सोना महंगा होने से वर्ष 2024 में तस्करी बढ़ी, पांच टन सोने के आभूषण जब्त

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महिला के अंडरगारमेंट से निकला सोना।

नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बिना ब्रांड के सोने के आभूषणों के आयात पर निगरानी बढ़ा दी है। हाल में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और आयातकों से जब्ती में तेजी से वृद्धि हुई है।

CBIC और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने वित्त वर्ष 24 में संयुक्त कार्रवाई कर करीब पांच टन (5,000 किलोग्राम) सोना जब्त किया है। वित्त वर्ष 24 में वित्त वर्ष 23 की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक जब्ती हुई। वित्त वर्ष 23 में 3.5 टन (3,500 किलोग्राम) सोने की जब्ती हुई थी।

इस मामले की सीधे तौर पर जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘बीते एक साल के दौरान सोने के आभूषणों की जब्ती में महत्त्वपूर्ण रूप से इजाफा हुआ है और कुल जब्त सोने में आभूषणों की हिस्सेदारी प्रमुख हो गई है। हम सोने की खेप मंगाए जाने के सभी मार्गों की निगरानी कर रहे हैं।’

आधिकारिक स्रोतों ने बताया कि दक्षिण पूर्व एशिया से मंगाए जाने वाली खेपों की कड़ी जांच की गई है। इन रास्तों से सोना मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत वैध रूप से आता है।इसके अलावा अधिकारी म्यांमार, बांग्लादेश और नेपाल से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इसका कारण यह है कि यह सोने के तस्करों का पसंदीदा मार्ग है।

अधिकारी ने बताया, ‘हम साझेदार कानून प्रवर्तन एजेंसियों का डेटा स्कैन कर रहे हैं। सोने की हरेक खेप पर नजर रख रहे हैं। इससे हम यह जांच कर सकेंगे कि इनका संबंध कहीं अवैध मार्ग आने वाले सोने से तो नहीं है।’ इस बारे में जानकारी के लिए हमने सीबीआईसी को ईमेल किया गया है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि देश में कुल तस्करी होने वाले किए जाने सोने में से केवल 5-10 फीसदी की जब्ती होती है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने बीते वर्ष आयात पर प्रतिबंध लगाने के इंतजाम किए थे और इसके तहत सोने के चुनिंदा आभूषणों व सामानों के आयात पर बंदिशें लगाई गई थीं। इन बंदिशों के तहत इन उत्पादों का आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी।

हालांकि यह नियम यूएई के साथ समग्र आर्थिक समझौते (CEPA) के शुल्क दर कोटा पर लागू नहीं होता है। भारत ने यूएई से मुक्त व्यापार समझौते के तहत 200 टन तक सोने के आयात पर दो फीसदी का कम शुल्क दर कोटा लागू किया है।

इस तरह का अंकुश इंडोनेशिया से बढ़ते आयात की समस्या से निपटने के लिए है। दरअसल, भारत-आसियान एफटीए के तहत सोने के कुछ उत्पाद शुल्क मुक्त आयात किए जा रहे हैं और फिर सोने के इन उत्पादों को गलाकर भारत में आभूषण बनाए जा रहे हैं।