शार्टकट से देश का भला नहीं हो सकता, काशी में बोले पीएम मोदी

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं की सौगात दी। पीएम मोदी ने कहा कि शार्टकट से देश का भला नहीं हो सकता। कुछ नेताओं का भला हो सकता है। आपने मुझे अपना सांसद बनाकर सेवा का मौका दिया है। जब आप कोई अच्छा काम करते हैं तो मेरा आनंद और बढ़ जाता है। काशी के जागरूक नागरिकों से जिस तरह से मेरा साथ दिया है, उससे बेहद आनंदित हूं।

मोदी ने कहा कि मुझे याद है 2014 में आने के बाद काशी में बाहर से आने वाले लोग सवाल करते थे कि यहां इतना ज्यादा अव्यवस्थित है ठीक कैसे होगा। बनारस में जहां नजर डालों, बदलाव की जरूरत नजर आती थी। साफ लगता था कि बनारस के विकास में दशकों से कोई काम हुआ ही नहीं। लोगों को यह दे दो, वह दे दो…इससे ज्यादा उसकी सोच आगे जाती ही नहीं थी। लोग यही सोचते थे कि कौन इतनी मेहनत करे। अपना पसीन बहाए।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत हर-हर महादेव से की। कहा कि काशी में एक कहावत है कि यहां सात वार और नौ त्योहार होला…यानी यहां रोज नया त्योहार मनाया जाता है। मोदी ने कहा कि काशी ने एक ऐसी तस्वीर देश को दिखाई है जिसमें विरासत भी है और विकास भी है। ऐसी विरासत जिसे भव्य, दिव्य और नव्य बनाने का काम लगातार जारी है। ऐसा विकास जो काशी की सड़कों, गलियों, कुंडों, घाटों और रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक में निरंतर गतिमान है।

पीएम मोदी ने कहा कि काशी में एक प्रोजेक्ट खत्म होता है तो चार नए शुरू हो जाते हैं। आज भी यहां 1700 करोड़ रुपये से अधिक के दर्जनों प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। काशी में सड़क, बिजली, पानी, स्वच्छता और सुंदरीकरण से जुड़ी हजारों करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। हजारों करोड़ की परियोजनाओं पर काम जारी है।

काशी की आत्मा अविनाशी है। लेकिन काया में निरंतर नवीनता लाने के लिए जी जान से प्रयास कर रहे हैं। हम काशी को और ज्यादा गतिशील, प्रगतिशील और आधुनिक बनाने का है। इससे शिक्षा, कौशल, पर्यावरण, स्वच्छता और व्यापार के लिए प्रोत्साहन मिलता है, नई संस्थान बनते हैं और आधुनिकता से जोड़ा जाता है तो विकास प्रगतिशील होता है।

कहा कि जब गरीबों को घर, पानी, बिजली, टायलेट जैसी सुविधाएं मिलती हैं। नाविकों, बुनकरों, रेहड़ी, पटरी वालों को लाभ मिलता है तो विकास संवेदनशील होता है। आज जो लोकार्पण और शिलान्यास हुए। उनमें गतिशीलता, प्रगतिशीलता और आधुनिकता है।

कहा कि बनारस के लोगों ने सही रास्ता दिखाया, सही रास्ता चुना, उन्होंने बताया कि काम ऐसा हो जो वर्तमान को ठीक करे ही भविष्य में भी कई कई दशकों तक बनारस को लाभ पहुंचाए। जब दूरगामी प्रयास होते हैं तो नतीजे भी निकलते हैं। पिछले आठ सालों में काशी का इंफ्रास्ट्रचर कहां से कहां पहुंच गया है। इससे सभी को लाभ हो रहा है। रिक्शा वाला भी कह रहा है कि दिनभर इतना काम हो रहा है। व्यापारी भी कहता है कि छह महीने का माल एक महीने में बिक जाता है।

यह जो सड़कें बन रही हैं। गरीबों के घर बन रहे हैं। इनमें जो सामान लगता है, उससे काफी लोगों का बिजनेस बढ़ रहा है। बनारस के लोग जिस दूरगामी सोच पर चले हैं, उसका लाभ सभी को हो रहा है। आज काशी के चारों तरफ रिंग रोड से लेकर तमाम फ्लाईओवर और ओवरब्रिज बन गए हैं। वरुणा पर ब्रिज और रेल ओवरब्रिज बन जाएंगे तो यह सुविधा और बढ़ने वाली है।

आज काशी की तीन और सड़कों के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ है। इससे मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, भदोही और मिर्जापुर जैसे जिलों से आना जाना आसान होगा और जाम भी नहीं लगेगा। शहरों की सड़कों को गांवों से जोड़ने के लिए नौ सड़कों का भी शिलान्यास हुआ है। बारिश में जो मुश्किलें गांव से शहर आने में होती थीं, अब नहीं होगी। आजज सेवापुरी को बनारस से जोड़ने वाली सड़क पर भी काम शुरू हुआ है। इसके पूरा होते ही सभी तहसील और ब्लाक मुख्यालय सात मीटर चौड़ी सड़क से जुड़ जाएंगे।
सावन दरवाजा खटखटा रहा है। देश और दुनिया से बाबा के भक्त भारी संख्या में बनारस आने वाले हैं। विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद यह पहला सावन उत्सव होगा। मुझे बताया गया है कि गर्मी के बाद भी इस बार रोजाना लाखों भक्त यहां आए। सावन में भी दिव्य, भव्य और नव्य काशी का अनुभव मिलेगा।

कहा कि पहले जब कोई तीर्थयात्री आता था तो लोग अपने घर बुलाकर खाना खिलाते थे। काशी में भी यही परंपरा थी। भावना यह थी कि श्रद्धालु को किसी तरह की असुविधा न हो। इसी भावना पर हमारी सरकार चल रही है। काशी भैरव यात्रा, अष्ट विनायक यात्रा और आस्था वाली सभी यात्रा सुगम हो, इसके लिए सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। पंचक्रोशी यात्रा मार्ग में व्यवस्थाएं तैयार की जा रही हैं।

काशी की पहचान यहां की गलियां और घाटों को साफ सुथरा और सुव्यवस्थित बनाना हो, या गंगा को निर्मल बनाने का काम तेज गति से चल रहा है। हमारे लिए विकास का अर्थ केवल चमक धमक नहीं है। गरीब दलित वंचित पिछड़े आदिवासी माताएं बहनें। इन सभी का सतत विकास ही हमारा उद्देश्य है। आज छह सौ से अधिक परिवारों को अपना पक्का घर मिला है। यानी छह सौ से ज्यादा लखपति बन गए।