सरकारी टीचर ने 7 लाख के लालच में बुआ के बेटे की जगह दी रीट

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कोटा। रीट एग्जाम के दौरान कोटा ग्रामीण पुलिस की गिरफ्त में आया मुन्नाभाई सरकारी टीचर निकला है। जो अपनी बुआ के बेटे की जगह ताथेड़ सेंटर पर परीक्षा देने कोटा आया था। कोटा पुलिस को SOG से इनपुट मिला था। जिसके बाद ग्रामीण इलाके के ताथेड़ सेंटर पर पुलिस ने नजर रखी। मुन्नाभाई, ने दूसरी पारी में परीक्षा दी।

जैसे ही एग्जाम खत्म हुआ। पुलिस में युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। आरोपी सुरेश कुमार विश्नोई (26) निवासी वोडा, थाना करडा,जिला जालौर का निवासी है। वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरणाय,सांचौर में पदस्थापित है।

एसपी शरद चौधरी ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी, बाड़मेर निवासी अपनी बुआ के लड़के हनुमानराम की जगह रीट परीक्षा दे रहा था। बुआ के परिवार में कोई कमाने वाला नहीं था हनुमान द्वारा एसटीसी की हुई थी पढ़ाई में कमजोर होने से हनुमान राम की नौकरी नहीं लग पा रही थी जब रीट परीक्षा के फॉर्म भरे जा रहे थे तब हनुमान ने उसकी जगह सुरेश को परीक्षा में बैठने के लिए बोला था।

सुरेश व हनुमान राम की शक्ल मिलती जुलती थी। ऐसे में सुरेश ने परीक्षा फॉर्म में अपना फोटो लगा दिया ताकि किसी को शक ना हो सके। प्रवेश पत्र में फोटो के अलावा सारी डिटेल हनुमान की थी। हनुमान राम को परीक्षा में पास कराने के लिए दोनों में 7 लाख में सौदा तय हुआ था। टीचर बनने के बाद हनुमान राम को 7 लाख रुपए सुरेश को देने थे।

सुरेश परिवार में इकलौता कमाने वाला है इसके माता-पिता, 4 बहिनें, पत्नी और दो बेटे हैं। पढ़ाई में अच्छा होने के कारण सुरेश बिश्नोई ने साल 2018 रीट परीक्षा पास की। और थर्ड ग्रेड सरकारी टीचर बना था।वर्तमान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरण्य आए सांचौर में पदस्थापित है।

पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आरोपी सुरेश पुलिस को गुमराह करता रहा। उसने पहले अपना नाम हनुमान राम निवासी भंवार थाना सेढ़वा, जिला बाड़मेर बताया। साइबर टीम ने सम्बंधित थाने से जानकारी जुटाई। पुलिस ने फिर दोबारा पूछताछ की तो उसने अपना नाम हरीश विश्नोई, निवासी रतनपुरा, थाना चितलवाना, जिला जालौर होना बताया। पुलिस ने फिर संबंधित थाने से जानकारी जुटाई। तीसरी बार पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम प्रकाश राम बताया। आखिरकार लंबी पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना सही नाम बताया।

आईडी से पकड़ में आया
सुरेश बहुत ही शातिर और चालक प्रवृति का अपराधी है। पूछताछ के दौरान वो पुलिस को अलग-अलग नाम बताता रहा। साइबर टीम बताए गए नामों की छानबीन करती गई। संबंधित थानों से जानकारी जुटाती गई। इस दौरान वोटर आईडी,आधार कार्ड,पेन कार्ड, सोशल अकाउंट की डिटेल मैच भी करते गए। जिसके बाद मुन्नाभाई के फर्जीवाड़े की परतें खुल गई। पुलिस को अंदेशा है कि आरोपी पहले भी डमी अभ्यर्थी बनकर अन्य परीक्षाओं में शामिल हुआ है। पुलिस इस संबंध में भी पूछताछ में जुटी है।