आयकर रिटर्न फॉर्म में बदलाव, अप्रैल-जून में किए निवेश का लाभ ले सकेंगे करदाता

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म में संशोधन कर रहा है। संशोधित फॉर्म को इस महीने के अंत तक अधिसूचित कर दिया जाएगा। इससे आयकरदाता कोरोनावायरस संकट के कारण किए गए विभिन्न समयसीमा विस्तार का पूरा लाभ उठा सकेंगे।

सीबीडीटी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि सरकार ने कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए विभिन्न निवेश योजनाओं के लिए 30 जून 2020 तक की समयसीमा का विस्तार किया है। इस समयसीमा विस्तार का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म में आवश्यक परिवर्तन किया जा रहा है।

इससे बदलाव के बाद करदाता एक अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 तक की अवधि के दौरान किए गए अपने लेनदेन वित्त वर्ष 2019-20 के रिटर्न फॉर्म में लाभ ले सकें। करदाताओं को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए किए गए अपने निवेश और लेनदेन का लाभ उठाने की अनुमति देने के लिए रिटर्न फॉर्म में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं।

31 मई तक दाखिल कर सकते हैं आईटीआर
सीबीडीटी ने कहा है कि इन आवश्यक बदलावों के बाद करदाता वित्तवर्ष 2019-20 के लिए 31 मई 2020 तक आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 तहत कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावाधानों में छूट) अध्यादेश, 2020 के जरिए विभिन्न समय सीमाओं को आगे बढ़ा दिया है।