नई दिल्ली। ऊंची कीमतों के बावजूद आयात शुल्क में कटौती से देश में सोने की मांग इस साल की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़कर नौ साल के उच्च स्तर 248.3 टन पर पहुंच गई।
एक साल पहले की समान तिमाही में सोने की कुल मांग 210.2 टन रही थी। वहीं, मूल्य के लिहाज से सोने की कुल मांग सालाना आधार पर 53 फीसदी बढ़कर 1,65,380 करोड़ रुपये पहुंच गई। 2023 की तीसरी तिमाही में 1,07,700 करोड़ रुपये का सोना बिका था।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर में सोने के आभूषणों की कुल मांग 10 फीसदी बढ़कर 171.6 टन पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से 1,14,300 करोड़ रुपये के आभूषण खरीदे गए। यह जुलाई-सितंबर, 2023 के 79,830 करोड़ रुपये की तुलना में 43 फीसदी अधिक है। डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सचिन जैन ने कहा, जुलाई में सोने के आयात शुल्क में कटौती से आभूषणों की मांग में सुधार हुआ। यह सोने के लिए 2015 के बाद से सबसे मजबूत तीसरी तिमाही रही।
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छह महीने में 22 फीसदी बढ़ा आयात
मजबूत घरेलू मांग के कारण देश का सोना आयात चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने (अप्रैल-सितंबर) में 21.78 फीसदी बढ़कर 27 अरब डॉलर पहुंच गया। 2023-24 की पहली छमाही में कुल 22.25 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 2.3 अरब डॉलर का चांदी आयात किया गया। यह एक साल पहले की समान अवधि के 48.06 करोड़ डॉलर से 376.41 फीसदी अधिक है। 2023-24 में सोने का कुल आयात 30 फीसदी बढ़कर 45.54 अरब डॉलर रहा था।
स्विट्जरलैंड सबसे बड़ा निर्यातक
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने का सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसकी हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। संयुक्त अरब अमीरात (16 फीसदी से अधिक) दूसरे और दक्षिण अफ्रीका (करीब 10 फीसदी) तीसरे स्थान पर है।
आयात से व्यापार घाटे में उछाल
सोने के आयात में उछाल से देश का व्यापार घाटा पहली छमाही में 119.24 अरब डॉलर से बढ़कर 137.44 अरब डॉलर पहुंच गया। चालू खाते का घाटा भी अप्रैल-जून, 2024 में मामूली बढ़कर 9.7 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.1 फीसदी पहुंच गया।