Monday, June 3, 2024
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अब अपनी मनपसंद कार ऑनलाइन बुक करवा सकेंगे, हुंडई ने शुरू किया पोर्टल

नई दिल्ली। हुंडई मोटर इंडिया ने मंगलवार को अपनी कारें ऑनलाइन बेचने का फैसला लिया है। अब देशभर के ग्राहक अपनी मनपसंद कार ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। कंपनी के एमडी व सीईओ वाईके कू ने बताया, ऑनलाइन कार बुकिंग के जरिए हम ग्राहकों तक मजबूती से पहुंचेंगे और बुकिंग्स पहले से ज्यादा सरल और तेजी से होगी।

ऑनलाइन बुकिंग लाकर कंपनी ब्रैंड हुंडई को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की तरफ बढ़ रही है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में वक्त किस के पास है! लिहाजा हुंडई पोर्टल के जरिए कारों की बुकिंग व रजिस्ट्रेशन आदि की औपचारिकताएं पूरी करेगी। इसके लिए ग्राहकों को डीलरशिप के चक्कर लागने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ध्यान रहे, मंगलवार से ही कंपनी ने बुकिंग्स लेनी शुरू कर दी हैं।

अपनी मनपसंद हुंडई कार की ऑनलाइन बुकिंग यहां से करें

सेबी में बाजार कारोबारियों का अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

नयी दिल्ली ।  पूंजी बाजार में काम करने वाले शेयर ब्रोकर, मचेट बैंकर और दूसरे कारोबारी अब बाजार नियामक सेबी के पास ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। सेबी ने इस काम के लिये एक पोर्टल शुरू किया है।

पूंजी बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार मध्यस्थों के लिये सभी तरह के पंजीकरण आवेदन कंप्यूटर प्रणाली के जरिये ऑनलाइन जमा कराने की पोर्टल सुविधा को शुरू कर दिया है।

बाजार नियामक ने एक सकुर्लर में कहा है कि पूंजी बाजार में काम करने वाली मध्यवर्ती संस्थाओं की आठ श्रेणियों के लिये पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण तथा दूसरी सुविधाओं की शुरआत कर दी गई है।

शेयर बाजार से जुड़े स्टॉक ब्रोकर, सब-ब्रोकर, मर्चेंट बैंकर्स, बीमाकर्ता, इश्यू रजिस्ट्रार, शेयर ट्रांसफर एजेंट, डिबैंचर ट्रस्टी, इश्यू के बैंकर्स और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इन सभी के लिये ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।

ऑनलाइन पोर्टल में इन कारोबारियों को पंजीकरण के लिये ऑनलाइन आवेदन, आवेदन की जांच परख, अंतिम पंजीकरण प्रदान करना, निरस्त करने, लौटाने का आवेदन, आवधिक रिपोर्टें सौंपने, नाम-पता-अन्य ब्यौरे में बदलाव के लिये आग्रह आदि की सुविधा उपलब्ध होगी।

सकुर्लर में कहा गया है कि इसके बाद से पंजीकरण, निरस्त अथवा अन्य आग्रह केवल सेबी इंटरमिडियरी पोर्टल के जरिये ही किये जायेंगे ।  डिपाजिटरी भागीदारों के लिये यह पोर्टल 31 मई से काम करने लगेगा।

बीएसई सेंसेक्स 26 अंक की कमजोरी के साथ 29894 के स्तर पर बंद

मुंबई। बुधवार को शेयर बाजार मामूली कमजोरी के साथ बंद हुआ है। बीएसई सेंसेक्स 26 अंक की कमजोरी के साथ 29894 के स्तर पर और निफ्टी 2 अंक की कमजोरी के साथ 9311 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज  पर मिडकैप 0.34 फीसद और स्मॉलकैप 1.07 फीसद की तेजी के साथ बंद हुए हैं।

फार्मा सेक्टर में बिकवाली

सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो आईटी और रियल्टी को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर बंद हुए है। सबसे ज्यादा विकवाली फार्मा सेक्टर में हुई है। बैंक (0.15 फीसद), ऑटो (0.21 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.33 फीसद), एफएमसीजी (0.30 फीसद) और मेटल (0.22 फीसद) की गिरावट हुई है।

निफ्टी के 26 शेयर लाल निशान में

दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 25 हरे निशान में और 26 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी इंफ्राटेल, पावर ग्रिड, अल्ट्रासेमको, टीसीएस और कोल इंडिया के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट ल्यूपिन, ऑरोफार्मा, टाटा पावर, हिंडाल्को और जील के शेयर्स में हुई है।

 

अमेरिकी बाजार में तेजी

एशियाई बाजार बुधवार को छुट्टी के चलते बंद हैं। वहीं अमेरिकी बाजार के सूचकांक डाओ जोंस 0.17 फीसद की बढ़त के साथ 20949 लके स्तर पर, एसएंडपी500 0.12 फीसद की बढ़त के साथ 2391 के स्तर पर और नैस्डैक 0.06 फीसद की बढ़त के साथ 6095 के स्तर पर करोबार कर बंद हुए हैं।

रियल्टी सेक्टर में खरीदारी

सेक्टोरियल इंडेकस की बात करें तो एफएमसीजी (0.22 फीसद) को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी सेक्टर में देखने को मिल रही है। इसमें तीन चौथाई तक की बढ़त है। निफ्टी बैंक (0.23 फीसद), ऑटो (0.44 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.15 फीसद), आईटी (0.20 फीसद), मेटल (0.60 फीसद) और फार्मा (0.38 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है।

निफ्टी के 38 शेयर हरे निशान में

दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 38 हरे निशान में, 12 गिरावट के साथ और एक बिना परिवर्तन के कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी इंफ्राटेल, एलएंडटी, अंबूजा सीमेंट, इंडसइंड बैंक और ऑरोफार्मा के शेयर्स में है।

राज्य बिजली बिल का कैश पेमेंट लेना बन्द करें , केंद्र ने राज्यों से कहा,

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे बिजली बिल के भुगतान कैश में लेना बंद करें और डिजिटल मोड की ओर बढ़ें। अगर ऐसा हो गया तो कैशलेस इकॉनमी की दिशा में यह एक बड़ी छलांग होगी क्योंकि हर साल लाखों करोड़ रुपये की बिजली कंज्यूम की जाती है।

पावर सेक्रेटरी पीके पुजारी ने बताया कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने राज्यों की डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों से कहा है कि वे ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट मैकेनिज्म बनाएं और मजबूत करें। इससे शहरी इलाकों से कैश पेमेंट बंद करने की शुरुआत हो सकेगी और धीरे-धीरे सभी इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स को इसके दायरे में लिया जाए।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पास उपलब्ध डेटा के अनुसार, अप्रैल 2016 से इस साल मार्च तक राज्यों को 1,134,63.10 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई की गई। अगर 3 रुपये प्रति यूनिट का टैरिफ भी रखकर गणना की जाए तो डिजिटल पेमेंट मैकेनिज्म पर शिफ्ट होने से 340,389 करोड़ रुपये जेनरेट हो सकते हैं।

पुजारी ने कहा, ‘पावर सेक्टर में मनी कलेक्शन मुख्य रूप से डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के जरिए होता है। हमने राज्यों से कहा है कि वे ऐसे उपाय करें जिससे कंज्यूमर्स ई-पेमेंट्स के जरिए भुगतान करें। ऐसा नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड्स या क्रेडिट कार्ड्स से हो सकता है।’ पावर मिनिस्ट्री इसी सप्ताह कैशलेस इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करेगी।

एलन के मेगा ओरियंटेशन में 12 हजार से अधिक छात्र और अभिभावक शामिल

कोटा| नीट लागू होने के साथ ही कोटा में मेडिकल की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की संख्या डेढ़ गुना हो गई है। बड़ी संख्या में देश के लगभग सभी राज्यों से विद्यार्थियों का आना जारी है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में सोमवार को मेडिकल प्री नर्चर बैच के तीन ओरियंटेशन हुए, जिसमें 12 हजार से अधिक विद्यार्थियों और अभिभावकों ने भाग लिया। 

गत वर्ष तक जहां कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले 50 से 55 हजार तक विद्यार्थी थे, यह संख्या इस वर्ष 80 हजार तक पहुंचने का अनुमान है। कोटा आने वाले विद्यार्थियों में दक्षिण पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। सोमवार से शुरू हुए बैच के ओरियंटेशन में संस्था के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि कोटा देश में एकमात्र शहर है जहां मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी सबसे बेहतर हो रही है।

उन्होंने कहा कि दो साल तक आप एक ऋषि की तरह तपस्या शुरू कर दें। पढ़ाई में मन लगा लें, पूरी तरह से जुट जाएं। ऐसे पढ़ाई करें कि दूसरा कोई काम नजर ही नहीं आए। संकल्प कर लें कि अच्छे नंबर से पास होना है। हमें बच्चों को आगे बढ़ाना है, दूसरे से तुलना कर पीछे नहीं धकेलना है। निदेशक नवीन माहेश्वरी ने पलक मुच्छाल के खुशी वाली खुशी वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि हर विद्यार्थी खुशियां बांटना सीखे।

 

पीएम ने की जीएसटी तैयारियों की समीक्षा

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वित्त मंत्रालय द्वारा वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: को लागू करने को लेकर की गई तैयारियों तथा नोटबंदी के बाद कालेधन के खिलाफ अभियान की समीक्षा की।

 राजस्व विभाग के साथ बैठक में मोदी ने जीएसटी को लेकर तैयारियों का जायजा लिया। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार कहा जा रहा है। सरकार का इरादा जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने का है। इस समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री अरण जेटली, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और राजस्व विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

समझा जाता है कि इस बैठक में पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के बाद कर माफी योजना के तहत बेहिसाबी धन को लेकर की गई घोषणाओं पर भी विचार विमर्श हुआ। बैठक में  कालेधन के खिलाफ अभियान, ऑपरेशन स्वच्छ धन तथा कर माफी योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना :पीएमजीकेवाई: की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

राजस्व विभाग ने बैठक में कालेधन धन की घोषणा और उसके बाद जुटाए गए कर के साथ देशभर में  छापेमारी के दौरान जब्त संपत्ति पर भी रिपोर्ट कार्ड पेश किया। सरकार जिस तरीके से कालेधन पर ध्यान दे रही है उसे देखते हुए समझा जाता है कि बैठक में  कर अपवंचना करने वाले लोगों के खिलाफ कर विभाग द्वारा किए जा रहे उपायों पर भी बैठक में चर्चा हुई।

 

मोबाइल टावर के विकिरण की माप बताने वाला तरंग संचार पोर्टल लांच

नई दिल्ली। अब आप पोर्टल के जरिये अपने इलाके में मोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण का पता लगा सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए “तरंग संचार” पोर्टल तैयार किया है।संचारमंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को इसे लांच किया।

इस अवसर पर सिन्हा ने कहा कि यह पोर्टल मोबाइल टावर से निकलने वाली तरंगों के बारे में व्याप्त मिथ्या धारणाओं को तोड़ने का काम करेगा।यह ग्राहकों को एक माउस के क्लिक पर किसी क्षेत्र में कार्यरत तमाम टावरों के बारे में जानकारी देगा। यह बताएगा कि किसी खास टावर से निकलने वाली तरंगें सरकार की ओर से तय मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों ही ग्वालियर के एक 42 वर्षीय मरीज की मांग पर उसके इलाके से मोबाइल टावर हटाने का आदेश दिया था।मरीज का दावा था कि इस टावर से निकलने वाली घातक तरंगों के कारण ही उसे कैंसर हुआ है। कोर्ट के इस आदेश के बाद मोबाइल टावरों से उत्सर्जित होने वाले विकिरण को लेकर जारी बहस नए सिरे से तेज हो गई थी।

धनिया 14 महीने के निचले स्तर के करीब

महीनेभर में करीब 1500 रुपये टूटा

कोटा। अप्रैल की शुरुआत में एकतरफा तेजी के बाद अब धनिया के बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है, कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX पर महीनेभर में धनिया का भाव करीब 1,500 रुपये घट गया है । धनिया के भाव  14 महीने के निचले स्तर के करीब  आ गया। 

अप्रैल की शुरुआत में NCDEX पर नजदीकी वायदा सौदे के लिए धनिया का भाव 7,900 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया था लेकिन अब भाव घटकर 6,450 रुपये तक आ गया है। मार्च में धनिया की कीमतों ने 6,410 रुपये का निचला स्तर छुआ था जो करीब 13 महीने में सबसे कम भाव था।

NCDEX पर कमोडिटीज में भारी बिकवाली,  3 से 4 फीसदी तक गिरावट

हल्दी का भाव 4 फीसदी लुढ़का, धनिया में भी करीब इतनी ही गिरावट

मुंबई। कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX पर मंगलवार को सभी कमोडिटीज में भारी बिकवाली देखने को मिली है, कुछ कमोडिटीज में 3 फीसदी और कुछ में 4 फीसदी का निचला सर्किट लगा है, कुछ कमोडिटीज का भाव डेढ़ साल तो कुछ का तीन साल के निचले स्तर तक आ गया है।

पूरे बाजार में आचानक आई गिरावट से कारोबारियों हड़कंप मचा हुआ है। कारोबारी जानना चाहते हैं कि पूरे बाजार में अचानक इतनी ज्यादा गिरावट क्यों आई है? लेन -देन न्यूज़ ने इस गिरावट के पीछे कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX के अधिकारियों से बात की लेकिन अधिकारियों का कहना है न तो सरकार की तरफ से और न ही एक्सचेंज की तरफ से कोई ऐसा नियम जारी हुआ है जिस वजह से बाजार में बिकवाली को बढ़ावा मिले।

मंगलवार को NCDEX पर हल्दी का भाव 4 फीसदी लुढ़का, धनिया में भी करीब इतनी ही गिरावट देखने को मिली, इसके अलावा ग्वार और जीरा में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, कैस्टरसीड और मक्का में ढाई फीसदी, कपासखल में 2 फीसदी, बारले डेढ़ फीसदी और अन्य ज्यादातर कमोडिटीज में एक से डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 

इन्फोसिस देगी दस हजार अमेरिकियों को नौकरी

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एच1बी वीजा पर सख्ती का असर 

मुंबई। भारतीय आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अगले दो वर्षों में दस हजार अमेरिकियों को नौकरी देने का ऐलान किया है। इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एच1बी वीजा पर सख्ती का असर माना जा रहा है। 

इन्फोसिस अमेरिका में चार प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना भी करेगी। इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने मंगलवार को कहा कि पहला नवोन्मेष केंद्र इस साल अगस्त में इंडियाना में खुलेगा।

इस केंद्र में 2021 तक अमेरिकियों को दो हजार रोजगार मिलेंगे। तीन अन्य केंद्रों के लिए जगहों का भी जल्द चयन होगा। इन केंद्रों के जरिये कंपनी को वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र, विनिर्माण, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा कारोबार और ऊर्जा क्षेत्र में ग्राहकों के साथ नजदीकी से काम करने में भी मदद मिलेगी। 

 उत्तरी अमेरिका बड़ा बाजार

उत्तरी अमेरिका का आईटी बाजार इन्फोसिस के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वर्ष 2016-17 में कंपनी के राजस्व में उत्तरी अमेरिका का 60 प्रतिशत से अधिक योगदान रहा है। हालांकि सिक्का ने स्पष्ट किया कि फैसले की एकमात्र वजह वीजा के कड़े नियम ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल के दौरान आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस और वर्चुअल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। पुरानी परियोजनाओं को भी अब ज्यादा स्वचालित बनाया जा रहा है। 

पांच देशों की सख्ती दिखी

अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और सिंगापुर ने आईटी पेशेवरों के लिए वीजा नियमों में कठोरता बरती है। इसका असर भारतीय आईटी पेशेवरों पर पड़ा है। 

इन्फोसिस -टीसीएस पर लगाया था आरोप

अमेरिका ने हाल ही में इन्फोसिस, विप्रो और टीसीएस पर एच1बी वीजा का बड़ा कोटा हथियाने का आरोप लगाया था। व्हाइट हाउस ने कहा था कि ज्यादा से ज्यादा आवेदन कर ये कंपनियां एच1बी वीजा का ज्यादातर कोटा हथिया लेती हैं। हालांकि इन कंपनियों ने कहा था कि एच1बी वीजा में उनका हिस्सा महज 8-9 फीसदी ही है। भारत और अमेरिकी आईटी कंपनियां एच1बी वीजा के जरिये बड़ी संखया में भारतीय पेशेवरों को नौकरियां देती हैं।