सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का प्रसारण अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी: सीजेआई

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अब हिंदी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यवाही के लाइव प्रसारण की तैयारी की है। मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने लाइव स्ट्रीमिंग की जमकर तारीफ की और कहा कि इसके जरिए शीर्ष न्यायालय लोगों के दिलों तक पहंचा है।

उन्होंने बताया कि देश की भाषा की बाधा को हटाने के लिए कोर्ट एक खास मॉड्यूल पर काम कर रहा है। सितंबर 2022 से ही सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच की कार्यवाही की स्ट्रीमिंग जारी है।

खास बात है कि अब तक ट्रांसक्रिप्ट्स केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध होती थी। ट्रांसक्रिप्ट्स का मतलब लिखित या प्रकाशित हुई सामग्री से है, जो पहले किसी अन्य माध्यम के जरिए तैयार की गई थी।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज या समलैंगिक विवाह को लेकर सुनवाई जारी है। मामले में मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के चलते इस मुद्दे पर देश के कोने-कोने में लोग बात कर रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी नहीं समझने वालों की परेशानी भी शीर्ष न्यायलय के सामने रखी। द्विवेदी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में सभी बहस अंग्रेजी में होती हैं और गांव या छोटे शहरों में रहने वाले लोग इसे समझ नहीं पाते हैं। भारत में भाषाई समस्या जटिल है।’

इस पर सीजेआई ने कहा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि हम इस पर भी काम कर रहे हैं…। हम ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जो सुनिश्चित करेगी कि लाइव स्ट्रीमिंग का कॉन्टेंट अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हो सके।’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग ने आम लोगों के दिलों और घरों तक हमारी अदालतों की राह बनाई है।’

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी कहा कि तकनीक के जरिए कार्यवाही को अन्य भाषाओं में भी सुना जा सकता है। जस्टिस हिमा कोहली ने इसे ‘तकनीक की सुंदरता’ बताया है।

कहां से शुरू हुई कहानी
साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐलान किया था कि अनुच्छेद 21 के तहत कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग न्याय के अधिकार का हिस्सा है। वहीं, फरवरी में अदालत ने AI और कई टूल्स की मदद से पहली बार कोर्ट की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन शुरू की थी।