सालाना 2.5 लाख से ज्यादा PF कॉन्ट्रिब्यूशन पर ब्याज टैक्सेबल होगा

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नई दिल्ली। बजट में इस बार केंद्र सर्कार ने यह भी प्रावधान किया है कि अगर किसी इम्प्लॉई के प्रोविडेंट फंड में सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा होते हैं तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में शामिल होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2021 से होने वाले PF कॉन्ट्रिब्यूशन पर लागू होगा। सरकार का कहना है कि इससे 2 लाख रुपए महीने से कम कमाई करने वालों को कोई नुकसान नहीं होगा। EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से सिर्फ 1% लोगों पर इसका असर पड़ेगा।

कंपनियां अपने कर्मचारियों की PF जैसी कटौतियां समय पर जमा करवाएं, इस बात पर भी जोर दिया गया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों का कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करवाने में देरी करेगी तो वह इस रकम पर टैक्स डिडक्शन नहीं ले सकेगी।

3 साल बाद असेसमेंट केस दोबारा नहीं खोले जा सकेंगे: अब तक टैक्स असेसमेंट के आम मामले 6 साल और गंभीर मामले 10 साल बाद भी खोले जा सकते थे। अब आम मामलों में 3 साल बाद असेसमेंट केस दोबारा नहीं खोले जा सकेंगे। गंभीर मामलों में भी असेसमेंट केस तभी खोले जा सकेंगे, जब एक साल में 50 लाख या इससे ज्यादा इनकम छुपाने के सबूत हों। ऐसे मामलों में भी केस खोलने की मंजूरी इनकम टैक्स के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर से लेनी होगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि विवाद से विश्वास स्कीम के तहत अब तक 1.10 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने 85 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले सुलझाए हैं। इसी के मद्देनजर डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनाई जाएगी। 50 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वाले वे लोग जिनकी 10 लाख की आय विवादित है, वे विवाद सुलझाने के लिए इस कमेटी के पास जा सकेंगे।