नई दिल्ली। काम करने वाले कर्मचारियों को एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। ये बड़ी खुशखबरी इस साल के आखिर तक निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को केंद्र सरकार दे सकती है। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को आकर्षित करने वाला ये बड़ा तोहफा केंद्र सरकार 2019 आमचुनाव से पहले दे सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा कम करने की पूरी तैयारी कर ली गयी है।
सरकार के सूत्रों का दावा है कि श्रम मंत्रालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दिया है। इस बावत लेबर मिनिस्ट्री ने विभिन्न इंडस्ट्रीज से राय भी मांगी है। सरकार के सूत्र बताते हैं कि इसके लिए उद्योग जगत की राय जरूरी है, क्योंकि ग्रेच्युटी की अवधि कम किये जाने का प्रभाव उनपर क्या पड़ेगा और इसे लागू करने में क्या क्या दिक्कतें आ सकती हैं।इसका आकलन करना जरूरी पहल है।
सूत्रों के मुताबिक, 4 दिसम्बर को होने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के नए बोर्ड की बैठक में ये प्रस्ताव रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी मिलने की न्यूनतम समय सीमा 5 साल से घटाकर 3 साल करने का मन बना लिया है।
यहां ये जानना जरूरी है कि फिलहाल किसी भी कंपनी या संस्था में कर्मचारी को ग्रेच्युटी तभी दी जाती है जब वो कर्मचारी कम से कम 5 साल से काम कर रहा हो। साथ ही, ग्रेच्युटी की गणना के तरीकों में भी खास बदलाव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि ये फैसला नया साल आगाज से पहले हो सकता है।
हालांकि, देश के तमाम मजदूर यूनियन ग्रेच्युटी देने की समय सीमा घटाने की मांग सालों से करते रहे है। उनकी मांग है कि ग्रेच्युटी देने की समय सीमा 5 साल की जगह 1 साल कर दी जाय।
सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ साल की अवधि घटाने और ग्रेच्युटी गणना में ही बदलाव नहीं, बल्कि फिक्स्ड टर्म इम्प्लॉई को भी ग्रेच्युटी का लाभ देने की तैयारी की जा रही है।
विचाराधीन प्रावधानों के मुताबिक, फिक्स्ड टर्म कर्मचारी भी ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा, चाहे उसका टर्म 5 साल से कम ही क्यों न हो। हालांकि, ये अनुपातिक रूप से लागू होगा यानी मतलब ये की कर्मचारी की जितने समय की सर्विस होगी उस अनुपात में उसे लाभ देना होगा। कुल मिलकर फिक्स्ड टर्म इम्प्लॉई को भी स्थायी कर्मचारी की तरह ही लाभ देने की तैयारी की जा रही है। सरकारी सूत्रों का दावा है की इसके लिए जरूरी नियमों में सरकार बदलाव करेगी।