विश्व के दूसरे उभरते बाजारों की करेंसी से बेहतर है रुपया: सीतारमण

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नई दिल्ली। केद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारतीय रुपया नहीं गिर रहा है, बल्कि यूएस डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई (RBI) रुपये को नीचे जाने से रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है। सीतारमण इस समय अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं।

वे वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। इस कांफ्रेंस में एक रिपोर्टर ने उनसे रुपये (Indian rupee) को लेकर सवाल किया था। रिपोर्टर ने पूछा, ‘भू-राजनीतिक तनावों के बीच रुपये में काफी गिरावट देखी गई है। आप आने वाले समय में रुपये के सामने क्या चुनौतियां देखती हैं और उनसे कैसे निपटेंगे?

सीतारमण ने कहा, ‘सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है, बल्कि ऐसे देखती हूं कि डॉलर (US dollar) मजबूत हो रहा है। डॉलर तेजी से मजबूत हो रहा है। इसलिए स्वाभाविक रूप से वे करेंसीज कमजोर होंगी, जिसकी तुलना में ये मजबूत हो रहा है। भारतीय रुपया दूसरे उभरते बाजारों की करेंसीज की तुलना में अच्छा परफॉर्म कर रहा है। हालांकि, आरबीआई रुपये में गिरावट को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।’ बता दें कि भारतीय रुपया यूएस डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है। एक डॉलर की कीमत 82.42 भारतीय रुपये के बराबर हो गई है।

व्यापार घाटे पर नजर
वित्त मंत्री इस प्रेस कांफ्रेंस में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में भी बोलीं। सीतारमण ने कहा, ‘हम क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मामलों को जी20 देशों के सामने चर्चा के लिए लाना चाहते हैं, ताकि सदस्य इस पर चिंतन कर सकें और वैश्विक स्तर पर एक फ्रेमवर्क या एसओपी पर पहुंच सकें। देशों के पास तकनीकी रूप से संचालित रेगुलेटरी फ्रेमवर्क हो सकता है।’ इसके अलावा वित्त मंत्री व्यापार घाटे पर भी बोलीं। उन्होंने कहा, ‘व्यापार घाटा बढ़ रहा है। लेकिन हम इस पर नजर रख रहे हैं कि क्या किसी एक देश के खिलाफ कोई बेमेल बढ़ोतरी होती है।’

अपने फैसले लेने के लिए आजाद है ED
वाशिंगटन डीसी में हुई प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री से विरोधियों के खिलाफ ED के दुरुपयोग के बारे में भी एक सवाल हुआ। इस पर सीतारमण ने कहा, ‘ED जो करती है, उसमें वह पूरी तरह से स्वतंत्र है। वह अपने फैसले लेने के लिए पूरी तरह आजाद है। यह एक ऐसी एजेंसी है, जो विधेय अपराधों का अनुसरण करती है। ऐसे उदाहरण हैं, जो इतने संज्ञेय होते हैं और यदि कुछ प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के कारण ED के अधिकारी वहां जाते हैं, तो यह उनके हाथों में होता ह