राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी तो कौन होगा मुख्यमंत्री, दिया संकेत

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Next Chief Minister of Rajasthan: राजस्थान विधानसभा के इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में यदि भारतीय जनता पार्टी की किस्मत चमकी और अगर पार्टी विधानसभा में बहुमत जुटाने लायक विधायक जिताने में सफल रही तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस मसले को लेकर अकसर कयास लगाए जाते रहे हैं।

हालांकि इस मसले पर पार्टी आलाकमान चुप्पी यादव चुप्पी साधे रहता है या फिर आमतौर पर यह कहकर सवाल का जवाब टाल दिया जाता है कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी इस बारे में फैसला करेगी। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन बाद राजस्थान यात्रा से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में भी जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था देने का फ़ैसला कर विधानसभा चुनाव से पहले नई जिम्मेदारी सौंपने का एक संकेत दिया है।

इससे पहले से ही आस लगाये बैठे प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में अंतर्कलह बढ़ने के आसार बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दौसा की यात्रा पर आने वाले हैं। उसके पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में उनके प्रवास के दौरान जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था देने का गृह मंत्रालय के जरिए आदेश जारी करके विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक के संकेत दिया है।

इससे भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं को झटका लग सकता है जो अगले चुनाव में पार्टी के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं। केंद्रीय नेतृत्व के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को तरजीह देने से सबसे बड़ा झटका राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लग सकता है। क्योंकि यह फैसला इस पद के लिये श्रीमती राजे की तीसरी कोशिश की आशाओं-आकांक्षाओं पर गहरा आघात साबित हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि अगले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बहुमत में आने के बाद जो प्रदेश नेता राज्य की सत्ता की बागडोर संभालने के लिए लालायित हैं, उनमें पहला नाम श्रीमती राजे का है और वैसे भी प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक स्थिति का आकलन किया जाए तो श्रीमती राजे न केवल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के
कार्यकर्ताओं की सर्वाधिक स्कीकार्य और लोकप्रिय नेता हैं बल्कि आम जनता भी आम तौर पर उन्हें पसंद करती है।

भारतीय जनता पार्टी के ‘इकलौते आलाकमान’ प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को कई कारणों से श्रीमती राजे का महत्व स्वीकार नहीं है। अन्य दावेदारों में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र सिंह राठौड़, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया, संघ की पृष्ठभूमि से आए वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व में प्रदेश के अध्यक्ष रह चुके ओम माथुर, किरोड़ी लाल मीणा और इनके साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले श्री शेखावत को सुरक्षा का विस्तृत कवच प्रदान कर प्रधानमंत्री की इस पद के लिए पसंद का एक संकेत सा दिया है। हालांकि कहा यह जा रहा है कि श्री शेखावत की सुरक्षा हाल ही में उनके जयपुर दौरे के समय राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और महासचिव के बीच मारपीट की घटना के समय श्री शेखावत की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल के कारण बढ़ाई गई है।

क्योंकि इस घटना के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने भी श्री शेखावत की सुरक्षा पर चिंता जताई थी। राजनीतिक क्षेत्रों में यह माना जा रहा है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले श्री शेखावत को भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नई जिम्मेदारी दे सकता है।