मुंबई। रूस-यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल की उछलती कीमतों, ब्याज दर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकडे इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि एफओएमसी की बैठक, रूस-यूक्रेन संघर्ष इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक कारक रहेंगे। अभी रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे।
मीणा ने कहा कि इन सबके बीच कच्चे तेल की कीमतें और विदेशी निवेशकों का रुख भी भारतीय बाजारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े सोमवारको आएंगे। होली के मौके पर शुक्रवार यानी 18 मार्च को बाजार बंद रहेंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और अब निकट भविष्य में बाजार अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर प्रतिक्रिया देगा। रूस-यूक्रेन भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति दबाव को लेकर रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया आदि पर अब बाजार की निगाह रहेगी। इनके अनुकूल होने तक बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। रुपये का उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल के दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं। घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह रहेगा। सोमवार को बाजार भागीदार औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसी तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। इनपर सभी की निगाह रहेगी।