नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों सहित विभिन्न खाद्य तेलों के भाव औंधे मुंह गिर गये। बाजार सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीन महीने में विदेशी बाजारों में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। देशी तेलों पर भी कहीं न कहीं इसका असर पड़ा है और उनमें नरमी आई है।
बाजार सूत्रों का कहना है कि पिछले एक- दो महीने से उठाव नहीं होने की वजह से मलेशिया जैसे बाजारों में कच्चे पॉम तेल का भारी स्टॉक जमा हो गया है। भाव 35 से 40 प्रतिशत तक नीचे बोले जा रहे हैं। ऐसे में सस्ते आयात से घरेलू उत्पादक किसानों और उद्योगों के हित में सरकार को सोबीयान, कच्चा पॉम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये।
सोयाबीन पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ाकर 45 प्रतिशत और पॉम तेल आयात पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव 40 प्रतिशत तक टूट चुके हैं और आगे इसमें और गिरावट आने की आशंका है। ऐसे में देश के सरसों और सोयाबीन उत्पादक किसानों की मदद के लिये सरकार को सस्ते आयात से उनकी रक्षा करनी चाहिये।
सरसों उत्पादक किसान पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाने से परेशान है ऊपर से सोयाबीन की नई फसल की बिजाई भी अब शुरू होगी। बाजार यदि सस्ते आयात से दब जायेगा तो किसाना हतोत्साहित हो जायेगा। बुधवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 4,250 – 4,300 रुपये। मूंगफली – 4,815 – 4,865 रुपये। वनस्पति घी- 930 – 1,035 रुपये प्रति टिन। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,000 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,975 – 2,025 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 8,680 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,395 – 1,540 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,465 – 1,585 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,000 – 13,500 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,600 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,450 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम- 7,400 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 6,100 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,450 रुपये। पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 7,350 रुपये। पामोलीन कांडला- 6,650 रुपये (बिना जीएसटी के)। सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,850- 3,900 लूज में 3,650–3,700 रुपये। मक्का खल (सरिस्का) – 3,430 रुपये प्रति क्विंटल।