रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1,400 से अधिक पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर

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नई दिल्ली। देशभर में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Ltd.) के 1,400 से अधिक पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर आ गए हैं । कंपनी जियो-बीपी (Jio-BP) ब्रांड नाम से ये पेट्रोल पंप चलाती है जो रिलायंस और बीपी पीएलसी (BP Plc) का जॉइंट वेंचर है। हाल में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी से कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है और उसने पेट्रोल पंपों को डीजल की सप्लाई (diesel supply) आधी कर दी है। डीलरों का कहना है कि पेट्रोल पंपों को बंद होने से बचाने के लिए कंपनी उन्हें मुआवजा देने की योजना बना रही है। तीन डीलरों ने यह जानकारी दी है।

रिलायंस ने 16 मार्च को डीलरों को डीजल की रोजाना बिक्री करीब आधी कर दी थी। उसका कहना था कि उसे एक लीटर डीजल पर 10 से 12 रुपये का नुकसान हो रहा है। उसके बाद से कंपनी ने तेल की पूरी सप्लाई बहाल नहीं की है। बिहार के एक डीलर ने कहा कि पेट्रोल पंपों को बंद होने से बचाने के लिए रिलायंस हमें कुछ विकल्प देने पर विचार कर रही है। इसमें फाइनेंशियल सपोर्ट या फ्यूल सप्लाई में बदलाव शामिल है। इस बारे में रिलायंस ने उसे भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।

पहले भी किए थे पेट्रोल पंप बंद: कंपनी ने छह मई को नतीजों की घोषणा करते हुए कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में तेजी आ रही है लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत उसके मुताबिक नहीं बढ़ी है। इससे 22 फरवरी से फ्यूल रिटेलिंग इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है जिसमें जियो-बीपी भी शामिल है। इससे मौजूदा ऑपरेशन और सेक्टर में निवेश करने की भूख बुरी तरह प्रभावित हुई है।

2008 में भी रिलायंस ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अपने पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे और डीलरों को मुआवजा दिया था। जिन डीलरों ने पेट्रोल पंप जारी रखने का फैसला किया था उन्हें डीजल पर 500 रुपये प्रति किलोलीटर और डीजल पर 400 रुपये प्रति किलोलीटर का एडिशनल मार्जिन दिया गया था। जिन पेट्रोल पंपों ने बिक्री बंद कर दी थी उन्हें लगाई गई पूंजी पर 12.5 फीसदी रिटर्न दिया गया था।

कंपनसेशन प्लान: गुजरात के एक डीलर ने कहा, कंपनी के अधिकारियों ने हमें बताया है कि पेट्रोल पंपों को बंद होने से बचाने के लिए एक कंपनसेशन प्लान पर काम चल रहा है। कंपनी ने तेल की सप्लाई बहाल नहीं की है और हमारे पेट्रोल पंप हफ्ते में तीन से चार दिन बंद रहते हैं। अगर कंपनी ओवरहेड एक्सपेंसेज के लिए कंपनसेशन देती है तो इससे हमें बड़ा सपोर्ट मिलेगा। 22 मार्च से छह अप्रैल के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमत में 14 बार बढ़ोतरी की गई।

पिछले साल नवंबर से इस साल मार्च तक पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया जबकि इस दौरान सात मार्च को कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 106.26 डॉलर प्रति बैरल थी। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें हरेक लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 20 रुपये का नुकसान हो रहा है।