Heatstroke: क्या करें जब तापघात हो, जानें डॉक्टर कटियाल से बचाव एवं उपचार

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कोटा। Protection from heatstroke: उत्तर भारत हीटवेव के चपेट में है। कोटा समेत कई शहरों में तापमान भी 47 डिग्री से ऊपर जा चुका है। ऐसे में बढ़ती गर्मी व लू के कारण रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

ईथॉस हॉस्पिटल के निदेशक डाक्टर के. के. कटियाल ( एमडी मेडिसिन) ने बताया कि चिकित्सालयों में हीट वेव के कारण सैंकड़ों रोगी भर्ती हो रहे हैं। वर्तमान समय में गर्मी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण लोगों में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हीट स्ट्रोक जिसमें उच्च शरीर का तापमान, त्वचा का सूखना, चक्कर आना जैसी समस्या, हीट एक्झॉस्चन जिसमें अधिक पसीना, कमजोरी, ठंडी त्वचा
डिहाइड्रेशन प्यास, मुंह सूखना, कम मूत्र व मांसपेशियों में ऐंठन, गर्मी से मांसपेशियों में दर्द, हीट रैश जिससे त्वचा पर छोटे लाल फुंसी होने जैसी बिमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

यह रखे एतियात
ऐसे में शहर के लोगों को डॉ. कटियाल ने सलाह देते हुए कहा है कि गर्मी में शरीर में पानी की कमी होती है। इसलिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। गर्मी से बचने के लिए शरीर को ठंडा रखना आवश्यक है। गर्मी में सूती और हल्के कपड़े पहनने चाहिए, जिससे शरीर में पसीना निकल सके। गर्मी में शरीर में थकान होती है, इसलिए नींद पूरी करना आवश्यक है।

गर्मी में शीतल पेय पीना चाहिए, जिससे शरीर का तापमान कम हो सके। दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें। हल्का, पौष्टिक भोजन लें और नियमित दवाएं लेते रहें।
डॉ. कटियाल ने कहा कि हीटवेव से बचने के लिए हमें सावधान रहना चाहिए और उपरोक्त उपाय अपनाने चाहिए।

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन या अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों से पीड़ित है, तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।