नई दिल्ली। Wedding Season In India: शादी-ब्याह का सीजन जोरों पर है और इस साल के अंत तक करीब 48 लाख जोड़ों के परिणय सूत्र में बंधने की उम्मीद है। इस दौरान आभूषण, परिधान, होटल और वाहन जैसे क्षेत्रों के कारोबार में तेजी आ गई है। इन कारोबारियों के लिए यह एक बढि़या साल साबित हो रहा है जो करीब साल भर से सुस्ती की मार झेल रहे थे।
परिधान उद्योग को इस साल तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ा लेकिन अब उसमें सुधार दिख रहा है। नवरात्रि से शुरू होने वाले त्योहारी महीनों से ही स्टोरों में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ने लगी थी और अब उसे शादी-ब्याह के सीजन से दम मिल रहा है।
नई दिल्ली के फैशन रिटेलर मोहनलाल संस के सीईओ मयंक मोहनलाल ने कहा, ‘शादी-ब्याह के लिए मांग पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है। इस तेजी की शुरुआत अक्टूबर में ही हो गई थी जो दीवाली के बाद भी जारी है।’
उनका मानना है कि मांग में आई तेजी से पिछले कई महीनों की गिरावट की भरपाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कम से कम अगले दो महीनों तक यही रफ्तार बने रहने की उम्मीद है।
दक्षिण भारत में डिजाइनर साड़ियों की विशेष मांग है। साई सिल्क कलामंदिर की सह-संस्थापक झांसी रानी चलावडी के अनुसार, बिक्री 22 से 25 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण भारत में साड़ियों की बिक्री को शादी-ब्याह के सीजन से जबरदस्त रफ्तार मिलती है।’
उन्होंने कहा कि हर दक्षिण भारतीय शादी में आम तौर पर 50 से 100 साड़ियां खरीदी जाती हैं। इन आयोजनों पर साड़ियों की कुल बिक्री में दक्षिण भारतीय साड़ियों का योगदान 50 से 55 फीसदी होता है।
सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद देश भर में आभूषण की दुकानें ग्राहकों से गुलजार हैं। आभूषणों की मांग में शादी-ब्याह से जुड़ी खरीदारी का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
कल्याण ज्वैलर्स के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणरमण ने कहा, ‘सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद इस साल की मांग को देखकर हम काफी उत्साहित हैं।’ उन्होंने कहा कि इस तिमाही की शुरुआत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं, मगर ग्राहकों की आवाजाही जबरदस्त दिख रही है। उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह के लिए खरीदारी करने वालों ने नवंबर के पहले सप्ताह में आई गिरावट का फायदा उठाया।
आभूषणों में हीरे के आभूषण ग्राहकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। हीरा कंपनी डी बीयर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक अमित प्रतिहारी ने कहा कि शादी-ब्याह के इस सीजन में हीरे के आभूषणों की मांग में 15 फीसदी की वृद्धि दिख रही है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 8 फीसदी रहा था।
इस साल शादी-ब्याह की तिथियां अधिक होने से होटलों की बुकिंग भी बढ़ रही है। इंडियन होटल्स कंपनी के एमडी एवं सीईओ पुनीत चटवाल ने हाल में कंपनी के वित्तीय नतीजे जारी करने के बाद कहा था, ‘दूसरी छमाही में शादी-ब्याह की
तिथियां 30 फीसदी अधिक होने और विदेशी पर्यटकों की आवक में तेजी के मद्देनजर हमें आय में दो अंकों की वृद्धि का भरोसा है।’
शैलेट होटल्स के महाप्रबंधक और सहायक उपाध्यक्ष (क्लस्टर ऑपरेशंस) स्टीफन डिसूजा ने भी इसी तरह की राय जाहिर करते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले कारोबार में 21 फीसदी की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि शैलेट होटल्स के खाद्य एवं पेय (एफ ऐंड बी) आय का 50 से 60 फीसदी हिस्सा बैंक्वेट से आता है और उसमें अधिकांश योगदान शादी-ब्याह जैसे आयोजन का होता है।
इस बीच, डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन जारी है। हयात इंडिया कंसल्टेंसी की क्षेत्रीय उपाध्यक्ष (वाणिज्यिक) कादंबिनी मित्तल ने कहा कि भारतीय जोड़ों के बीच थाईलैंड, इंडोनेशिया (बाली) और वियतनाम काफी लोकप्रिय हैं।
मगर कामत होटल्स के कार्यकारी निदेशक विशाल कामत का कहना है कि इससे शहरों में शादियों का आकर्षण कम नहीं होता। शादी-ब्याह के उत्साह से वाहनों की बिक्री को भी रफ्तार मिली है। भारत में शादी-ब्याज के दौरान वाहन उपहार में देने की पुरानी परंपरा रही है। मगर इस साल शादियों की संख्या काफी अधिक होने के कारण डीलरों से जानकारी लेने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा रही है।
मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) पार्थ बनर्जी ने कहा कि केवल अक्टूबर में ही खुदरा बिक्री 22 फीसदी से अधिक बढ़ गई। वाहन डीलरों के संगठन फाडा का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन से खास तौर पर दोपहिया वाहनों और कारों की बिक्री को रफ्तार मिलेगी।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘आंकड़ा बताना मुश्किल है, लेकिन 48 लाख शादियों से मांग में जबरदस्त तेजी आने की उम्मीद है।’ बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा, ‘भले ही देश के कुछ हिस्सों में यह शादी-ब्याह का एक छोटा मौसम है। मगर यह मांग बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारक है।’
फाडा ने बताया कि 3 अक्टूबर से 13 नवंबर तक 42 दिनों के त्योहारी सीजन के दौरान वाहन क्षेत्र में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 11.76 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और सभी श्रेणियों में 42.8 लाख से अधिक वाहनों की बिक्री हुई।