Cotton Price: तेजी की उम्मीद में किसानों ने कपास रोका, मंडियों में आवक घटी

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नई दिल्ली। Cotton Price: देश के प्रमुख कॉटन उत्पादक महाराष्ट्र की ज्यादातर मंडियों में कपास का दाम एमएसपी से ज्यादा है, लेकिन किसानों को उम्मीद उससे ज्यादा दाम मिलने की है।

पिछले दो महीनों से कपास की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है जबकि किसानों को लग रहा है कि कम उत्पादन के कारण इस साल कपास में तेजी जरूर आएगी। किसानों के इसी अनुमान के चलते मंडियों में आवक कम हो रही है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक कॉटन (शंकर 6) की कीमतों में पिछले दो महीने में करीब 8 फीसदी की गिरावट हो चुकी है। कॉटन के दाम गिरकर 16,057 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। जबकि दो महीने पहले यानी 15 मार्च को दाम 17,434 रुपये प्रति क्विंटल बोली जा रही थी। एक साल पहले शंकर 6 किस्म के कॉटन का भाव 16,759 रुपये प्रति क्विंटल था।

एसएमसी रिसर्च के मुताबिक आईसीई में कॉटन की कीमतों में गिरावट के संकेतों को देखते हुए कॉटन की कीमतों में गिरावट जारी है। फसल की बेहतर स्थिति और बुआई गतिविधियों का आईसीई कॉटन की कीमतों पर असर पड़ा है।

एनएएसएस क्रॉप प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार 5 मई तक अमेरिकी कपास की फसल 24 फीसदी बोई जा चुकी है। जो पिछले साल और पांच साल की औसत की तुलना में चार फीसदी अधिक है। बढ़ती निर्यात मांग और घटती आवक के कारण घरेलू कपास की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) द्वारा जारी नवीनतम अनुमान के अनुसार अक्टूबर-मार्च के दौरान निर्यात 137 फीसदी बढ़कर 18 लाख गांठ हो गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 7.59 लाख गांठ हुआ था। ताजा अनुमान के मुताबिक आवक में कमी रहने की संभावना है क्योंकि वर्ष 2023-24 में 323.1 लाख गांठ का उत्पादन में से लगभग 280.6 लाख गांठ की आवक हो चुकी है।

वायदा बाजार में कॉटन के भाव में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है और फिलहाल बहुत बदलाव भी नजर नहीं आ रहा है। एसएमसी कमोडिटी रिसर्च के मुताबिक फिलहाल एमसीएक्स पर कॉटन की कीमतें 56,000-57,500 के दायरे में कारोबार कर रही है जबकि कपास (अप्रैल 25) वायदा की कीमतों के 1,530-1,580 के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

महाराष्ट्र की मंड़ी में भी कपास के भाव में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि इस साल कम उत्पादन के अनुमान को देखते हुए किसानों को लग रहा है कि इस साल भी 2021 और 2022 की तरह 9,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम मिल सकते हैं।

इस साल भी पिछले महीने कुछ मंडियों में कपास का दाम 8300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था। लेकिन अब यह गिरकर 7,000 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल तक स्थिर है। कम उत्पादन के कारण इस साल किसान अभी दाम बढ़ने की उम्मीद रखे हुए हैं। महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार इस समय महाराष्ट्र की मंडियों में कॉटन का औसत भाव 7,250 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कॉटन का एमएसपी 7,020 रुपये जबकि मध्यम रेशे वाले की एमएमपी 6,620 रुपये क्विंटल तय की हुई है। इससे कम कीमत मिलने पर किसानों को नुकसान होता है। इस समय ज्यादातर मंडियों में किसानों को एमएसपी जितना दाम मिल जा रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल से कुछ कम है। वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान में कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था। एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास आता है। कपास के उत्पादन में कमी के अनुमान की वजह से अब भी किसानों को दाम बढ़ने की उम्मीद है।