Cumin Price: जीरा एक महीने में 34% महंगा, भाव 31 हजार रुपये क्विंटल हुआ

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नई दिल्ली। Cumin Price: मजबूत मांग और धीमी आपूर्ति के कारण जीरा की कीमतों 31 हजार रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गई। पिछले एक महीने में जीरा करीब 34 फीसदी महंगा हो गया। कीमतें बढ़ने की उम्मीद की वजह से किसान और स्टॉकिस्ट माल बेचने नहीं रहे हैं। मंडियों में आवक के मुकाबले निर्यात मांग अधिक बढ़ने की वजह से आने वाले महीनों में जीरा की कीमतें और बढ़ने का अनुमान है।

पिछले एक महीने से जीरा का भाव सरपट दौड़ रहा है। जीरा की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली उंझा में जीरा के दाम बढ़कर 30,952 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि पिछले महीने 16 अप्रैल को इसकी कीमत 23033 रुपये प्रति क्विंटल थी। यानी एक महीने में जीरा करीब आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल महंगा हो गया। जीरा के भाव भले ही बढ़ रहे हों लेकिन पिछले साल के मुकाबले अभी भी कीमतें करीब 33 फीसदी कम है। पिछले साल 9 अगस्त 2023 को जीरा महंगाई के सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 62205 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था।

हाजिर बाजार की तर्ज पर वायदा बाजार में जीरा में तेजी देखी जा रही है। हालांकि आज NCDEX में (जून वायदा अनुबंध) जीरा के दाम 2.13 फीसदी की गिरावट देखी गई। वायदा बाजार में जीरा 30330 रुपये में खुला और गिरावट के साथ 29510 रुपये प्रति क्विंटल बंद हुआ। बाजार जानकारों का मानना है कि जीरा में अभी गिरावट का दौर नहीं आया है क्योंकि दाम उच्चतम स्तर से अभी 50 फीसदी कम है। किसान और स्टॉकिस्टों की नजर पिछले साल के स्तर पर लगी है क्योंकि बाजार का रुझान पिछले साल की तरह ही बनता जा रहा है।

कमोडिटी रिसर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक, मजबूत मांग के साथ-साथ आपूर्ति में कमी के कारण जीरा वायदा कीमतों में तेजी रही। हर गुजरते महीने के साथ आवक कम होने से नए सिरे खरीदारी शुरु हो गई, जिससे हाल के हफ्तों में निर्यात मांग में सुधार भी हुआ। देश की प्रमुख मंडियों में मार्च महीने में करीब 68.8 हजार टन जीरा आया और अप्रैल में यह घटकर 44.68 हजार टन रह गया। मई महीने में भी गिरावट होने की संभावना है क्योंकि किसान मौजूदा दर पर अपना माल बेचना नहीं चाह रहे हैं। हालांकि कुल आवक पिछले साल की तुलना में अधिक है। इस साल मई के शुरुआत 15 दिनों में करीब 26 हजार टन की आवक हुई है जबकि पिछले इसी अवधि में 15.6 हजार टन की आवक हुई थी।

इस साल मार्च में भारत से जीरा निर्यात 73 फीसदी बढ़कर 32.12 हजार टन हो गया। चीन और बांग्लादेश से मांग में अधिक वृद्धि हुई जिससे हाल के सप्ताहों में निर्यात बढ़ा है। आने वाले महीनों में कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में स्टॉकिस्ट माल रोक कर रखे हुए। किसानों को उनकी खेती की लागत पर बेहतर रिटर्न मिलने के बाद आपूर्ति बढ़ सकती है, आपूर्ति में बढ़ोत्तरी के बाद ही कीमतों में लगाम लगने का अनुमान है। फिलहाल जीरा में तेजी का दौर बना रहेगा।

गुजरात और राजस्थान के प्रमुख जीरा-उत्पादक क्षेत्रों में बोआई क्षेत्र और अनुकूल मौसम की स्थिति में वृद्धि हुई है, जिससे उत्पादन में अधिक हुआ है। गुजरात में 4.08 लाख टन जीरा उत्पादन का अनुमान है, जबकि राजस्थान में 53 फीसदी अधिक उत्पादन हुआ है।