रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के नियमों मे दी छूट

0
104

कोटा। स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा और लघु उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक स्टेशन एक उत्पाद योजना को और लाभदायक बनाने के लिए कोटा रेल प्रशासन द्वारा इसकी स्थापना व आवंटन के नियमों में शिथिलता प्रदान की है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि पूर्व में सभी स्टेशनों पर स्टाल आवंटन के लिए 15 दिन के 1000 रुपये लाइसेंस फीस ली जा रही थी। अब बड़े स्टेशनों पर लाइसेंस फीस वही रखी गई है लेकिन छोटे स्टेशनों पर इसे घटाकर 500 रुपये प्रति 15 दिन कर दिया गया है। वर्तमान में यह स्टाल 15 दिनों के लिए आवंटित की जा रही थी, जिसे अब 3 माह के लिए आवंटित किया जा सकेगा। सभी स्टेशनों के लिए उत्पाद निर्धारित किए गए हैं।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने बताया कि यदि इन उत्पादों से संबंधित स्टॉल संचालक उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इन उत्पादों को बदलकर अन्य उत्पाद की स्टॉल का भी आवंटन किया जा सकेगा। स्टॉल रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। आवंटन के लिए संबंधित स्टेशन अधीक्षक से संपर्क करना होगा।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय के अनुसार नियमों मे यह शिथिलता अधिक से अधिक लाभग्राही की सुविधा व लाभ के मद्देनजर की गई है ताकि वे इस योजना के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर सकें। मण्डल के रेलवे स्टेशनों पर लगाई गई एक स्टेशन एक उत्पाद स्टॉल दूरदराज से आने वाले रेलयात्रियों को लगातार आकर्षित कर रही हैं। जहां यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर संबंधित क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद यात्रा के दौरान ही आसानी से मिलने लगे हैं, वहीं उत्पादकों की भी बिक्री होने लगी है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने बताया कि रेल प्रशासन द्वारा स्थानीय स्वदेशी उत्पादकों को बाजार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से यह योजना शुरू की गई है। मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर लोकल उत्पादों की बिक्री के लिए आउटलेट / स्टॉल, क्योस्क का आवंटन संबंधित रेलवे स्टेशन पर किया गया है। एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत प्रत्येक स्टॉल पर संबंधित स्टेशन के लोकल उत्पाद जैसे- कोटा डोरिया साड़ी/सूट, आँवला, शहद, नमकीन पापड़ी, खादी हैंडलूम, टायगर हैंडीक्राफ्ट्स, खीरमोहन मिठाई, लाख की चूड़ियां, सरसों तेल एवं अचार आदि शामिल हैं ।