Jeera Price Rise: विदेशी मांग बढ़ने से जीरा के भावों में तेजी का अनुमान

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राजकोट। Jeera Price: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे की मांग मजबूत बनी हुई है क्योंकि सीरिया, तुर्की तथा ईरान में हालत सामान्य नहीं है। सीरिया और ईरान तो प्रत्यक्ष रूप से इस स्थल के साथ युद्ध में फंसे हुए है जबकि तुर्की पर भी इस लड़ाई का असर पड़ रहा है।

इन देशो के शिपमेंट में बाधा पड़ने के कारण प्रमुख आयातक देश भारतीय जीरे की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे है। इसके फलस्वरूप वर्तमान वित्त वर्ष के आरम्भिक पांच महीनो में यानि अप्रैल से अगस्त 2024 के दौरान देश से जीरा का कुल निर्यात बढ़कर 1.12 लाख टन के करीब पहुंच गया जो वर्ष 2023 के इन्ही महीनो के शिपमेंट 70 हजार टन से 60 प्रतिशत ज्यादा रहा।

जीरे की निर्यात आय भी इस अवधि में 2425.69 करोड़ रूपए से 27 प्रतिशत बढ़कर 3069.76 करोड़ समय पर पहुंच गई। ध्यान देने की बात है कि इस समयावधि के दौरान ईरान, तुर्की एवं सीरिया में जीरे की आपूर्ति का ऑफ़ सीजन रहता है।

एक खास बात यह है कि जीरा की बिजाई में इस बार देर हो रही है। गुजरात तथा राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतो में आम तौर पर मध्य अक्टूबर से जीरे की अगैति बिजाई शुरू हो जाती है मगर इस बार नवंबर का प्रथम सप्ताह बीतने के बावजूद वहां बिजाई का अभियान शुरू नहीं हो सका है क्योंकि तापमान ऊंचाचल रहा है।

जीरा की बिजाई के लिए 28-30 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है जबकि इन दोनों राज्यों में उच्चतम तापमान 35-37 डिग्री तक पहुंच रहा है। तापमान में गिरावट आने पर ही जीरे की बीजाई जोर पकड़ सकती है। बिजाई की प्रक्रिया में हो रही देरी से बाजार को मजबूत रहने का अवसर मिल रहा है।

गुजरात की उंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक बढ़कर 14-15 हजार बोरी पर पहुंचते ही इसका भाव कुछ नरम पड़ गया निर्यात में आगे काफी तेजी का असर आगामी दिनों में पड़ सकता है। बांग्ला देश, श्रीलंका तथा मलेशिया के साथ-साथ चीन और यूरोप में भी जीरा की अच्छी मांग निकलने की उम्मीद है।