Monday, October 7, 2024
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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मल्टी डिस्टि्क मीट कल

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कोटा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर  पर 10 अक्टूबर को शाम  4 बजे से 7 बजे तक  एक मल्टी डिस्टि्क मीट का आयोजन होटल मेनाल रेजीडेन्सी बून्दी रोड कोटा में किया जायेगा। यह जानकारी सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ मनो रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएल अग्रवाल  ने दी।  उन्होने बताया कि जिसमें रोटरी डिस्टीक्ट 3054 व 3040 के रोटेरीयन्स भाग लेंगे।

उन्होने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य प्रमोशन में सोशल स्टीगमा मुख्य अवरोध रहा है। क्योकि लोग मनोरोग के कारण, प्रकार व लक्षणो के बारें में जानकारी नही रखते। जिसकी वजह से समय पर सही इलाज नही कर पाते।  इससे परिवार का आर्थिक व सामाजिक बोझ बढ जाता है। कोटा  में  1988 से हम जन-जागृति अभियान चलाये हुए हैं।

मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत भाटिया एंड कम्पनी के कर्मचारियों, गायत्री आश्रम बोरखेडा में केम्प, साधको में प्रवचन, प्रेस कान्प्रेंन्स, आईएसटीडी के साथ नेशनल कान्प्रेंन्स ओर इस प्रेस वार्ता के उपरान्त टेक्नीकल यूनिर्वसिटी में गोष्ठी का आयोजन किया है। 10 अक्टूबर को मल्टी डिस्टिक मीट के मुख्य अतिथि विधायक हीरा लाल नागर  व विशिष्ट अतिथि मेयर महेश विजय, पूर्व प्रान्त पाल सत्यनारायण लाठी रो. डिस्टिक 3040 व पूर्व प्रान्त पाल रो. सीएम बिरला डिस्टिक 3050 होगें ।

उन्होने बताया कि कान्प्रेंन्स में मुख्य वक्ता वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डा. एम एल अग्रवाल, पेनेलिस्ट डा.के के पारीक, डा. अरूणा अग्रवाल, डा. एम डी चित्तोडा, सरला मून्दडा, सीएम बिरला, पीडीजी प्रघ्युम्न पाटनी, राजेश अग्रवाल,  प्रदीप सिंह गौड,  कान्ता मदनानी, राम गोपाल अग्रवाल, लक्ष्मण नेनानी,  पी पी गुप्ता होगे ।

उन्होने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन प्रत्येक वर्ष विश्व मानसिक दिवस पर थीम के आधार पर प्रमोशन मटेरियल तैयार कर विभिन्न भाषाओं में विश्व में वितरित करता है, जिसका हिन्दी में अनुवाद करके पिछले 9 वर्षो से हमारे द्वारा निःशुल्क ग्लोबल ड्रिस्टीब्यूट के लिए दिया जाता है। जिसके आधार पर सर आर सी हन्टर अर्वाड अॅाफ एक्सीलेन्स 2005 व 2007 में विश्व मानसिक संगठन द्वारा हॉन्ग-कॉन्ग व एथेंस में उन्हें प्रदान किया गया।

इस अवसर पर रोटेरियन विमल जैन, रामगोपाल अग्रवाल,सुरेश काबरा और मिडिया कोर्डिनेटर सुधींद्र गौड़ भी मौजूद थे। गौड़ ने डॉ. अग्रवाल के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। 

सेंसेक्स 32 अंक चढ़कर 31846 के स्तर पर बंद

नई दिल्ली । दिनभर के उतार चढ़ाव के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ हैष प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 32.67 अंक की बढ़त के साथ 31846 के स्तर पर और निफ्टी 9 अंक की बढ़त के साथ 9988 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.02 फीसद की कमजोरी और स्मॉलकैप में 0.32 फीसद की बढ़त देखने को मिली है।

सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो और सरकारी बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी शेयर्स में हुई है। बैंक (0.26 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.17 फीसद), एफएमसीजी (0.62 फीसद), आईटी (0.23 फीसद), मेटल (0.17 फीसद), फार्मा (0.29 फीसद) और रियल्टी (2.33 फीसद) की बढ़त हुई है।

दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 27 हरे निशान में और 23 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी येस बैंक, टेक महिंद्रा, कोल इंडिया, डॉ रेड्डी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट ऑरोफार्मा, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, गेल और बीपीसीएल के शेयर्स में हुई है।

विदेशी गायों का दूध विषाक्त क्यों, देखिये वीडियो

कोटा। आज सम्पूर्ण विश्व में यह चेतना आ गई है कि बाल्यावस्था मे बच्चों को केवल ए2 दूध ही देना चाहिये. विश्व बाज़ार में न्युज़ीलेंड, ओस्ट्रेलिया, कोरिया , जापान और अब अमेरिका मे प्रमाणित ए2 दूध के दाम साधारण ए1 डेरी दूध के दाम से कही अधिक हैं .ए2 से देने वाली गाय विश्व में सब से अधिक भारतवर्ष में पाई जाती हैं।

कृषि विश्वविद्यालय कोटा के असिस्टेंट प्रो. डॉ. एमके गर्ग ने हमारे चैनल LEN-DEN NEWS को एक भेंट में बताया कि अधिकांश विदेशी गोवंश (हॅालस्टीन, जर्सी, एच एफ आदि) के दूध में ‘बीटा कैसीन ए1’ नामक प्रोटीन पाया जाता है जिससे अनेक असाध्य रोग पैदा होते हैं। पांच रोग होने के स्पष्ट प्रमाण वैज्ञानिकों को मिल चुके हैं –

  • इस्चीमिया हार्ट ड़िजीज (रक्तवाहिका नाड़ियों का अवरुद्ध होना)।
  • मधुमेह-मिलाईटिस या डायबिट़िज टाईप-1 (पैंक्रिया का खराब होना जिसमें इन्सूलीन बनना बन्द हो जाता है।)
  • आटिज़्म (मानसिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म होना)।
  • शिजोफ्रेनिया (स्नायु कोषों का नष्ट होना तथा अन्य मानसिक रोग)।
  • सडन इनफैण्ट डैथ सिंड्रोम (बच्चे किसी ज्ञात कारण के बिना अचानक मरने लगते हैं)।

विदेशी गोवंस 
जैसा कि शुरू में बतलाया गया है कि विदेशी गोवंश में अधिकांश गऊओं के दूध में ‘बीटा कैसीन ए1’ नामक प्रोटीन पाया गया है। हम जब इस दूध को पीते हैं और इसमें शरीर के पाचक रस मिलते हैं व इसका पाचन शुरू होता है, तब इस दूध के ए1 नामक प्रोटीन की 67वीं कमजोर कड़ी टूटकर अलग हो जाती है और इसके ‘हिस्टिाडीन’ से ‘बी.सी.एम. 7’ (बीटा कैसो माफिन 7) का निर्माण होता है।

सात सड़ियों वाला यह विषाक्त प्रोटीन ‘बी.सी.एम 7’ पूर्वोक्त सारे रोगों को पैदा करता है। शरीर के सुरक्षा तंत्र को नष्ट करके अनेक असाध्य रोगों का कारण बनता है। विशेष जानकारी के लिए खबर के साथ दिया गया वीडियो जरूर देखिए –

विरोध और विवादों के बीच फिल्म ‘पद्मावती’ का ट्रेलर जारी, देखिये वीडियो

मुंबई। विरोध और विवादों के बीच संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का ट्रेलर जारी हो गया है।  इससे पहले इसका फर्स्ट लुक नवरात्र के पहले दिन जारी हुआ था। इस दिन मेकर्स ने इस फिल्म के दो पोस्टर जारी किए थे। फिर बारी आई शाहिद कपूर के लुक की। फिर आया रणवीर सिंह का अलाउद्दीन खिलजी लुक। रात दो बजे रणवीर सिंह ने इस लुक को जारी किया।

ये लुक पिछले दोनों लुक्स पर भारी रहा। रणवीर सिंह को इसमें पहचानना मुश्किल हो रहा है। वे बेहद क्रूर और खतरनाक नजर आ रहे हैं। हर स्टार के दो-दो पोस्टर्स जारी हुए हैं। इनमें फिल्म की रिलीज डेट भी नजर आ रही है। एक दिसंबर को इसे रिलीज किया जाएगा।

हाल ही में चर्चा थी कि मेकर्स अपनी पहले से तय रिलीज डेट पर इसे रिलीज नहीं कर पा रहे हैं, और तारीख आगे बढ़ सकती है। तब कहा जा रहा था कि इसे साल 2018 में रिलीज किया जाएगा।

 ‘जवान अलाउद्दीन खिलजी की तो पूरी शूटिंग अभी बाकि है। भंसाली को यह काम 20 अक्टूबर तक पूरा करना है। एक दिसंबर में काफी वक्त है। पोस्टर को देखते हुए लगता है कि इसे वक्त पर पूरा कर लिया जाएगा।’

रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी पर बन रही इस फिल्म की काफी शूटिंग हो चुकी है। शाहिद और दीपिका का काम तो लगभग पूरा हो चुका है। भंसाली का यह प्रोजेक्ट ऐतिहासिक कहानी पर बेस्ड है।

रिलायंस जियो, वोडाफोन एवं आईडिया की 5जी नेटवर्क की तैयारी

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नई दिल्ली। वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस जियो ने भविष्य की 5 जी तकनीक के लिए अपने नेटवर्क तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया है। ये कंपनियां अब अपने संबंधित नेटवर्कों में मैसिव MIMO technology (मीमो टेक्नोलॉजी या मल्टीमपल इनपुट मल्टीपल आउटपुट तकनीक) को पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।

इस तकनीक को 5जी नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। माना जा रहा है कि भारत में 5जी तकनीक 2020 के बाद शुरू हो सकती है।

इन तीनों की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल ने पहले से ही बैंगलोर और कोलकाता में पहले चरण में 5जी टेक्नोलॉजी को लगाना शुरू कर दिया है। इसके बाद एयरटेल पुणे, हैदराबाद और चंडीगढ़ जैसे अन्य शहरों में भी इसका विस्तार करेगी।

आइडिया सेल्युलर के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपापनिया ने बताया कि हम भारत में 4जी पर बड़े पैमाने पर एमआईएमओ लाने की प्रक्रिया में हैं। कंपनी का फिलहाल देशभर में 4जी नेटवर्क है और वह वर्तमान में विभिन्न शहरों में विशाल एमआईएमओ तकनीक को लाने जा रहा है।

मैसिव मीमो से बेस स्टेशन की क्षमता पांच से सात गुना बढ़ जाती है और इससे हस्तक्षेप काफी हद तक कम हो जाता है। यानी डिवाइस में जाने वाले सिग्नल का ट्रांसमिशन काफी बढ़ जाता है। सीधी भाषा में कहा जाए, तो इसका मतलब यह है कि ग्राहक को औसतन 30 से 35 एमबीपीएस तक की डेटा स्पीड मिलती है, जो अधिकतम 50 एमबीपीएस तक हो सकती है।

वोडाफोन इंडिया के निदेशक टेक्नोलॉजी विशाल वोरा ने कहा कि 5जी को अभी देश में शुरू करने में कुछ साल लग सकते हैं। हम मैसिव मीमो जैसी 5जी टेक्नोलॉजी की कुछ चीजों को 4जी में लाने जा रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं। हम इस तकनीक के परीक्षण का ट्रायल कर रहे हैं। यह 5जी में बहुत ही भविष्यवादी है, लेकिन हम इसे 4जी में उपयोग कर रहे हैं।

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो का देशभर में आईपी नेटवर्क है। कंपनी ने पहले कहा था कि इसके 4जी नेटवर्क को आसानी से 5जी और उससे आगे की जेनरेशन में बढ़ाया जा सकता है। जियो वर्तमान में चीनी गियर निर्माता जेडटीई के साथ बड़े पैमाने पर एमआईएमओ टेक्नोलॉजी का परीक्षण कर रहा है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किश्त जारी

नई दिल्ली । सरकार आज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किश्त जारी कर रहा है। यह वर्ष 2017-18 की दूसरी किश्त है। वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि इन बॉन्ड्स की बिक्री बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), अधिकृत पोस्ट ऑफिस और एनएसई व बीएसई के जरिए की जाएगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का एक विकल्प है। इस स्कीम को पिछले वर्ष नवंबर में लॉन्च किया गया था। रिजर्व बैंक सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करता है। स्कीम का उदेश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना और घरेलू बचत के लिए नए विकल्प की ओर लोगों का रुझान बदलना था, ताकि वे फाइनेंशियल सेविंग के लिए सोने की खरीद कर पाएं।

कैसे तय होगी बॉन्ड की कीमत:
भारत बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से दी गई कीमत पर इस बॉन्ड की कीमत तय होगी। वहीं इस बॉन्ड की कीमत रुपए में तय की जाएगी।

कितनी सीमा तक खरीद पाएंगे बॉन्ड:
नियम के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड में 8 साल के लिए निवेश करना जरूरी है, जिसे कम से कम 5 साल के लिए बनाए रहना होगा। कम से कम 1 ग्राम सोने और अधिकतम 500 ग्राम सोने के लिए बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं। बॉन्ड खरीद के लिए पेमेंट अगर कैश से करनी है तो अधिकतम 20,000 रुपए कैश दे सकते हैं। वहीं इससे ऊपर की पेमेंट चेक या नेट बैंकिंग के जरिए करनी होगी। जानिए गोल्ड बॉन्ड में निवेश के क्या हैं फायदे:

गोल्ड बॉन्ड में मिलता है बेहतर रिटर्न:
गोल्ड बॉण्ड में निवेश करने पर अच्छा ब्याज मिलता है। इसमें ब्याज सहित सोने की कीमतों में आई तेजी के अनुसार रिटर्न भी मिलता है। इसमें निवेश करने से डीमैट और ईटीएफ जैसे कोई शुल्क नहीं लगाए जाते हैं। गोल्ड बॉण्ड की ब्याज दर 2.75 फीसदी है। इस पर मिलने वाला ब्याज सोने के मौजूदा भाव के हिसाब से तय किया जाता है।

इसमें निवेश के साथ बचत भी:
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोल्ड बॉण्ड को डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर इसे अपने घर या डीमेट एकाउंट में भी रखा जा सकता है। इससे तरह लॉकर पर होने वाला खर्च भी बच जाएगा।

धोखाधड़ी की नहीं है कोई चिंता:
गोल्ड बॉण्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। गोल्ड बॉण्ड में मिलने वाला सोना शत प्रतिशत शुद्ध सोने की ही वैल्यु देता है।

कैपिटल गेन टैक्स की भी हो सकती है बचत:
गोल्ड बॉण्ड की कीमतें सोने की कीमतों में अस्थिरता पर निर्भर करती है। सोने की कीमतों में गिरावट गोल्ड बॉण्ड पर नकारात्मक रिटर्न देता है।  अस्थिरता को कम करने के लिए सरकार लंबी अवधि वाले गोल्ड बॉण्ड जारी कर रही है।

इसमें निवेश की अवधि 8 वर्ष होती है, लेकिन आप 5 वर्ष के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। पांच वर्ष के बाद पैसे निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगाया जाता है।

गोल्ड बॉण्ड होती है सरकारी गारंटी:
गोल्ड बॉण्ड भारत सरकार की ओर से दी गई सॉवरन गारंटी होती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यह हमेशा सकारात्मक रिटर्न्स ही देगा।

बढ़वा सकते हैं गोल्ड बॉण्ड की मैच्योरिटी:
गोल्ड बॉण्ड की अवधि मैच्योरिटी पीरियड के बाद तीन वर्ष के लिए और बढ़वाई जा सकती है। इसकी मदद से मैच्योरिटी के समय बाजार के नकारात्मक संकेतों से बचा जा सकता है।

गोल्ड बॉण्ड के एवज में मिल सकता है लोन:
जरूरत पड़ने पर गोल्ड बॉण्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉण्ड पेपर को लोन के लिए कोलैटर्ल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पोस्ट ऑफिस की नैश्नल सेविंग सर्टिफिकेट के जैसा होता है।

दो माह में मिलेगा निर्यातकों को जीएसटी रिफंड: अढिया

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नई दिल्ली । सरकार निर्यातकों के सभी जीएसटी रिफंड दो महीने के भीतर क्लीयर कर देगी। इससे उन्हें नवंबर तक अपने रिफंड मिल जाएंगे। यही नहीं, अगले छह माह तक निर्यातकों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा, क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने वस्तु व सेवा कर लागू होने से पहले वाली व्यवस्था बहाल करने का फैसला किया है। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने एक साक्षात्कार में यह जानकारी दी।

अढिया ने कहा कि जुलाई-अगस्त के दौरान इंटीग्रेटेड जीएसटी (आइजीएसटी) के रूप में 67,000 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। इसमें से केवल 5,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये ही निर्यातकों के जीएसटी रिफंड के रूप में लंबित हैं। जहां तक चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों का सवाल है, तो उन्हें अब मार्च तक निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर कोई टैक्स अदा नहीं करना होगा।

अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी पहली अप्रैल से निर्यातकों के लिए एक ई-वॉलेट सेवा लांच की जाएगी। यह सेवा निर्यातकों को सांकेतिक क्रेडिट प्रदान करेगी। इसका इस्तेमाल निर्यातक जीएसटी चुकाने के लिए कर सकेंगे। वॉलेट में मौजूद क्रेडिट को दूसरों को ट्रांसफर किया जा सकेगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में केंद्र व राज्य सरकारों के आधा दर्जन अप्रत्यक्ष कर समाहित हैं। चूंकि जीएसटी व्यवस्था में निर्यातकों को किसी तरह की छूट नहीं दी गई है, इसलिए उन्हें मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स पर पहले आइजीएसटी अदा करना होता है। इससे निर्यातकों के सामने नकदी का संकट पैदा हो जाता है।

निर्यातकों को राहत देने के लिए जीएसटी काउंसिल ने पैकेज देने का फैसला किया था। इसके तहत खुद वस्तुओं का उत्पादन करने वाले निर्यातकों के लिए कोई टैक्स नहीं देना होगा। उनसे 0.1 फीसद का मामूली टैक्स लिया जाएगा, जो निर्यात करने वाले सामान की मैन्यूफैक्चरिंग खुद नहीं करते हैं।

सोने के लेनदेन की सूचना के लिए नई सीमा जल्द
अढिया ने यह भी कहा कि सरकार काले धन को सराफा बाजार में जाने से रोकने के लिए सोने व अन्य कीमती धातुओं के लेनदेन की अनिवार्य सूचना देने के संबंध में नई सीमा जल्द घोषित कर देगी। बीते शुक्रवार को ही सरकार ने अपने अगस्त के उस आदेश को पलट दिया था जिसके तहत रत्न और आभूषण के कारोबारियों को मनी लांडिंग रोकथाम कानून के दायरे में लाया गया था।

इसकी वजह से धनतेरस और दिवाली के त्योहारी माहौल में सोने के कारोबार में खासा इजाफा हो सकता है। बीते दिन के फैसले की वजह से यह माना जा रहा है कि अब 50,000 रुपये से ऊपर की खरीद पर पैन और आधार नंबर देने की अनिवार्यता नहीं रह गई है।

देश भर में आज से दो दिन के लिए 93 लाख ट्रकों का चक्का जाम

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नई दिल्ली। जीएसटी और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ देश भर के ट्रक ऑपरेटरों का दो दिन का चक्का जाम रविवार आधी रात से शुरू हो गया। ट्रक ऑपरेटरों ने धमकी दी है कि दो दिन की इस सांकेतिक हड़ताल के बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दिवाली के आसपास अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है।

ट्रक ऑपरेटरों की मांग है कि जीएसटी में उन्हें राहत दी जाए और पुराने ट्रक बेचने पर लगने वाले 28 फीसदी टैक्स के प्रावधान को खत्म किया जाए। दो दिन की इस हड़ताल से दो हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने की आशंका है।

ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के उत्तरी भारत के उपाध्यक्ष हरीश सब्बरवाल के मुताबिक, 48 घंटे तक देश भर के 93 लाख ट्रकों का चक्का जाम रहेगा। 50 लाख बसों के ऑपरेटर भी हमारी यूनियन के सदस्य हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें हड़ताल में शामिल नहीं किया गया है।

जीएसटी और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ ट्रांस्पोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल का खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ेगा। पहले ही कई फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल मुसीबत और बढ़ा सकती है।

आजापुर एपीएमसी सचिव सतनाम सिंह का कहना है कि मंडी में हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से फलों की सप्लाई होती है। सब्जियों की सप्लाई दिल्ली से सटे राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और एनसीआर के गांवों से होती है।

ऐसे में फलों और सब्जियों की मांग के हिसाब से आपूर्ति न होने से दामों में इजाफा होने की संभावना है। खासकर प्याज और मंहगी सब्जियों पर हड़ताल का असर पड़ेगा। जिन सब्जियों के दाम कम है, उनपर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

पब्लिक का होगा नुकसान
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का सीधा नुकसान आम जनता को होगा, क्योंकि हड़ताल होने से सब्जियों और फलों के लिए दोगुने और चौगुने दाम देने पड़ेंगे। देखा जाए तो पहले से ही सब्जियों और फलों के दाम काफी बढ़े हुए हैं। जानकारों के मुताबिक फूल गोभी, पत्तागोभी, परवल के अलावा प्याज के दामों पर खास असर पड़ेगा।

सेंसेक्स और निफ्टी ने पकड़ी रफ्तार, निफ्टी 10000 के पार

नई दिल्ली। एशियाई बाजारों में तेजी के बावजूद भारतीय शेयर बाजार सामान्य स्तर पर खुले। 30 शेयरो का बीएसई सेंसेक्स 12.67 पॉइंट लुढ़ककर 31,801.55 पर खुला तो 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी भी 7.90 पॉइंट गिरकर 9,971.80 अंक पर खुला। हालांकि, थोड़ी देर में सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ने ही मजबूती हासिल की और निफ्टी 10,000 के पार ट्रेड करने लगा।

बीएसई पर हर तीन में दो शेयर मजबूत हो रहे थे। स्पार्क टीबीजेड, टाइटन कंपनी, शोभा, शक्ति पंप्स, स्पेशलिटी रेस्ट्रॉन्ट्स और जयप्रकाश असोसिएट्स के शेयर 2 से 6 प्रतिशत तक चढ़े जबकि अडानी एंटरप्राइजेज, ओबीसी और वीए टेक के शेयरों में 2 से 4 प्रतिशत की कमजोरी देखी गई। 9:41 बजे सेंसेक्स 85.60 अंक चढ़कर 31,899 जबकि निफ्टी 24.65 अंक मजबूत होकर 10,004 अंक पर ट्रेड कर रहा था।

NCML देती है स्टॉक पर फाइनेंस और ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा

कोटा। निजी क्षेत्र में अन्न भंडारण की अग्रणी संस्था NCML (नेशनल कोलेटरल मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड) द्वारा एक चर्चा संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को एक होटल में किया गया। 

चर्चा संगोष्ठी का विषय खरीफ फसलों का उत्पादन भंडारण वितरण योजना एवं विपणन रहा कार्यक्रम में कोटा के प्रमुख व्यापारी गण ने भाग लिया। 

NCML कंपनी द्वारा आयोजित इस चर्चा संगोष्ठी का शुभारंभ कंपनी के डिप्टी सीईओ अनुपम कोशिक एवं संजीव छाबड़ा एवं जोनल हेड  सुरेश चंद केसरी द्वारा अपने विचार प्रकट करके किया।   

कौशिक ने बताया कि किस तरह से NCML ने अपनी सर्विस से निरंतर ग्राहकों को संतुष्ट किया है एवं वेयरहाउसिंग में अपना प्रथम स्थान बनाया हुआ है। 

NCML निरंतर नए सर्विस जैसे कि कंपनी द्वारा स्टॉक पर फाइनेंस, स्ट्रोक की ऑनलाइन ट्रेडिंग का संचालन सुचारु रुप से कर रही है जिससे कि ग्राहक अपने व्यापार का विस्तार कर सकते हैं

संगोष्ठी में सोयाबीन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए चाय पर चर्चा का आयोजन किया गया।  जिसमें 
भामाशाह अनाज मंडी के व्यापारियों ने हिस्सा लिया एवं सोयाबीन के भविष्य पर अपना पक्ष रखा। 

इस साल बारिश कम होने से सोयाबीन के उत्पादन में कमी रहेगी एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग तेज नहीं होने से भाव में ज्यादा सुधार की संभावना नजर नहीं आती |

कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया एवं कृषि उत्पादन के भंडारण पर मिलने वाले लोन के बारे में भी अवगत कराया। 

कंपनी ने NCML द्वारा दी जाने वाले फंडिंग पर भी चर्चा की गई जिसमें व्यापारियों को अगर बैंक से फंडिंग ना मिले तो इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। 

कंपनी द्वारा प्रारंभ किए गए cके बारे में जानकारी भुवन  द्वारा दी गई इसके माध्यम से कोई भी व्यापारी अपना माल सही मूल्य में कहीं पर भी खरीद व बेच सकता है। 

कार्यक्रम में सभी व्यापारियों का एनसीडेक्स पर सोयाबीन लगाने वह जल्दी डीमेट होने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा गौतम वशिष्ठ द्वारा दी गई। 

कार्यक्रम के अंत में कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक अजय अग्रवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यापारियों का धन्यवाद किया।