कोटा। बेहतर इंसान बनने के लिए अच्छा साहित्य और पुस्तकों से जुडाव जरूरी है। यह विचार सोमवार को विश्व पुस्तक दिवस पर आयोजित टॉक शो में डॉ. सुरभि गोयल ने व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता डा . लखन शर्मा ने शब्द की ब्रह्म से तुलना करते हुए कहा कि एक श्रेष्ठ साहित्य हमे ईश्वर के करीब ले जाता है । इस अवसर पर डा. ओ.पी गर्ग ने कहा कि पुस्तकों की अंधा धुंध कीमतों को बढने से रोकने के लिए पुस्तक प्रकाशन नीति राष्ट्रीय स्तर पर एवं राज्य स्तर पर बननी चाहियें ।
पुस्तक दिवस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय पुस्तकालय एवं सुचना विज्ञान के जनक पदमश्री डा शियाली रामामृत रंगनाथन का माल्यार्पण एवं भारतीय पुस्तकालय़ों की प्राचीन परम्परा ग्रंथ पूजा (बिबलियोलेट्री सेरेमनी) से किया गया तथा ट्रांसजेण्डर्स के लियें पुस्तकालय सेवा प्ररम्भ की गयी ।
भारत सरकार के कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत विश्व पुस्तक दिवस पर आयोजित टॉक शो में मुख्य अतिथि डॉ. सुरभि गोयल मनोवेज्ञानिक , मोटीवेटर एवं लेखक, अध्यक्षता डा. लोकेश शर्मा, विशिष्ठ अतिथी ओम प्रकाश गर्ग, सेवानिवृत कालेज लाईब्रेरियन थे। होस्ट सीमा घोष रही ।
टॉक शो की शुरुआत में पुस्तकालय प्रभारी डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने पुस्तकों को आमजन के करीब लाने मे सबसे बडी बाधा एकेडमिक पब्लिसर्श के अटेक हें, जो शिक्षण के बढ्ते बजट के अनुरुप पुस्तकों की कीमत तय करते हें। जिससे आम जन तथा सार्वजनिक पुस्तकालय बजट के अभाव में श्रेष्ठ पुस्तकों के लियें दूसरों पर निर्भर रहते हें ।
इस अवसर आसामी – हिंदी साहित्य की प्रदर्शनी लगाई एवं आसामी संस्कृति से रुबरु कराने के लिए 3 फिल्में दिखायी तथा आसामी – राजस्थानी कपल अंजना एवं अंकुर गुप्ता को मेडल प्रदान सम्मानित किया गया । इस अवसर पर शकुर अनवर, नीरज यादव , सलीम अफरीद तथा चंद्रशेखर सिंह सिसोदिया ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये । कार्य़क्रम का आयोजन एवं प्रबन्धन अजय सक्सेना, नवनीत शर्मा एवं सागर आजाद ने किया तथा आगंतुक का आभार शशि जैन ने किया ।