भारत में सोने की मांग चार साल के निचले स्तर पर: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल

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नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, 2024 में भारत की सोने की मांग चार साल के सबसे निचले स्तर पर आ सकती है। इसकी वजह सोने की कीमतों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचना है, जो दिसंबर तिमाही में त्योहारों के दौरान खरीदारी को प्रभावित कर सकता है।

भारत में इस साल सोने की मांग 700 से 750 मीट्रिक टन के बीच रह सकती है, जो 2020 के बाद से सबसे कम होगी। पिछले साल यह मांग 761 टन रही थी। यह जानकारी WGC के भारतीय ऑपरेशन्स के सीईओ सचिन जैन ने रॉयटर्स को दी। भारत में साल के अंत में सोने की मांग आमतौर पर बढ़ जाती है, क्योंकि शादी और प्रमुख त्योहारों जैसे दिवाली और दशहरा के मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है।

जैन ने कहा, “इस साल, कई खरीदारों ने अगस्त में ही सोने की खरीदारी कर ली, क्योंकि जुलाई में भारत सरकार द्वारा आयात शुल्क में 9 प्रतिशत अंकों की कटौती के बाद स्थानीय कीमतों में तेजी से गिरावट आई थी।” जैन ने कहा, “खरीदार अब कीमतों के स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं। मात्रा के हिसाब से इस साल त्योहारों के दौरान मांग कम रहेगी।”

बुधवार को घरेलू सोने की कीमतें रिकॉर्ड 79,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (947 डॉलर) तक पहुंच गईं। 2024 में सोने की कीमतें 26 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं, जबकि 2023 में इनमें 10 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की खपत 18 प्रतिशत बढ़कर 248.3 टन हो गई। इस दौरान निवेश की मांग में 41 प्रतिशत और ज्वैलरी की मांग में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

भारत के फिजिकल गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) ने सितंबर में लगातार छठे महीने इनफ्लो दर्ज किया और इनकी होल्डिंग्स जनवरी के 43.3 टन से बढ़कर 52.6 टन हो गईं। सचिन जैन ने कहा, “शेयर बाजार में भारी बिकवाली हो रही है, जिससे इस तिमाही में कुछ निवेश शेयर बाजार से भी सोने की ओर आएगा।” भारत के एनएसई निफ्टी 50 शेयर सूचकांक ने 27 सितंबर के रिकॉर्ड स्तर से लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।