कोटा। सहकारिता का मूल एक सब के लिए सब एक लिए है। सहकार के बिना समाज का उत्थान संभव नहीं है। सहकार को एक संगठन से जोड़कर सकारात्मक लक्ष्य को तय किया गया है। समाज को जोड़ने की सबसे अच्छी इकाई सहकारिता है।
यह बात कोटा बूंदी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने कही। वह सहकार सप्ताह के अंतर्गत सरस सभागार में अधिकारी व कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहे थे। सभा का संचालन प्रबंध संचालक दिलखुश मीणा ने किया। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में सरस अधिकारी व कर्मचारी सहित 25 व्यक्ति शामिल रहे।
राठौड़ ने सभागार में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पशुपालक छोटी-2 समितियों का गठन कर डेयरी को दूध पहुंचाते हैं। यह सहकारिता का सबसे अच्छा उदाहरण है। पशुपालकों का संगठन इनकी सफलता का आधार है। इन समितियों के विकास व सरकारी सहायता समय पर पहुंचे, इसके लिए अधिकारी समय-2 पर मंथन व योजनाओ को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयार रहें।
एमडी दिलखुश मीणा ने बताया कि संघ द्वारा पशुपालकों को समय पर उनका दुग्ध का भुगतान दिया जा रहा है। वर्तमान में 1 लाख लीटर से अधिक दुग्ध की आवक हो चुकी है, जो नवम्बर माह में गत वर्षो में कभी भी नहीं रही थी।
राठौड़ ने अंत में सभी का आभार प्रकट किया और सजग रहकर किसान/पशुपालकों के हित में कार्य करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी फ़रीद ख़ान, प्रबंधक प्लांट अधिकारी शांतुनु कुमार बैरवा, सहकारिता विभाग के कर्मचारी, समितियों के सचिव-अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।