नई दिल्ली। मुद्रास्फीति के आंकड़े, आईआईपी डाटा और बड़ी आईटी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे। इसके अलावा वैश्विक संकेत, रुपये में उतार-चढ़ाव, ब्रेंट क्रूड और विदेशी फंड भी दलाल स्ट्रीट को प्रभावित करेंगे। बता दें कि आइआइपी और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का 12 जनवरी को एलान किया जाएगा। उसी दिन चीन और अमेरिका के भी मुद्रास्फीति के आंकड़ें आएंगे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि इस सप्ताह टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएल समेत कई बड़ी आइटी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे आएंगे। पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 940.37 अंक या 1.55 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 245.85 अंक या 1.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जूलियस बेयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुछाला ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार ने वैश्विक बाजारों की तरह नए साल की शुरुआत थोड़ी सतर्कता के साथ की है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद निवेशकों की जोखिम धारणा को झटका लगा है। माना जा रहा है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को कम करने के लिए 2023 में भी रेपो रेट में बढ़ोतरी का कदम उठा सकते हैं।