Monday, October 7, 2024
Home Blog Page 4602

अब जीएसटी कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण 31 मार्च 18 तक

0
  • राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने LEN-DEN NEWS से कहा कि व्यापारी अगले साल 31 मार्च तक कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण करा सकते हैं। यह सुविधा सिर्फ व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों और रेस्तरां सेवा प्रदाताओं को ही प्राप्त है।

नई दिल्ली । छोटे और मझोले कारोबारियों को दिवाली से पहले एक और तोहफा देते हुए जीएसटी काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण कराने की सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी है। ऐसा होने पर सालाना एक करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारी इस योजना का चुनाव कर सकेंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई 22 में बैठक में यह अहम फैसला किया गया। कंपोजीशन स्कीम की अंतिम तिथि इस साल 30 सितंबर को समाप्त हो गई थी।

इस स्कीम में अब तक 15.47 लाख व्यापारी पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें सबसे अधिक व्यापारी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के हैं।

इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने हैदराबाद में हुई बैठक में कंपोजीशन स्कीम 16 सितंबर से 30 सितंबर तक खोलने का फैसला किया था। इस दौरान पांच लाख से अधिक व्यापारियों ने इसके तहत पंजीकरण कराया था।

राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने LEN-DEN NEWS से कहा कि व्यापारी अगले साल 31 मार्च तक कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण करा सकते हैं। कंपोजीशन स्कीम की सुविधा सिर्फ व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों और रेस्तरां सेवा प्रदाताओं को ही प्राप्त है।

इसके तहत पंजीकृत व्यापारियों को अपने टर्नओवर का मात्र एक प्रतिशत और मैन्यूफैक्चरर को दो प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होता है। वही रेस्तरां सेवा प्रदान करने वाले व्यवसायियों को इस स्कीम के तहत पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी अदा करना होता है।

कंपोजीशन स्कीम में पंजीकृत व्यापारियों को सबसे बड़ी सुविधा यह है कि उन्हें हर माह जीएसटी का रिटर्न दाखिल नहीं करना पड़ता। वे तीन माह में सिर्फ एक बार जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

हालांकि कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत व्यापारी अंतरराज्यीय बिक्री नहीं कर सकते। वैसे तंबाकू उत्पाद बनाने वाली यूनिटों को कंपोजीशन स्कीम की सुविधा नहीं मिल सकती है।

किंगफिशर मामला: बैंकों के निदेशक, अधिकारी भी जांच के घेरे में

नयी दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कई एजेंसियों की जांच के जोर पकड़ने के बाद बैंकों के कई कार्यकारी एवं निदेशक तथा सरकारी अधिकारी जांच के घेरे में हैं। बंद हो चुके किंगफिशर एयरलाइंस को ऋण देने में नियमों का उल्लंघन करने को लेकर यह जाँच हो रही है। नियामकीय एवं बैंकिंग सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय एसएफआईओ किंगफिशर एयरलाइंस मामले में हुई गड़बड़ियों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने वाला है। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस एवं अधिकारियों द्वारा गलत किये जाने के संकेत दिये हैं तथा कंपनी संचालन में गंभीर गड़बड़ियों का अंदेशा जताया है।

सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस को बिना पर्याप्त आधार के ऋण देने में बैंक अधिकारियों की भूमिका तथा माल्या से कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ को जिन भी बैंकों द्वारा खामी मिली है वे सभी जांच के दायरे में हैं।

एक सूत्र ने कहा, कंपनी का बही-खाता कभी भी अच्छा नहीं था। उसकी क्रेडिट रेटिंग भी ऋण देने के लिए आवश्यक स्तर से कम थी। उसके बाद भी बैंकों ने प्रक्रिया को अनदेखा करते हुए ऋण दिया।

सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ताओं ने यह भी पाया है कि किंगफिशर ब्रांड के मूल्यांकन के संबंध में बैंकों ने एक ही मूल्यांकन के आधार पर ऋण देने की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। हालांकि इसके लिए कम से कम दो अलग मूल्यांकन रिपोर्ट अनिवार्य था।

कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय के अधिकारी एसएफआईओ की रिपोर्ट पर टिप्पणी देने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। माल्या ने भी सवालों का तत्काल जवाब नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों ने एयरलाइंस को ऋण देने वाले बैंकों से कुछ जानकारियां भी मांगी हैं

देरी के कारण खारिज नहीं किये जा सकते बीमा दावे : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि यदि किसी बीमा का दावा करने में देरी होती है और उपभोक्ता देरी की संतोषजनक वजह बताता है तो उसे खारिज नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने वाहन मालिक का बीमा दावा खारिज किये जाने के संबंध में सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि बीमा दावे पूरी तरह तकनीकी आधार पर खारिज करने से बीमा उद्योग में बीमाधारकों का भरोसा कम होगा। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को निर्देश दिया कि वह चोरी हुए वाहन के मालिक को 8.35 लाख रुपये का भुगतान करे।

हिसार के रहने वाले उपभोक्ता का ट्रक चोरी हो गया था। इस सिलसिले में बीमा को लेकर उनके दावे को देरी की वजह से खारिज कर दिया गया था। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने इस मामले में कहा था कि दावे में देरी को आधार बनाकर बीमा कंपनियां दावे को खारिज कर सकती हैं। वाहन मालिक ने आयोग के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

पीठ ने कहा, अगर दावे में देरी की वजह को संतोषजनक तरीके से स्पष्ट कर दिया जाता है तो ऐसे दावे देरी के आधार पर खारिज नहीं किये जा सकते हैं। यहां यह भी कह देना जरूरी है कि पहले से सत्यापित और जांचकर्ता द्वारा सही पाये जा चुके दावों को खारिज करना उचित एवं तर्कसंगत नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए है। उसने कहा, यह एक लाभदायक कानून है और इसके अनुपालन में उदारता होनी चाहिए। इस अधिनियम के तहत किये गये दावों की सुनवाई करते हुए यह प्रशंसनीय तथ्य नहीं भूलना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि कोई व्यक्ति जिसका वाहन खो गया हो वह दावा करने के लिए सीधा बीमा कंपनी नहीं जा सकता है। वह संभव है कि पहले अपना वाहन खोजने की कोशिश करे। न्यायालय ने कहा, यह सच है कि वाहन मालिक को चोरी के तुरंत बाद बीमा कंपनी को अवगत कराना चाहिए।

हालांकि इस शर्त को सही दावों को सुलटाने में अनिवार्य नहीं होना चाहिए। खासकर तब जब दावा करने या सूचित करने में देरी की वजह कुछ ऐसी हो जिसे टाला ही नहीं जा सकता है। दावे को खारिज करने का बीमा कंपनी का निर्णय वैध आधार पर ही होना चाहिए।

त्योहारों पर कोटा जंक्शन से चलेंगी 3 स्पेशल ट्रेन

0

कोटा। रेल प्रशासन ने त्यौहारों को देखते हुए कोटा से तीन विशेष ट्रेन चलाने का फैसला किया है। ये ट्रेनें कोटा से निजामुद्दीन, झालावाड़ और पटना के लिए चलेंगी।

कोटा से निजामुद्दीन के बीच ट्रेन 31 अक्टूबर तक रात 09.10 बजे प्रस्थान करके प्रातः 04.25 बजे निजामुद्दीन पहुंचेगी। वापसी में निजामुद्दीन से प्रातः 04.15 बजे प्रस्थान करके दोपहर 01.15 बजे कोटा आएगी।

16 कोच की इस गाड़ी में 2 एसएलआर, 7 सामान्य द्वितीय श्रेणी, 5 शयनयान श्रेणी तथा 1 कोच तृतीय श्रेणी वातानुकूलित कोच रहेगा। झालावाड़ सिटी ट्रेन 31 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 7.10 बजे रवाना होकर रात 09.25 बजे झालावाड़ सिटी पहुंचेगी।

वापसी में प्रतिदिन सुबह 6.00 बजे रवाना होकर सुबह 08.05 बजे कोटा आएगी। 11 कोच की इस गाड़ी में 2 एसएलआर, 9 सामान्य द्वितीय श्रेणी कोच रहेंगे। यह ट्रेन पूरे अक्टूबर चलेगी और दोनों ओर 31-31 फेरे करेगी।

 

कोटा-पटना के बीच 13, 16, 19 को चलेगी ट्रेन
कोटा से पटना विशेष ट्रेन 13, 16 एवं 19 अक्टूबर को चलेगी। यह गाड़ी कोटा से दोपहर 12.30 बजे प्रस्थान करके दूसरे दिन दोपहर 12.15 बजे पटना पहुंचेगी वापसी में पटना से कोटा 14 अक्टूबर 17 अक्टूबर को चलेगी।

तिमाही नतीजे तय करेंगे शेयर बाजार की चाल

वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर बाजार की चाल तय करेंगे

मुंबई। अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, प्रमुख कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजे, वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे।

अगले सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे। उनमें इंडसइंड बैंक और टीसीएस गुरुवार को अपनी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे। कोटक महिंद्रा बैंक शुक्रवार को अपने नतीजे जारी करेगी।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शनिवार  को हुई 22वीं बैठक में छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए उन्हें हर महीने रिटर्न भरने से छूट देने का फैसला लिया गया है।

डेढ़ करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर पहले हर महीने रिटर्न भरने का प्रावधान था जिसे अब त्रैमासिक कर दिया गया है। इसके अलावा 50,000 रुपये तक की खरीद पर पैन की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। सरकार ने जेम्स एंड ज्वेलरी पर से जीएसटी हटा लिया है।

इसके अलावा जीएसटी परिषद ने ‘कंपोजिशन’ योजना अपनाने वाली कंपनियों के लिए कारोबार की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी। इस योजना के तहत एसएमई को कड़ी औपचारिकताओं को पूरा किये बिना एक से पांच प्रतिशत के दायरे में कर भुगतान की सुविधा दी गई है।

परिषद ने उन करदाताओं को तथाकथित ‘कपोजिशन स्कीम’ का विकल्प देने का फैसला किया है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये या उससे कम है। अब तक यह सीमा 75 लाख रुपये थी। साथ ही जीएसटी परिषद ने करीब 27 वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन किया है।

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) का आईपीओ सोमवार को खुलेगा और बुधवार को बंद होगा। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 1645 रुपये से 1,650 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है। आईईएक्स भारत के प्रमुख बिजली ट्रेडिंग प्लेटफार्म है।

जनरल इंश्योरेंस कंपनी जनरल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का आईपीओ बुधवार को खुलेगा और शुक्रवार को बंद होगा। कंपनी ने इसकी कीमत 855 रुपये से 912 रुपये प्रति शेयर तय की है।

बांगड और भारती कंस्ट्रक्शन के कई ठिकानों पर आयकर छापा

0

जयपुर/उदयपुर। आयकर विभाग ने वागड़ और भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी के कई ठिकानों पर छापा कार्रवाई की। इस दौरान विभाग को बड़ी मात्रा में जेवर व नकदी मिली है।

आयकर विभाग ने कंपनियों के बांसवाड़ा, उदयपुर, भोपाल और भीना स्थित ठिकानों पर कार्रवाई की। टीमों ने दोनों ही कंपनियों के कार्यालय और मालिकों के ठिकानों से बड़ी मात्रा में ज्वैलरी और नकदी बरामद की है।

सूत्रों के अनुसार करोड़ों की कर चोरी का खुलासा हो सकता है। यह कार्रवाई आयकर विभाग के ज्वॉइंट डायरेक्टर एम. रघुवीर के निर्देशन में हो रही है।

सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारी बरामद हुए जेवरों, नकदी और दस्तावेजों के अनुसार कर चोरी का आंकड़ा पता लगाने में जुटे हुए हैं।

राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी में आयकर विभाग ने राजस्थान के औद्योगिक घराने के एक दर्जन ठिकानों पर एक साथ आयकर छापे की कार्यवाही की है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग ने बांगड समूह के भीलवाड़ा, उदयपुर सहित एक दर्जन ठिकानों पर आज सुबह एक साथ छापे मारे।

छापे की इस कार्यवाही में आयकर विभाग की जयपुर, जोधपुर और उदयपुर की टीमों ने भाग लिया और भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर स्थित फैक्टियों सहित कई स्थानों पर छापे मारे।

उल्लेखनीय है कि बांगड ग्रुप के टैक्सटाईलस सहित कई कारोबार है। कार्रवाई में उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और कोटा के आयकर विभाग की सात टीमों के करीब 50 अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं।

स्वर्ण लेन-देन के बारे में नयी सीमा जल्द ही तय : अधिया

नयी दिल्ली। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि सरकार सोना और अन्य कीमती धातुओं एवं रत्नों में लेन-देन के बारे में अधिकारियों को सूचना देने को लेकर नई सीमा की अधिसूचना जल्द जारी करेगी। इसका मकसद कीमती धातु के कारोबार में कालाधन के उपयोग को रोकना है।

सरकार ने शुक्रवार को अगस्त के अपने उस आदेश को पलट दिया जिसमें धन शोधन रोकथाम कानून पीएमएलए के तहत रत्न एवं आभूषण विक्रेताओं को इस संबंध में जानकारी देनी होती थी।

एक साक्षात्कार में अधिया ने कहा कि 23 अगस्त के आदेश को रद्द करना पड़ा क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी और नकारात्मक धारणा बन गई थी क्योंकि लेनदेन की सूचना देने के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई थी।

अधिया ने कहा, भारत में यह पहली बार हुआ है कि हमने अधिसूचित किया था कि आभूषण विक्रेता पीएमएलए के तहत हमें सूचना देंगे लेकिन वह हमें क्या रपट देंगे यह स्पष्ट नहीं था।

उन्होंने कहा कि इससे आभूषण विक्रेताओं ने 23 अगस्त के आदेश का अनुपालन करने के लिए बैंकों के आधार को अपनाया जहां 50,000 से ज्यादा के लेनदेन पर सूचना देनी होती है। इससे धारणा प्रभावित हुई इसलिए अब हमने निर्णय किया है कि हम साथ बैठकर इस पर निर्णय करेंगे।

ट्रक मालिक सोमवार को करेंगे चक्का जाम, पेट्रोल पंप 13 को रहेंगे बंद

0

13 अक्टूबर को देशभर के 54000 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे, वहीं ट्रक मालिकों और संचालकों ने 36 घंटों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जो नौ अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी

नई दिल्ली। आम लोगों की मुश्किलें सोमवार से बढ़ सकती है क्योकि देशभर के पेट्रोल पंप मालिकों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पेट्रोल पंप मालिक हड़ताल पर जाने की ऐलान किया है।

वहीं ट्रक मालिकों और संचालकों ने शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत विघटनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया और नए अप्रत्यक्ष कर के तहत डीजल को लाने की मांग की।

 शुक्रवार 13 अक्टूबर को देशभर के 54000 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। ये लोग अपनी कई मांगों को लेकर एक दिन के हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। ट्रक मालिकों और संचालकों ने 36 घंटों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जो नौ अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी।

कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार मित्तल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, जीएसटी लागू होने के बाद परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और अन्य ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों ने दो दिनों की सांकेतिक राष्ट्रीय हड़ताल का आह्वान किया है, जो नौ अक्टूबर (सोमवार) को सुबह आठ बजे से शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम आठ बजे खत्म होगी। हम भी इसका समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत विभिन्न नीतियों के कारण सड़क परिवहन क्षेत्र में बहुत भ्रम और विघटन पैदा हुआ है।  उन्होंने कहा, डीजल मूल्य में अत्यधिक वृद्धि और कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव सड़क परिवहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।

डीजल और टोल पर किया जानेवाला खर्च ट्रक के परिचालन खर्च के 70 फीसदी से भी अधिक है, जबकि डीजल को ही जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखा गया है।

डीजल को जीएसटी के अंतगर्त लाना आवश्यक है, ताकि देश में एक कीमत पर डीजल की बिक्री हो। ट्रांसपोर्टर्स ने यह मांग भी की कि डीजल की कीमतों की समीक्षा तिमाही आधार पर होनी चाहिए।

नोटबंदी, जीएसटी का इकोनॉमी पर अच्छा असर पड़ा – जेटली

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान, नोटबंदी और जीएसटी के लागू करने से इकोनॉमी पर अच्छा प्रभाव पड़ा है।

इससे देश के अंदर टैक्स अनुपालन बढ़ाने और नकदी को कम करने में भूमिका निभाई है। जेटली ने ये बयान अमेरिका की एक हफ्ते की यात्रा पर जाने से पहले दिया। 

अमेरिका यात्रा से पहले बर्कले इंडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के इन कदमों का जनता ने भी समर्थन किया है। 

जेटली ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इकोनॉमी में एक बार फिर से ग्रोथ दिखेगी, क्योंकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी जनसंख्या ही ज्यादा नहीं है, बल्कि सबसे ज्यादा युवा आबादी है।

जेटली अमेरिका के कॉर्पोरेट लीडर्स से न्यूयॉर्क और बोस्टन में मुलाकात करेंगे। इसके बाद आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की वाशिंगटन में होने वाली सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे।

जेटली ने कहा कि युवा आबादी के साथ यह अवधारणा भी बन रही है कि उनकी जरूरतों को पूरा नहीं किया जा रहा। जेटली ने कहा कि इसकी वजह ये भी है कि वे अब अधिक से अधिक आकांक्षी हो रहे हैं।

इसलिए हमारे पास इसके लिए अधिक समय नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि अगले एक-दो दशक में भारत को उच्च आर्थिक समूह वाले देशों में शामिल होने की चुनौती पूरी करनी है, तो हमें अधिक तेज रफ्तार से बढ़ना होगा। 

RBI ने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पर लगाई पाबंदियां

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने अत्यधिक फंसे कर्ज (एनपीए) होने की वजह से ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कदम (पीसीए) उठाये हैं। इसके तहत नया कर्ज और लाभांश देने पर प्रतिबंध समेत कई पाबंदियां लगाई गई हैं।

ओबीसी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी है कि आरबीआइ ने ज्यादा एनपीए होने के कारण उसके विरुद्ध त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए हैं। हालांकि उसका कहना है कि इस कार्रवाई से उसके प्रदर्शन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह जोखिम प्रबंधन, एसेट क्वालिटी, लाभप्रदता और कार्यकुशलता में सुधार के लिए प्रयास करता रहेगा।

बीते जून में बैंक का एनपीए उसके कुल कर्जो के मुकाबले 9.56 फीसद तक पहुंच गया है। एक साल पहले एनपीए 8.11 फीसद था। आरबीआइ ने आइडीबीआइ बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक के भी खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई शुरू की है।

आरबीआइ ने अप्रैल में पीसीए में कुछ नये प्रावधान जोड़ते हुए इसके नियम जारी किये थे। इसमें एक प्रावधान यह भी जोड़ा गया कि अगर बैंक की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो या तो उसका विलय कर दिया जाएगा या किसी अन्य बैंक द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाएगा।

ओबीसी ने जून में समाप्त तिमाही में 486.20 करोड़ रुपये शुद्ध घाटा होने की जानकारी दी थी। आय में कमी और फंसे कर्जो के लिए ज्यादा पैसा निकालने की वजह से घाटे की स्थिति बनी। बैंक का कुल कर्जो के मुकाबले कुल एनपीए बढ़कर 14.83 फीसद तक पहुंच गया जबकि पिछले साल यह 11.45 फीसद था।

एनपीए ज्यादा होने के कारण उसे जून में समाप्त तिमाही के दौरान 1591.48 करोड़ रुपये निकालने पड़े। पिछले साल उसने 1147.49 करोड़ रुपये निकाले थे। शुक्रवार को ओबीसी का शेयर बीएसई में 1.31 फीसद की तेजी के साथ 123.50 रुपये पर बंद हुआ।