस डीलर को 18 क्विंटल गेहूं ज्यादा दिया गया। हालांकि एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील का कहना है कि डीएसओ ऑफिस के स्तर पर गड़बड़ी का पता रिकॉर्ड के विस्तृत विश्लेषण के बाद ही लग सकेगा, रिकॉर्ड बहुत ज्यादा है, इसमें समय लगेगा।

5 दुकानें पर पहुंची एसीबी टीम, 3 पर मिली गड़बड़ी
माला फाटकक्षेत्र में ओमप्रकाश विजय की दुकान पर टीम को साढ़े 13 क्विंटल गेहूं व 60 लीटर केरोसिन कम मिला। पोस मशीन का प्रिंटर काम नहीं कर रहा था। सवाल यह कि जब प्रिंटर ही काम नहीं कर रहा था तो अब तक डीलर कैसे राशन सामग्री वितरित कर रहा था।

खेड़ली फाटकके जलील अहमद तथा सिविल लाइंस में राधेश्याम भारद्वाज की दुकानें बंद मिली। जलील की दुकान तो पहले से बंद थी, लेकिन भारद्वाज की दुकान एसीबी टीम के पहुंचने से कुछ देर पहले ही बंद होने की जानकारी मिली। आशंका है कि डीलर को किसी अन्य जगह से भनक लग गई। दोनों दुकानों को सील कर दिया।

पोस मशीन जब्त, जांच होगी
एसीबी ने इस कार्रवाई के दौरान पोस मशीनें भी जब्त की है, जिनकी जांच एक्सपर्ट से करवाई जा रही है। ज्यादातर मशीनें चल ही नहीं रही। चल रही है तो प्रिंट नहीं निकल रहे। 

कैसे हेराफेरी करते हैं डीलर
-राशन डीलर उपभोक्ता के अंगूठे के निशान नहीं आने पर रसद विभाग के कर्मचारियों से मिलकर उस उपभोक्ता के चिन्ह को बाईपास करवा लेते हैं।
-कर्मचारियों की मिलीभगत से रसद अधिक मात्रा में उठाकर पोस मशीन में फीड नहीं होने देते।
-डीलर 1 महीने का गेहूं नहीं बांटकर दूसरे माह ग्राहकों को गेहूं देते समय एक साथ दो माह की रसीद मशीन से निकाल लेते हैं।
-मशीन में स्टॉक शून्य होने से पहले ही राशन डीलर रसद विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिक माल लेते हैं।