Saturday, September 28, 2024
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ड्राइविंग लाइसेंस भी जल्द ही आधार से होगा लिंक

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रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इस डिजिटल पहचान की मदद से व्यक्ति की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होगी

नई दिल्ली। आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने के बाद अब सरकार आपके ड्राइविंग लाइसेंस को भी इससे लिंक करने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जल्द ही ड्राइवरों के लाइसेंस को भी आधार के साथ लिंक किया जाएगा।

हालांकि अभी केंद्रीय मंत्री ने इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई है कि इस यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर को कब तक ड्राइविंग लाइसेंस के साथ लिंक किया जाएगा।

रविशंकर प्रसाद का आधार पर यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब सुप्रीम कोर्ट को आधार कार्ड पर यह फैसला लेना है कि इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है या नहीं। नवंबर तक में कोर्ट इस पर कोई फैसला लेगी।

आधार पर कोई फैसला सुनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की बेंच इस बात पर सुनवाई की थी। इसे लेकर कोर्ट ने माना कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार का मामला है।

ऐसे में, आधार को ड्राइवरों के लाइसेंस से लिंक करना भले ही सरकार के ऐजेंडा में हो, लेकिन अभी इस पर यह फैसला होना बाकी है कि क्या यह ऐसी चीज है, जिसे जरूरी रूप से माना जाए।

डिजिटल हरियाणा समिट 2017 कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने की योजना बना रहे हैं। इसे लेकर मैंने (केंद्रीय मंत्री नितिन) गडकरी जी से बात की है।’

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इस डिजिटल पहचान की मदद से व्यक्ति की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होगी।’ रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, ‘मनी लाउंड्रिंग को रोकने के लिए ही पैन कार्ड को आधार से लिंक किया गया था।’

बता दें कि केंद्र ने आधार को आवश्यक बनाने के उद्देश्य से पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सामाजिक लाभ लेने के लिए इसकी डेडलाइन को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक बढ़ाएगी।

यह बात केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को बताई थी, जब बेंच ‘निजता मौलिक अधिकार के दायरे में है या नहीं’ मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी।

शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल के रूप में उभर रहा है राजस्थान

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पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कक्षा एक से 8 तक फेल नहीं करने का निर्णय लेकर शिक्षा के स्तर को गिरा दिया था-देवनानी

जयपुर । राज्य के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल के रूप में उभर रहा है। वासुदेव देवनानी टोंक जिले में देवली के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के दो दिवसीय शैक्षिक अधिवेशन के प्रथम दिन उपस्थित शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान देवनानी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कक्षा एक से 8 तक फेल नहीं करने का निर्णय लेकर शिक्षा के स्तर को गिरा दिया था। सरकार ने शिक्षा में नवाचार करते हुए कक्षा 5 व 8 में फेल नहीं करने के निर्णय को बदलकर परीक्षा द्वारा परिणाम देने का निर्णय लिया है ।

 डीपीसी चालू करना, सेटअप परिवर्तन को लागू करना जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि की है।  जिसके परिणाम भी सामने आ गये। इसी कारण नामांकन 17 प्रतिशत बढ़ गया तथा शिक्षा परिणाम भी साढ़े सोलह प्रतिशत रहा है।

देवनानी ने शिक्षकों से कहा कि हम सब एक परिवार का हिस्सा है तथा हमें परिवार की तरह एक साथ रहते हुए दुःख-सुख में भागीदार बनकर आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम को टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया, टोंक विधायक अजीत मेहता, मालपुरा विधायक कन्हैयालाल चौधरी सहित कई जनों ने संबांधित किया। 

स्मार्ट सिटी में ऑनलाइन बुक बैंक व डिजिटल हैल्थ प्रोफाइल सुविधा आज से

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शहर के सभी नागरिकों की निःशुल्क हैल्थ प्रोफाइल बनाने का शुभारंभ आज से

शहरवासियों को ऑनलाइन लाइब्रेरी व बुक बैंक से मिलेगी सस्ती किताबें

कोटा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शिक्षा नगरी में शनिवार से सभी नागरिकों को निःशुल्क डिजिटल हैल्थ प्रोफाइल एवं ऑनलाइन लाइब्रेरी तथा रियायती दरों पर बुक बैंक सुविधा की सौगात मिलेगी।

नगर निगम के राजीव गांधी भवन में आयोजित समरोह में दोपहर ढाई बजे मुख्य अतिथि नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं कोटा स्मार्ट सिटी के चेयरमैन डॉ.मंजीत सिंह इसका शुभारंभ करेंगे।

इस अवसर पर स्मार्ट सिटी के वाइस चेयरमैन महापौर श्री महेश विजय तथा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष श्री रामकुमार मेहता, कोटा कलक्टर एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री रोहित गुप्ता तथा अतिरिक्त सीईओ डॉ.विक्रम जिंदल विशिष्ट अतिथि होंगे।

एजुकेशन हब में ऑनलाइन लाइब्रेरी तथा बुक बैंक खोलने से सभी नागरिकों एवं स्कूल, कॉलेज व कोचिंग विद्यार्थियों को सभी तरह की किताबें रियायती किराए पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए इंडिया रीड्स डॉट कॉम के साथ एमओयू किया गया। इससे विद्यार्थी महंगी किताबों सस्ती दरों पर पढ़कर वापस लौटा सकेंगे।

स्मार्ट सिटी के सभी नागरिकों को निःशुल्क डिजिटल हैल्थ प्रोफाइल बनाने के लिए मेडकॉर्ड्स के साथ एमओयू हुआ। इसमें डॉक्टर्स के पर्चे एवं जांच रिपोर्ट सुरक्षित व गोपनीय रखने से नागरिकों को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक बचत होगी। वे मोबाइल पर अपनी हैल्थ प्रोफाइल दिखाकर किसी भी विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं ले सकेंगे।

इंडिया की लाइब्रेरी कोटा में
इंडिया रीड्स डॉट कॉम के सीईओ श्रेयांस मेहता ने बताया कि देश में सबसे पहले कोटा मे ऑनलाइन लाइब्रेरी व बुक बैंक सुविधा चालू की जा रही है। मात्र 20 रुपये शुल्क देकर कोई भी नागरिक या विद्यार्थी आजीवन सदस्यता ले सकते हैं।

उन्हें इसका स्मार्टकार्ड दिया जाएगा, जिससे मनचाही बुक्स मात्र 10 प्रतिशत शुल्क पर पढ़ सकेंगे। यह सुविधा नर्सरी से यूनिवर्सिटी लेवल तक उपलब्घ रहेगी। ‘इंडिया रीड्स डॉट कॉम’ में इस समय देश-विदेश से सभी श्रेणी की 2.35 लाख किताबें उपलब्ध हैं।

राजस्थान वित्त निगम में ऋण आवेदन पत्र अब होंगे ऑनलाइन स्वीकार

युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना को प्रमुखता दी जाएगी, ताकि प्रदेश की युवा पीढ़ी का स्वयं का उद्यम लगाने का सपना पूरा हो सके

 जयपुर। राजस्थान वित्त निगम ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 11.33 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है। यह बात अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त एवं निगम के अध्यक्ष डी. बी. गुप्ता ने शुक्रवार को उद्योग भवन में आयोजित 62वीं वार्षिक बैठक के दौरान कही। 
 
उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि निगम ने 2016-17 में 410.22 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किये, जो कि वर्ष 2015-16 की तुलना में 82 करोड़ रुपये अधिक है। गुप्ता ने ऋण वितरण एवं ऋण वसूली में स्थिति अधिक सुदृढ़ करने का आह्वान किया।
 
गुप्ता ने निगम के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के अन्र्तगत 115 युवा उद्यमियों को 117.15 करोड़ रुपये की ऋण सहायता उपलब्ध कराने पर उनकी सराहना की।
 
अनुदान राशि बढ़ाकर 1.50 करोड़
उन्होंने बताया कि इस योजना को और अधिक आकर्षक बनाते हुए अब राज्य सरकार द्वारा इसमें मिलने वाली अनुदान राशि जो कि पूर्व में 0.90 करोड़ रुपये थी, को बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये कर दी गई है।
 
उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान निगम द्वारा बंद पड़ी इकाईयों में से 16 इकाईयों को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित कर उनमें से 9 इकाईयों को उनके प्रर्वतकों को सौंपा गया। 
 
उन्होंने बताया कि निगम द्वारा युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना को प्रमुखता दी जाएगी, ताकि प्रदेश की युवा पीढ़ी का स्वयं का उद्यम लगाने का सपना पूरा हो सके।
 
गौरतलब है कि इस योजना के तहत 18 से 45 वर्ष की आयु के स्नातक युवा मात्र 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 1.50 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। 
 
बैठक के दौरान निगम के प्रबंध निदेशक अनूप खींची ने कहा कि निगम ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऑनलाइन ऋण आवेदन पत्र स्वीकार करना प्रारम्भ कर दिया है।
 
एक क्लिक पर ऋण
अब आवेदक घर बैठक rcfapp.industries.rajasthan.gov.in पर एक क्लिक पर ऋण सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
 
खींची ने उपस्थित अंशधारियों को व्यापार संवद्र्धन शिविर, शिविर स्थल पर ऑन द स्पॉट ऋण आवेदन की स्वीकृति सहित निगम की प्रगति के लिए उठाये गये मुख्य कदमों के बारे में जानकारी दी।

एमएसएमई डे पर उद्यमियों से होगा सीधा संवाद-प्रमुख सचिव एमएसएमई 

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समारोह में राज्य के पहले उद्योग रत्न, बुनकर रत्न, शिल्पी रत्न पुरस्कारों के साथ ही निर्यात पुरस्कारों का वितरण करेगी

जयपुर। प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि विश्वकर्मा जयंती पर रविवार 17 सितंबर को होटल क्लाक्र्स आमेर में आयोजित एमएसएमई दिवस कार्यक्रम को बहुआयामी व बहुउद्देशीय बनाते हुए समारोह में तीन तकनीकी सत्रों के साथ चौथा इन्टरैक्टिव सत्र रखा गया है।

उन्होंने बताया कि इससे समारोह में उपस्थित उद्यमियों व उद्योग संघों से सीधा संवाद कायम हो सकेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समारोह में राज्य के पहले उद्योग रत्न, बुनकर रत्न, शिल्पी रत्न पुरस्कारों के साथ ही निर्यात पुरस्कारों का वितरण करेगी।

डॉ अग्रवाल शुक्रवार को उद्योग भवन में आयुक्त कुंजी लाल मीणा के साथ उद्योग विभाग व इससे जुड़ी संस्थाओं के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि पुरस्कार वितरण से पूर्व तकनीकी व इन्टरैक्टिव सत्रोेंं के आयोजन से एमएसएमई दिवस सरकार और उद्यमियों के लिए अधिक लाभदायक व परिणामोन्मुखी हो सकेगा।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह पहला मौका है जब राज्य सरकार द्वारा लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग रत्न पुरस्कारों से सम्मानित करने जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही निर्यात के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे उद्योगों को पुरस्कृत किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पुरस्कार वितरण समारोह मध्यान्ह पश्चात 4 बजे होगा जबकि तकनीकी सत्र प्रातः 11 बजे से ही आरंभ हो जाएंगे। उद्योग आयुक्त कुंजी लाल मीणा ने बताया कि चार सत्रों में से पहला सत्र अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरुप की अध्यक्षता में राज्य की एमएसएमई पॉलिसी पर होगा।

दूसरा सत्र आयुक्त उद्योग की अध्यक्षता में इज ऑफ डूइंग बिजनस पर होगा, तीसरा तकनीकी सत्र केन्द्र सरकार के निदेशक एमएसएमई विकास संस्थान एमके सारश्वत के संयोजन में होगा जिसमें केन्द्र सरकार की एमएसएमई पॉलिसी व जीरो इफेक्ट जीरो डिफैक्ट (जेड) पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि इन सत्रों में पीपीटी के माध्यम से प्रजेन्टेशन होगा।

मीणा ने बताया कि समारोह में सभी जिलों और रीको औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योग संघों के प्रतिनिधियों, राज्य व केन्द्र के औद्योगिक विकास से जुड़े विभागों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है ताकि एक दूसरे के अनुभव साझा कर राज्य के औद्योगिक विकास को गति दी जा सके।

बैठक में अतिरिक्त निदेशकों में डीसी गुप्ता, एलसी जैन, पीके जैन, संयुक्त निदेशकों में अविन्द्र लढ़्ढा, एसएस शाह, संजीव सक्सैना, सीएल वर्मा उपनिदेशकों में पीआर शर्मा, धमेन्द्र पूनिया, चिरंंजी लाल, केके पारीक, रवि गुप्ता, महाप्रबंधकों में मधुसूदन शर्मा, आरके आमेरिया, सुभाष शर्मा, रीको, आरएसडीसी, बीआईपी, खादी बोर्ड की सचिव अल्पा चौधरी, आरएसडीसी के नायाब खान विभिन्न विभागों व संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित थे।

मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की सरकारी खरीद पर मंडी शुल्क में छूट

राजफैड के माध्यम से एमएसपी पर क्रय करने पर खरीफ अवधि तक राज्य की मंडियों में मंडी शुल्क में छूट मिलेगी

जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजफैड के माध्यम से मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने पर वर्ष 2017-18 की खरीफ सीजन में खरीद अवधि तक राज्य की मंडी समितियों को देय मंडी शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी। 

सैनी ने बताया कि राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1961 की धारा 40 ए के तहत राज्य सरकार द्वारा राजफैड के माध्यम से एमएसपी पर क्रय करने पर खरीफ अवधि तक राज्य की मंडियों में मंडी शुल्क में छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह छूट राज्य में पहली बार प्रदान की गई है।

कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अनुमति के बाद स्वीकृति जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा मूंगफली का समर्थन मूल्य बोनस सहित 4450 रूपये, सोयाबीन का समर्थन मूल्य बोनस सहित 3050 रूपये,  मूंग का समर्थन मूल्य बोनस सहित 5575 रूपये, उड़द का समर्थन मूल्य बोनस सहित 5400 रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।  

उन्होंने बताया कि चालू खरीफ सीजन में मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन के खरीफ सीजन में मंडी शुल्क में छूट देने से 39 करोड़ 65 लाख रूपये का वित्तीय भार आएगा। 

भारत में पहली बार इलेक्ट्रिक कार बनाएगा मारुति सुजुकी

गुजरात के प्लांट में बनाई जाने वाली कारें सुजुकी की पहली कमर्शियल तौर पर उपलब्ध इलेक्ट्रिक कार होगी

अहमदाबाद। कार कंपनी मारुति सुजुकी जल्द ही भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करने जा रही है। कंपनी की योजना गुजरात के प्लांट में इलेक्ट्रिक कार बनाकर दुनियाभर में सप्लाइ करने की है।

कंपनी के द्वारा गुजरात के प्लांट में बनाई जाने वाली कारें सुजुकी की पहली कमर्शियल तौर पर उपलब्ध इलेक्ट्रिक कार होगी। जापान की कंपनी ने इससे पहले स्विफ्ट का एक इलेक्ट्रिक वर्जन 2010 में पेश किया था। हालांकि यह कार मार्केट में नहीं आई।

सुजुकी के चेयरमैन ओसामू सुजुकी ने गुजरात में पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजों आबे की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम पिछले 35 सालों से मेक इन इंडिया में योगदान कर रहे हैं।’ कंपनी गुजरात के हंसलपुर में 39,00 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक नई फैक्ट्री लगाने जा रही है।

गुजरात में मारुति का एक प्लांट पहले से मौजूद है, जबकि दूसरे प्लांट का निर्माण जारी है। हंसलपुर में बनने वाली यह फैक्ट्री गुजरात में कंपनी की तीसरी फैक्ट्री होगी। सुजुकी लिथियम आयन बैट्री की एक फैक्ट्री भी लगाने जा रहा है।

माना जा रहा है कि बैट्री का उपयोग कंपनी की बनने वाली इलेक्ट्रिक कारों में होगा। सुजुकी के अलावा टाटा मोटर्स, ह्यूंदै जैसी कंपनियां भी इलेक्ट्रिक कार के निर्माण पर काम कर रहीं हैं।

BSE सेंसेक्स 31 अंक बढ़ा, निफ्टी 1.20 पॉइंट गिरकर बंद

मुंबई। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 30.68 अंक की बढ़त के साथ 32,272.61 तथा एनएसई निफ्टी 1.20 अंक की मामूली गिरावट के साथ 10,085.40 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में गिरावट की वजह इसकी लिस्टेड दवा कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट भी रही। निफ्टी फार्मा के शेयर 11.05 बजे 1.13% कमजोरी के साथ 9,275 पर कारोबार कर रहे थे।

इस दौरान कडीला हेल्थकेयर 1.80, सन फार्मा 1.45, पीरामल एंटरप्राइजेज 1.40, ग्लेनमार्क फार्मा 1.17, डॉ. रेड्डीज लैबरेटरीज 1.15 जबकि सिप्ला के शेयर 1.15% कमजोर हो गए। इधर, एनसीएलटी द्वारा बोर्ड रेजुलेशन पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद रेलिगेयर एंटरटेनमेंट के शेयर भी 3% गिर गए।

आरकॉम-एयरसेल के विलय पर आशंका जतानेवाली खबरों के बीच रिलायंस कम्यूनिकेशंज के शेयरों की कीमत 7% घट गई। रेलिगेयर सिक्यॉरिटीज के प्रेजिडेंट (रेलिगेयर डिस्ट्रीब्यूशन) जयंत मांगलिक ने मार्केट के मौजूदा हालात के मद्देनजर निवेशकों को इंतजार करने की सलाह दी है।

उन्होंने कहा, ‘नॉर्थ कोरिया द्वारा एक और मिसाइल टेस्ट किए जाने की खबरों से बाजार की धीमी शुरुआत हुई। वैश्विक संकेतकों का हमारे बाजार पर जबर्दस्त असर हो रहा है और बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव की वजह से पैदा हालात में ट्रेड करना मुश्किल है। हमारा सुझाव है कि अभी हेज पॉजिशन में बने रहें। ट्रेडर्स के लिए सलाह है कि वे प्राइवेट बैंकिंग, ऑटो, मेटल और एनबीएफसी के शेयरों पर ध्यान दें।’

इनकम टैक्स छापे से नासिक मंडी में 35 पर्सेंट घटे प्याज के दाम

  • लासलगांव में 7 बड़े प्याज कारोबारियों के दफ्तरों, गोदामों और घरों में की गई छापेमारी

  • मंडी में आई बड़ी गिरावट के बाद किसानों ने लासलगांव में नीलामी रोक दी

नासिक। देश की सबसे बड़ी होलसेल प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतों में 35 पर्सेंट की गिरावट आ गई है। नासिक जिले में गुरुवार को आयकर विभाग के अधिकारियों की ओर से 7 बड़े प्याज कारोबारियों के दफ्तरों, गोदामों और घरों में की गई छापेमारी के बाद लासलगांव ऐग्रिकल्चर प्रड्यूस मार्केट कमिटी (एपीएसी) में यह गिरावट दिखी।

मंडी में आई बड़ी गिरावट के बाद किसानों ने लासलगांव में नीलामी रोक दी है और अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर रहे। छापेमारी के बाद प्याज के दाम 35 फीसदी की गिरावट के साथ 900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि इससे पहले बुधवार को एक क्विंटल प्याज 1400 रुपये तक में बिक रहा था।

प्याज की न्यूनतम और अधिकतम कीमत क्रमश: 500 और 1,331 रुपये थी। लासलगांव एपीएमसी के चेयरमैन जयदत्त होल्कर ने बताया कि जिन 7 कारोबारियों पर छापेमारी की गई है, उनमें से 2 लासलगांव के ही हैं। उन्होंने बताया, ‘इन कारोबारियों के पास बाजार में आने वाले कुल माल का 30 फीसदी हिस्सा खरीदने की क्षमता है।

आयकर विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के बाद बाजार में पैनिक की स्थिति है। इसके चलते होलसेल मार्केट में प्याज की कीमतों में तेज गिरावट आई है।’होल्कर ने बताया कि मार्केट में आई अचानक गिरावट से हैरान तमाम किसानों ने अपने उत्पादों को इतनी कम कीमत पर बेचने से मना कर दिया है।

वह अपने उत्पादों के साथ ही वापस लौट गए। कमजोर आपूर्ति के चलते मई से अगस्त के दौरान प्याज की कीमतों में 5 गुना तक का इजाफा हुआ है। 31 मई को प्याज की होलसेल कीमत 450 रुपये प्रति क्विंटल थी, लेकिन 10 अगस्त तक यह आंकड़ा बढ़कर 2,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

जीएसटीएन की तकनीकी दिक्कतों पर चर्चा शनिवार को

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  • शनिवार को बेंगलूरु में जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटीएन पोर्टल पर आ रही तकनीकी दिक्कतों पर चर्चा
  • पहली बार सूचना तकनीक से संबंधित चुनौतियों की समीक्षा करेगी परिषद
  • परिषद को तकनीकी पहलुओं पर दिया जाएगा प्रस्तुतीकरण

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल को लेकर तकनीकी समस्याओं पर विचार करने के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक शनिवार को बेंंगलूरु में होगी। यह पहला मौका है जब एक समान कर के दौर में सूचना तकनीक से जुड़ी चुनौतियों को लेकर समीक्षा और समस्याओं को समाधान को लेकर बैठक होने जा रही है।

जीएसटी परिषद की हैदराबाद में हुई बैठक में किए फैसले के मुताबिक बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में बनी समिति इस सप्ताह की शुरुआत में थी, जो आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तकनीकी और परिचालन संबंधी समस्याओं को देखेगी। 

जीएसटीएन अब तक किए गए कार्यों के बारे में राज्यों के वित्त मंत्रियों को जानकारी देगा और बताएगा कि क्या क्या चुनौतियां हैं और उसके लिए आगे के लिए क्या रणनीति बनाई गई है। इस बैठक मेंं इन्फोसिस और जीएसटीएन के अधिकारी शामिल होंगे।

पांच सदस्योंं वाले मंत्रियों के समूह में शामिल एक राज्य के वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम आईटी इन्फ्रा संबंधी मसले को हर पहलू से समझने की कोशिश करेंगे। हम कारोबारियों को हो रही समस्याओं की समीक्षा करेंगे। साथ ही जीएसटीएन के मोर्चे पर आ रही चुनौतियों पर भी विचार होगा। बैठक के बाद इस पर रणनीति तैयार की जाएगी।’ 

जीएसटीएन के नए चेयरमैन एबी पांडेय इस बैठक में सीईओ प्रकाश कुमार के साथ हिस्सा लेंगे। कारोबारियों की ओर से जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों की शिकायत पर हैदराबाद में हुई परिषद की बैठक में विचार के के बाद समिति का गठन किया गया था। इसी के साथ रिटर्न दाखिल करने की अवधि भी बढ़ा दी गई थी।

सरकार द्वारा आयकर दाखिल करने की अंतिम तिथि के दो दिन पहले 8 सितंबर को तकनीकी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी क्योंकि इनवाइस अपलोड करने वालोंं की संख्या अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। 10 सितंबर को रिटर्न दाखिल करने की तिथि बढ़ाए जाने के एक दिन पहले 9 सितंबर को करीब 7.5 लाख रिटर्न दाखिल किए गए।

सरकारी अधिकारियों का तर्क है कि कारोबारियों द्वारा रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि तक मामले को टालने की प्रवृत्ति भी अफरातफरी की बड़ी वजह है। अधिकारी ने कहा, ‘अंतिम तिथि में विस्तार की घोषणा के बाद से बमुश्किल ही कोई रिटर्न दाखिल किया गया। अब लोगों ने आना बंद कर दिया है।

इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।’ व्यवस्था संबंधी इस मसले को जानने वाले वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘एक बार जब आप बड़ी व्यवस्था को चालू करते हैं तो कुछ मसले आते हैं। फॉर्म को पिछले सप्ताह अंतिम रूप दिया गया और उसके बाद उसमें संशोधन भी हुए।

इसे ध्यान में रखते हुए जीएसटीएन एक स्थायी व्यवस्था है, लेकिन दुर्भाग्य से 8 सितंबर को सिस्टम सही से काम नहीं कर पाया।’ अधिकारी का तर्क है कि जीएसटीआर 3बी जैसे कई फॉर्म आखिरी वक्त में पेश किए गए। उन्होंने कहा, ‘जीएसटीएन कोशिश कर रहा है कि एक ही साथ कई काम किए जाएं।

अधिकारी 4 बजे सबेरे से काम कर रहे हैं, जिससे समस्या का समाधान हो सके।’ इसके पहले तय की गई अंतिम तिथि 10 सितंबर तक करीब 28 लाख जीएसटीआर 1 या विस्तृत बिक्री रिटर्न दाखिल किए गए और अब यह रुक गया है। जुलाई के लिए जितने रिटर्न दाखिल होने थे,

उसका करीब आधा ही दाखिल हो सका है। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा रिटर्न दाखिल करने की तिथि बनाए जाने की घोषणा के एक घंटे के भीतर जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर आने वाले लोगों की संख्या अचानक 80,000 से घटकर 17,000 रह गई थी।