Monday, October 7, 2024
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घर खरीदारों के पक्ष में अब बदला दिवालियापन कानून

नई दिल्ली। इन्सॉल्वंसी ऐंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया ने नियमों में बदलाव करते हुए यह दर्शाना अनिवार्य कर दिया है कि किसी कंपनी के रेजॉलुशन प्लान में सभी पक्षों के हितों का ध्यान कैसे रखा जाएगा। यह कदम उठाने का मकसद जेपी इन्फ्राटेक एवं आम्रपाली ग्रुप की कुछ रियल एस्टेट कंपनियों के घर खरीदारों के हितों का संरक्षण करना है।

पिछले सप्ताह इन्सॉल्वंसी और बैंकरप्सी प्रोसिगडिंग्स के रेग्युलेटर की ओर से संशोधित नियम का नोटिफिकेशन जारी किया गया। इस संशोधन से यह सुनिश्चित होगा कि बैंक और लोने देनेवाले अन्य संस्थान कार्रवाई से प्रभावित दूसरे स्टेकहोल्डर्स के हितों की शर्त पर अपने हित नहीं साधकर नहीं बच सकते।

बैंक क्रेडिटर्स कमिटी का हिस्सा होते हैं जिनकी किसी कंपनी के बैंकरप्ट होने के प्रक्रिया में महत्वपूर्ण नीति-निर्माता की भूमिका होती है। बैंकरप्सी केस के स्पेशलिस्ट एक वकील ने बताया, ‘नियमों में बदलाव से एक गैप भर गया है क्योंकि फ्लैलट बायर्स को लग रहा था कि उनके हितों के संरक्षण के लिए नजरिए से इसमें कुछ भी नहीं है।’

पिछले साल अस्तित्व में आया नया कानून रेजॉलुशन प्रोसेस को 180 दिनों में निपटाने की व्यवस्था करता है जिसमें अधिकतम 90 दिनों की बढ़ोतरी हो सकती है। इस प्रक्रिया में इनसॉल्वंसी रेजॉलुशन प्रफेशनलों की नियुक्ति की जाती है जिनपर कंपनी के संचालन और योजना निर्माण की जिम्मेदीरी होती है।

कानून के तहत अगर क्रेडिटर्स कमिटी की सहमति हो तो वह दूसरी कंपनियों से आवेदन मंगवा सकती है जो इन्फर्मेशन मेमोरेंडम फाइनलाइज करने के बाद रेजॉलुशन प्रोसेस से गुजर रही कंपनी का टेक ओवर करने का इच्छुक हो।

इन्सॉल्वंसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि कानून के तहत कॉर्पोरेट कर्जदार (कंपनी) और इसके स्टाफ, मेंबर्स, क्रेडिटर्स, गारेंटर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स रेजॉलुशन प्लान में शामिल होते हैं।

लेकिन, पहले के नियम में फाइनैंशल क्रेडिटर्स (बैंक) और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स (वेंडर्स एवं वे सभी जिनका कंपनी पर बकाया है) को छोड़कर अन्य पक्षों के हितों की अनदेखी हुई थी।

संशोधित नियमों में मिली सहूलियतों के मद्देनजर नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल मिली बोलियों के आधार पर फाइनल रेजॉलुशन प्लान पर फैसला लेगा। एक वकील ने कहा, ‘ट्राइब्यूनल सभी पक्षों को सूचित किए बिना रेजॉलुशन प्लान क्लियर नहीं करेगा और उस वक्त फ्लैट बायर्स आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं।’

पेट्रोल-डीजल से वैट घटाने वाला गुजरात पहला राज्य 

गुजरात में फ्यूल पर वैट में 4 पर्सेंट की कमी, पेट्रोल ₹2.93 और डीजल ₹2.72 तक नीचे, महाराष्ट्र में भी पेट्रोल-डीजल के दाम 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक घट सकते हैं।

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल से वैट घटाने वाला गुजरात पहला राज्य बन गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बीते बुधवार को ही कहा था कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर घटाएगी और आज उन्होंने वैट कटौती का ऐलान कर दिया। इस मौके पर सीएम रुपाणी ने कहा कि वह फ्यूल पर लगनेवाले वैट में 4 पर्सेंट की कमी कर रहे हैं।

नए वैट दर से गुजरात में पेट्रोल 2.93 रुपये जबकि डीजल 2.72 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा।महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में भी पेट्रोल-डीजल के दाम 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक घट सकते हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये कम करते हुए राज्यों से अपील की थी कि वे तेल उत्पादों से वैट घटाएं जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो सकें। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका ऐलान करते हुए कहा था, ‘हमने एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। अब राज्यों की बारी है कि वे पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स से वैट कम से कम 5 प्रतिशत कम करें।’

केंद्र की इस अपील पर गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने तो सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, लेकिन कई राज्यों ने यह कहते हुए इसे नकार दिया कि उनके यहां वैट की दर पहले से ही बहुत कम है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तो उलटा केंद्र सरकार को ही सलाह दे दी। सोमवार को इस मुद्दे पर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डालते हुए नीतीश ने केंद्र से पेट्रोलियम प्रॉडक्ट पर बेस प्राइस कम करने को कहा।

सेंसेक्स 31,929 पर खुला और निफ्टी 10 हजार के पार

नई दिल्ली। मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार सामान्य स्तर पर खुले। बीएसई सेंसेक्स 82.15 की बढ़त के साथ 31, 929 पर खुला, वहीं निफ्टी 27 पॉइंट की बढ़त के साथ फिर 10 हजार के पार खुला। बता दें कि सोमवार को एशियाई बाजारों में तेजी के बावजूद भारतीय शेयर बाजार सामान्य स्तर पर खुले थे।

30 शेयरों का बीएसई सेंसेक्स 12.67 पॉइंट लुढ़ककर 31,801.55 पर खुला तो 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी भी 7.90 पॉइंट गिरकर 9,971.80 अंक पर खुला था। ऐसे में मंगलवार को बाजार की शुरुआत को बेहतर कहा जा सकता है।

जहां बॉम्बे डाइंग 11.25 अंकों की बढ़त के साथ 236.75 पर ट्रेंड कर रहा है, वहीं एनसीसी 3.50 की बढ़त के साथ 89.55 पर ट्रेंड कर रहा है। ईक्लर्क्स सर्विसेज में भी काफी बढ़त देखने को मिली। ईक्लर्क्स सर्विसेज 29.75 पॉइंट की बढ़त के साथ 1233 पर ट्रेंड कर रहा है।

इसके अलावा कुछ कंपनियों में गिरावट भी देखी गई। वर्लपूल इंडिया 23.50 अंक नीचे गिरकर 1320 अंकों पर ट्रेंड कर रहा है। वहीं मार्कसंस फार्मा गिरावट के साथ 48.45 अंकों पर है। उज्जीवन फाइनैंस सर्विस लिमिटेड भी 4.05 अंकों की गिरावट के साथ 337 पर ट्रेंड कर रहा है।

10 सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पक्ष में भुगतान के अवार्ड पारित

जयपुर। राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद की 33 वीं बैठक में सोमवार को 10 लघु उद्योगोें के पक्ष में 95 लाख मूलधन व आरबीआई की ब्याजदर के तीनगुणा दर से भुगतान के अवार्ड पारित कर बड़ी राहत दी है।

उद्योग आयुक्त कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित सुविधा परिषद की बैठक में 6 प्रकरणों में उभय पक्षकारों को आपसी सहमति से विवादों का निस्तारण किया गया है।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। 

एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।

परिषद् की बैठक में उद्योग आयुक्त कुंजी लाल मीणा के अलावा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति एन.सी. उप्रेती, उद्योग संघों के प्रतिनिधि ताराचंद गोयल व उद्योग, वित्त एवं वाणिज्य विशेषज्ञ योगेश गौतम सदस्य हैं। 

एमएसएमई सुविधा परिषद की बैठक में 24 प्रकरणों पर विचार किया गया। सुविधा परिषद की उभयपक्षोंं को समझाइश से 6 प्रकरण मेें मूलराशि के भुगतान हो जाने के कारण बंद किए गए, वहीं दस प्रकरणों में अवार्ड जारी किया गया।

इनमें शिव वेजप्रो कोटा, केमटेक एसोसिएट्स जयपुर, मन इलेक्ट्रोनिक्स कोटा, आजाद रोलिंग सटर्स एवं कन्स्ट्रंक्शन कोटा, साकेत मेडिकेयर एण्ड रिसर्च सेंटर जयपुर, यूरेका कनवेयर कोटा, जगदंबा फ््यूल जयपुर के 2 प्रकरण, आरएन मेटल्स जयपुर के 2 प्रकरण में अवार्ड पारित कर राहत दी गई है। 

सुविधा परिषद के अध्यक्ष कुंजी लाल मीणा ने बताया कि सुविधा परिषद की नियतकालीन बैठक होने से राज्य की एमएसएमई इकाइयों को बड़ी राहत मिल पा रही है वहीं उभय पक्षों को आपसी समझाइश से भी प्रकरणों के निबटान का अवसर दिया जा रहा है।

राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन तथा मूंगफली की 4.80 लाख मैट्रिक टन की होगी खरीद

जयपुर। राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन तथा मूंगफली की पैदावार को देखते हुए भारत सरकार ने राज्य में 1.50 लाख मैट्रिक टन मूंग, 30 हजार मैट्रिक टन उड़द, 1.50 लाख मैट्रिक टन सोयाबीन तथा 1.50 लाख मैट्रिक टन मूंगफली खरीदने का निर्णय किया है। यह जानकारी सहकारिता मंत्री अजय सिहं किलक ने सोमवार को दी।

उन्होंने बताया कि काश्तकारों से खरीदे जा रहे जिन्सों का भुगतान दीपावली से पूर्व किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन खरीद केन्द्रों पर किसानों द्वारा अधिक पंजीयन करवाया गया है उन केन्द्रों पर कांटों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि भोपालगढ, दूदू, विजयनगर, नागौर, जायल, मेड़ता, देई, अटरू, किशनगढ़, एवं बूंदी में उड़द के लिए 10 नए खरीद केन्द्र बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य में इस प्रकार अब 179 खरीद केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। किसानों को उनकी उपज को बेचने में कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी, यदि आवश्यकता पड़ी तो अतिरिक्त खरीद केन्द्र बनाए जाएंगे।

श्री किलक ने बताया कि यदि किसी भूमि पर संयुक्त खातेदारी है तथा भामाशाह कार्ड एक ही महिला के नाम पर है तो इस स्थिति में गिरदावरी रिपोर्ट में एक से अधिक खातेधारकों के हिस्से अंकित होने पर प्रत्येक हिस्सेदार का पृथक् से पंजीयन कराने का प्रावधान कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार यदि किसी भूमि को बटाईदार को दे रखा है तो इसके लिए कृषि भूमि मालिक एवं काश्त करने वाले किसान के मध्य विधिवत रूप से 100 रुपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर अनुबंध होना आवश्यक है।

रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि किसानों को जिन्स के अनुसार गुणवत्ता संबंधी संदेश एसएमएस के माध्यम से भिजवाए जा रहे हैं ताकि किसान अपनी उपज को बेचने के हिसाब से तैयार कर के लाए तथा उसका रिजेक्शन न हो। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने प्रत्येक जिन्स के एफएक्यू मापदण्ड तय किए हैं।

श्री कुमार ने बताया कि खरीद केन्द्र पर गुणवत्ता संबंधी मापदंडों के आधार पर उपज के आकलन के समय विवाद होने की संभावना को देखते हुए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस कमेटी में संबंधित क्रय-विक्रय सहकारी समिति का व्यवस्थापक या केन्द्र प्रभारी, नेफैड द्वारा नियुक्त किस्म निरीक्षक या सर्वेयर, संबंधित कृषि उपज मंडी समिति का सचिव या उसका प्रतिनिधि तथा कृषि विभाग का संबंधित कृषि पर्यवेक्षक सम्मिलित है, जो मौके पर ही विवाद का निराकरण करेगी।

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीद के समय समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तथा गुणवत्ता जांच से संबंधित कार्य की मोनेटरिंग एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक केन्द्र पर उपखण्ड अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

श्री कुमार ने बताया कि यदि किसान को ऑन लाईन पंजीयन में संशोधन की सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि यदि किसी कारणवश निर्धारित दिनांक को अपनी जिन्स की तुलाई नहीं करवा पाता है तो उसे आगामी शनिवार अथवा खरीद केन्द्र की सुविधा के अनुसार जिन्स की तुलाई की सुविधा की व्यवस्था की गई है।

राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि जिन किसानों को एक से अधिक जिन्स समर्थन मूल्य पर विक्रय करना हो तो उन्हें नए सिरे से प्रत्येक जिन्स के लिए पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। 

उन्होंने बताया कि इसके लिए किसान को पंजीकरण में एडिट ऑप्शन में जाकर नई गिरदावरी डालनी होगी। डॉ. प्रधान ने बताया कि राज्य में अभी तक 51 हजार से अधिक किसानों ने ऑन लाईन पंजीयन करवाया है। उन्होंने बताया कि किसान को सफलतापूर्वक पंजीयन की सूचना उसके पंजीकृत मोबाइल पर उसी दिन सूचित किया जा रहा है।

कैलाश अनुज व पीयूशा अनुज ने बहाई भजनों की रसधार

कमल सिंह यदुवंशी
कोटा। धवल चांदनी और संगीत के साजों सामान से बहती सुर ताल के तारत्म्य के बीच दिल्ली से आए भजन सम्राट कैलाश अनुज व पीयूशा अनुज ने भजनों की ऐसी रसधार बहाई कि माहौल में भक्तिरस घुल गया। मौका था नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित 124 वें मेला दशहरा के उपलक्ष में सोमवार रात विजयश्री रंगमंच पर भजन संध्या का।

देर रात तक बही भजनों की सरिता में हर कोई भक्ति के भव सागर में डूबा नजर आया। अनुज दंपत्ति ने गणपति वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद बजरंग बली करे सब की भली…भारी मदमस्त होकर नाच रहे त्रिपुरारी…रात श्याम सपने में आए दहीया पी गयो सरररर… .जैसे भजनों की सरिता बहाई।

नॉन स्टोप हुई भजनों की रसधार ने माहौल में भक्तिरस घोल दिया। पीयूशा अनूज ने अपनी मिठास भरी आवाज में एक राधा दिल में बसे एक राधा बृज में बसे… सुनाया तो कैलाश अनुज ने अपनी जादूभरी आवाज से भजन में संगत दी तो माहौल बृजमय हो उठा। 

नृत्य के जरिए भोले की आराधना
मंच पर भजन संध्या के दौरान जय हो भोला भंडारी भोला भंडारी…भजन पर कलाकारों ने शिव परिवार की जीवंत झांकियों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। दर्शक दीर्घा में भक्ति रस का ऐसा रंग चढ़ा की लोग मंत्रमुग्ध हो नृत्य करने लगे।  डम डम बाजे घुंघरू और बाजे मृदंग… .भजन के दौरान हर हर महादेव, भोलेनाथ की जय के जयकारे लगते रहे।

अखिल भारतीय मुशायरा 11 को
नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय मेला दशहरा 2017 के तहत विजयश्री रंगमंच पर चल रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में 11 अक्टूबर को रात 8 बजे से अखिल भारतीय मुशायरा कार्यक्रम का आयोजन होगा। देशभर से शायर आएंगे।

छात्र दिग्विजय ने पाई असाध्य बीमारी पर विजय

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जज्बे की जीत: अपनी लाइलाज बीमारी से लड़ते हुए छात्र दिग्विजय ने दिमागी स्पर्धाओं से विजय हासिल की, ‘मैं हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगां…’ वाजपेयी की इन पंक्तियों को आत्मसात कर वह हर मुश्किल पार कर रहा है।

अरविंद, कोटा। ‘सभी शक्ति तुम्हारे भीतर है, तुम कुछ भी और सब कुछ कर सकते हो..’ यह जज्बा लिए असाध्य बीमारी से जूझ रहा 17 वर्षीय दिग्विजय हर मुश्किल पार कर रहा है। उसने बताया कि क्लास-8 से गंभीर बीमारी के बारे में सोचता, तो वहीं ठहर जाता।

पापा डाॅ.धुर्वो राय एवं मां डाॅ.गिरिजा आर.वारियर दोनों रेडियोलाॅजिस्ट हैं, इसलिए बीमारी को उन पर छोड़ दिया। नाना रामचंद्र व नानी माधवी दोनों उसकी हिम्मत बढाते रहे। माॅडर्न फिजिक्स में रिसर्च के लिए इस वर्ष वह जेईई-एडवांस्ड के साथ वल्र्ड क्लास यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर पार्टिकल फिजिक्स में रिसर्च करना चाहता है।

बीमारी से परे उसकी नजरें लक्ष्य पर टिकी है। उसके मेंटर नुक्लियस एजुकेशन के निदेशक विशाल जोशी ने बताया कि डिस्टेंस लर्निंग छात्र दिग्विजय को कोलकाता जाकर कोचिंग व कॅरिअर गाइडेंस देते रहेंगे। साइंटिस्ट बनने के लिए वह असाध्य बीमारी को दिमागी मेहनत से हराना चाहता है।
क्रोन्स डिजीज से पीड़ित

मां डाॅ.गिरिजा आर.वारियर ने बताया कि दिग्विजय (17) आॅटोइम्यून बीमारी (क्रोन्स डिजीज) से पीड़ित है। शरीर में अल्सर या सर्जिकल समस्याएं होने पर वह इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। यहां तक कि बाॅनमेरो की मांसपेशिया सिकुड़ने लगती है। लीवर डेमेज होने की संभावना रहती है।

उसे नियंत्रित भोजन में घर पर चावल से बनी वस्तुएं देते हैं। बाहर निकलने पर मास्क पहनता है। भीड़ भरे क्षेत्रों से उसे दूर रखा जाता है। पेट की नलियां अवरूद्ध होने से वह कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा, उसी दौरान पढ़ाई करते हुए नेशनल लेवल पर सफल रहा। क्लास-10 में अस्पताल में भर्ती रहते हुए वह एनटीएसई स्काॅलर बना।

हर हफ्ते ब्लड टेस्ट, फिर भी अव्वल
उसने गंभीर बीमारी की चुनौती को स्वीकार किया और उससे निरंतर लड़ना सीख लिया। हर हफ्ते ब्लड टेस्ट करवाना, डाॅक्टर्स व हाॅस्पिटल के चक्कर काटना उसकी नियति बन गई। इसके बावजूद क्लास-10 तक दिल्ली पब्लिक स्कूल टाॅपर रहा। आरएमओ, एनटीएसई से उत्साह बढ़ा तो कक्षा-11 में केवीपीवाय में नेशनल रैंक-113 प्राप्त की।

वह जेबीएनएसटीएस स्काॅलर भी बना। दिग्विजय ने कहा कि कोटा स्टडी हब है, जहां स्टूडेंट्स की फाइनल ब्रशिंग होती है। जेईई-एडवांस्ड के लिए नुक्लियस एजुकेशन से प्राॅब्लम साॅल्विंग एप्रोच एवं स्पेशल मैथड मिले। इंटरनेट पर वह साइंस जर्नल पढता है। पहले मैथ्स में रूचि रही लेकिन उसमें एप्लीकेशन कम होने से उसने फिजिक्स में रिसर्च करने की ठान ली।

स्काॅलरशिप से गरीब बच्चों को पढ़ाता है
पढ़ाई के साथ उसने विशारद स्तर तक क्लासिकल वायलिन व कीबोर्ड बजाया। इतना ही नहीं, पेंटिंग व फाइन आर्ट में उसने चित्र विशारद की उपाधि ली। लाॅन टेनिस खेलने के शौकीन दिग्विजय अमेचर फोटोग्राफर भी हैं। एक एनजीओ से जुड़कर बस्ती के गरीब बच्चों को पढ़ाने लगा।

अपने पुरस्कार व स्काॅलरशिप की राशि बच्चों की एजुकेशन पर खर्च कर दी। गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, स्टीफन हाॅकिन्स व डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम उसके आदर्श हैं।

कमजोरी को खुद से जीतने की छूट मत दो
दिग्विजय कहता है, अपनी कमजोरी को खुद से जीतने की छूट मत दो। एक योद्धा की तरह बहादुरी से सामना करो और मुसीबतों से बाहर निकलना सीखो। अपना डर ईश्वर को सौंप दो, वह आपकी किस्मत तय करेगा।

अपनी सीमाओं को स्वीकार करो क्यांेकि दुनिया में हर चीज आपके लिए नहीं, लेकिन जिसके लिए आप हो, उसे अवसर खत्म होने से पहले अर्जित करो। रोज 2 घंटे जप कर वह मन को स्थिर रखता है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मल्टी डिस्टि्क मीट कल

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कोटा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर  पर 10 अक्टूबर को शाम  4 बजे से 7 बजे तक  एक मल्टी डिस्टि्क मीट का आयोजन होटल मेनाल रेजीडेन्सी बून्दी रोड कोटा में किया जायेगा। यह जानकारी सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ मनो रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएल अग्रवाल  ने दी।  उन्होने बताया कि जिसमें रोटरी डिस्टीक्ट 3054 व 3040 के रोटेरीयन्स भाग लेंगे।

उन्होने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य प्रमोशन में सोशल स्टीगमा मुख्य अवरोध रहा है। क्योकि लोग मनोरोग के कारण, प्रकार व लक्षणो के बारें में जानकारी नही रखते। जिसकी वजह से समय पर सही इलाज नही कर पाते।  इससे परिवार का आर्थिक व सामाजिक बोझ बढ जाता है। कोटा  में  1988 से हम जन-जागृति अभियान चलाये हुए हैं।

मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत भाटिया एंड कम्पनी के कर्मचारियों, गायत्री आश्रम बोरखेडा में केम्प, साधको में प्रवचन, प्रेस कान्प्रेंन्स, आईएसटीडी के साथ नेशनल कान्प्रेंन्स ओर इस प्रेस वार्ता के उपरान्त टेक्नीकल यूनिर्वसिटी में गोष्ठी का आयोजन किया है। 10 अक्टूबर को मल्टी डिस्टिक मीट के मुख्य अतिथि विधायक हीरा लाल नागर  व विशिष्ट अतिथि मेयर महेश विजय, पूर्व प्रान्त पाल सत्यनारायण लाठी रो. डिस्टिक 3040 व पूर्व प्रान्त पाल रो. सीएम बिरला डिस्टिक 3050 होगें ।

उन्होने बताया कि कान्प्रेंन्स में मुख्य वक्ता वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डा. एम एल अग्रवाल, पेनेलिस्ट डा.के के पारीक, डा. अरूणा अग्रवाल, डा. एम डी चित्तोडा, सरला मून्दडा, सीएम बिरला, पीडीजी प्रघ्युम्न पाटनी, राजेश अग्रवाल,  प्रदीप सिंह गौड,  कान्ता मदनानी, राम गोपाल अग्रवाल, लक्ष्मण नेनानी,  पी पी गुप्ता होगे ।

उन्होने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन प्रत्येक वर्ष विश्व मानसिक दिवस पर थीम के आधार पर प्रमोशन मटेरियल तैयार कर विभिन्न भाषाओं में विश्व में वितरित करता है, जिसका हिन्दी में अनुवाद करके पिछले 9 वर्षो से हमारे द्वारा निःशुल्क ग्लोबल ड्रिस्टीब्यूट के लिए दिया जाता है। जिसके आधार पर सर आर सी हन्टर अर्वाड अॅाफ एक्सीलेन्स 2005 व 2007 में विश्व मानसिक संगठन द्वारा हॉन्ग-कॉन्ग व एथेंस में उन्हें प्रदान किया गया।

इस अवसर पर रोटेरियन विमल जैन, रामगोपाल अग्रवाल,सुरेश काबरा और मिडिया कोर्डिनेटर सुधींद्र गौड़ भी मौजूद थे। गौड़ ने डॉ. अग्रवाल के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। 

सेंसेक्स 32 अंक चढ़कर 31846 के स्तर पर बंद

नई दिल्ली । दिनभर के उतार चढ़ाव के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ हैष प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 32.67 अंक की बढ़त के साथ 31846 के स्तर पर और निफ्टी 9 अंक की बढ़त के साथ 9988 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.02 फीसद की कमजोरी और स्मॉलकैप में 0.32 फीसद की बढ़त देखने को मिली है।

सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो और सरकारी बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी शेयर्स में हुई है। बैंक (0.26 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.17 फीसद), एफएमसीजी (0.62 फीसद), आईटी (0.23 फीसद), मेटल (0.17 फीसद), फार्मा (0.29 फीसद) और रियल्टी (2.33 फीसद) की बढ़त हुई है।

दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 27 हरे निशान में और 23 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी येस बैंक, टेक महिंद्रा, कोल इंडिया, डॉ रेड्डी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट ऑरोफार्मा, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, गेल और बीपीसीएल के शेयर्स में हुई है।

विदेशी गायों का दूध विषाक्त क्यों, देखिये वीडियो

कोटा। आज सम्पूर्ण विश्व में यह चेतना आ गई है कि बाल्यावस्था मे बच्चों को केवल ए2 दूध ही देना चाहिये. विश्व बाज़ार में न्युज़ीलेंड, ओस्ट्रेलिया, कोरिया , जापान और अब अमेरिका मे प्रमाणित ए2 दूध के दाम साधारण ए1 डेरी दूध के दाम से कही अधिक हैं .ए2 से देने वाली गाय विश्व में सब से अधिक भारतवर्ष में पाई जाती हैं।

कृषि विश्वविद्यालय कोटा के असिस्टेंट प्रो. डॉ. एमके गर्ग ने हमारे चैनल LEN-DEN NEWS को एक भेंट में बताया कि अधिकांश विदेशी गोवंश (हॅालस्टीन, जर्सी, एच एफ आदि) के दूध में ‘बीटा कैसीन ए1’ नामक प्रोटीन पाया जाता है जिससे अनेक असाध्य रोग पैदा होते हैं। पांच रोग होने के स्पष्ट प्रमाण वैज्ञानिकों को मिल चुके हैं –

  • इस्चीमिया हार्ट ड़िजीज (रक्तवाहिका नाड़ियों का अवरुद्ध होना)।
  • मधुमेह-मिलाईटिस या डायबिट़िज टाईप-1 (पैंक्रिया का खराब होना जिसमें इन्सूलीन बनना बन्द हो जाता है।)
  • आटिज़्म (मानसिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म होना)।
  • शिजोफ्रेनिया (स्नायु कोषों का नष्ट होना तथा अन्य मानसिक रोग)।
  • सडन इनफैण्ट डैथ सिंड्रोम (बच्चे किसी ज्ञात कारण के बिना अचानक मरने लगते हैं)।

विदेशी गोवंस 
जैसा कि शुरू में बतलाया गया है कि विदेशी गोवंश में अधिकांश गऊओं के दूध में ‘बीटा कैसीन ए1’ नामक प्रोटीन पाया गया है। हम जब इस दूध को पीते हैं और इसमें शरीर के पाचक रस मिलते हैं व इसका पाचन शुरू होता है, तब इस दूध के ए1 नामक प्रोटीन की 67वीं कमजोर कड़ी टूटकर अलग हो जाती है और इसके ‘हिस्टिाडीन’ से ‘बी.सी.एम. 7’ (बीटा कैसो माफिन 7) का निर्माण होता है।

सात सड़ियों वाला यह विषाक्त प्रोटीन ‘बी.सी.एम 7’ पूर्वोक्त सारे रोगों को पैदा करता है। शरीर के सुरक्षा तंत्र को नष्ट करके अनेक असाध्य रोगों का कारण बनता है। विशेष जानकारी के लिए खबर के साथ दिया गया वीडियो जरूर देखिए –