नए लेबर लॉ के कारण विदेशी कंपनियां की भारत में निवेश के प्रति रूचि कम: मित्तल

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कोटा डिवीजनल एम्प्लॉयर एसोसिएशन की जनरल बॉडी की बैठक

कोटा। द कोटा डिवीजनल एम्प्लॉयर एसोसिएशन की जनरल बॉडी की बैठक मंगलवार को एसएसआई भवन में आयोजित की गई। बैठक में सदस्यों ने उद्योग के विकास व नए जीएसटी नियमों व लेबर लॉ पर चर्चा की। अध्यक्ष वीनू मेहता ने इस अवसर पर सरकार व उद्यमियों के बीच सेतु बनाकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर माह बैठक आयोजन कर उद्यमियों की समस्याओं पर एसोसिएशन चर्चा करेगी और उसे सही माध्यम से सरकार के पास पहुंचाएगी।

मेहता ने कहा कि 21वीं सदी में हम तकनीक के साथ नहीं चले तो हम मार्केट में टिक नहीं सकते हैं। क्योंकि जिन कार्यों में 10 दिन का समय लगता था वह 10 सेकंड में पूरा हो रहे हैं। संरक्षक गोविंद राम मित्तल ने लेबर लॉ और जीएसटी में हुए परिवर्तन व उद्योग पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि कठिन लेबर लॉ के कारण विदेशी निवेश भारत को कम मिलता है। हमारी लेबर कॉस्ट कम है, परंतु कठिन नए लेबर लॉ के कारण नई विदेशी कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में कम इच्छुक रहती हैं। उन्होंने कहा कि नए नियमों में 1 दिन के कार्य करने वाले वर्कर को भी ग्रेच्युटी का हक होगा, ऐसे नियम तर्कसंगत नहीं हैं।

संरक्षक एनएन द्विवेदी ने संस्था के गठन व कार्यों की चर्चा मंच से की। उन्होंने 1985 की समस्या और संस्था के गठन व प्रारूप के बारे में सदन को बताया। पूर्व अध्यक्ष वी.के. जेटली ने अपने 14 वर्षों के कार्यकाल के अनुभव साझा किए।

उन्होंने परंपरागत तकनीकों की जगह, नए नवाचारों, प्रोडक्ट ब्रांडिंग, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले परिवर्तन, श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ाने पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन यशपाल भाटिया ने किया। कार्यक्रम में अपनी 14 वर्षों की सेवा के लिए वीके जेटली को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।