जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष के बजट को राज्य के लिए नई सुबह का ऐलान बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसमें विकास का नया ‘जीपीएस’ है। गहलोत ने भरोसा जताया कि राज्य में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार ‘रिपीट’ होगी।.
गहलोत ने अपने मौजूदा कार्यकाल का पांचवां व अंतिम बजट शुक्रवार को पेश किया। गहलोत ने इस कार्यकाल के आखिरी बजट में दिल खोलकर राहतें बांटी हैं। पिछले बजट की तरह इस बार भी नया कर नहीं लगाया गया है, बल्कि अलग-अलग घोषणाओं के जरिए 19000 करोड़ रुपए की राहतें आम आदमी को दी हैं। हालांकि कुछ लोगों को पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की आस थी, जो अधूरी रह गईं।
गहलोत के इस बजट में बढ़ती महंगाई से लड़ने की कोशिश दिखाई दे रही है। चिरंजीवी योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों में 10 की जगह 25 लाख तक का इलाज फ्री करवाया जा सकेगा। अब 50 की जगह अब 100 यूनिट घरेलू बिजली फ्री मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा कराई जाने वाली सभी तरह की भर्ती परीक्षाएं निशुल्क कर दी गई हैं। उज्ज्वला योजना में शामिल 76 लाख परिवारों को गैस सिलेंडर 500 रुपए में मिलेगा।
दो जोड़ी स्कूल यूनिफाॅर्म फ्री
मुख्यमंत्री गहलोत ने हजारों परिवारों का स्कूल यूनिफॉर्म पर होने वाले खर्चे को भी बिल्कुल खत्म कर दिया है। उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दो जोड़ी स्कूल यूनिफाॅर्म फ्री देने की घोषणा की। इससे पहले स्कूल यूनिफॉर्म सिलवाने के लिए कपड़ा दिया गया था। अब सरकारी स्कूल में बच्चों को भेजने वाले परिवारों का सिलाई खर्च भी बच जाएगा। साथ ही, स्काउड-गाइड को भी रोजवेज बसों में निशुल्क यात्रा का तोहफा दिया है।
महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट
गहलोत ने राजस्थान रोडवेज में सफर करने वाली महिलाओं के लिए सफर सस्ता कर तोहफा दिया है। सरकारी बसों अब राजस्थान सीमा के भीतर बस किराया आधा ही लगा करेगा। इससे पहले किराए में 30 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन अब ये छूट 50 फीसदी मिला करेगी। यानी बस का टिकट 100 रुपए का है तो पहले महिलाओं को 70 रुपए देने होते थे, अब 50 रुपए ही देने होंगे।
कोई नया टैक्स नहीं
गहलोत ने इस कार्यकाल के पिछले बजटों की तरह इस बार भी राजस्थान की जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया। गहलोत ने अपने इस बजट की ब्रांडिंग बचत, राहत और बढ़त जैसे शब्दों से की थी, बजट भी वैसा ही पेश हुआ है।