Sunday, October 6, 2024
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GST से पहले का डेटा जुटा रहा टैक्स डिपार्टमेंट

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मुंबई। टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से पिछले लेनदेन की जानकारी मांगी है। इससे डिपार्टमेंट को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कैलकुलेशंस की जांच में मदद मिलेगी।

इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से जुलाई में उनकी ओर से GST के तहत क्लेम किए गए ट्रांजिशनल क्रेडिट पर स्पष्टीकरण मांगा है।

डिप्टी कमिश्नर्स और असिस्टेंट कमिश्नर्स (सेंट्रल टैक्स) को हाल ही में समन जारी कर पांच एरिया में डेटा देने को कहा गया है। ये डेटा पिछले सेल्स टैक्स रिकॉर्ड, जून में टैक्स का क्लोजिंग बैलेंस, क्रेडिट के प्रकार, 1 जुलाई से पहले वेंडर इनवॉयस की डिटेल्स और 1 जुलाई से पहले वेंडर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स को दी गई पेमेंट से जुड़े हैं।

ट्रांजिशनल क्रेडिट का मतलब सेल्स टैक्स, एक्साइज और वैल्यू एडेड टैक्स पर 1 जुलाई से पहले प्री-GST स्टॉक के लिए जमा टैक्स क्रेडिट है। ऐसे क्रेडिट का जुलाई में लागू हुए GST के तहत देनदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

टैक्स अधिकारियों को शक है कि कुछ कंपनियां इस प्रोविजन का गलत इस्तेमाल कर रही हैं और उन्होंने अधिक ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम करने के लिए जाली रिटर्न दाखिल किया है। जुलाई में मिले 95,000 करोड़ रुपये के GST में से लगभग 65,000 करोड़ रुपये का क्लेम रिफंड या ट्रांजिशनल क्रेडिट था।

बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से मिले डेटा की यह देखने के लिए जांच की जाएगी कि इनमें गड़बड़ियां तो नहीं हैं। हालांकि, कंपनियों का कहना है कि उन्हें जानकारी देने के लिए अधिक समय नहीं दिया गया है।

एक बड़े मल्टीनेशनल बैंक के फाइनेंस हेड ने बताया, ‘हमें कुछ दिन पहले नोटिस मिला है। इसमें कई जानकारी मांगी गई है। हमें अभी ये सूचनाएं नहीं दे पाए हैं। एक टैक्स अधिकारी ने हाल ही में मुझे फोन कर जरूरी डॉक्युमेंट्स जल्द जमा करने को कहा था।

अधिकारी का कहना था कि बैंक की ओर से क्लेम किया गया ट्रांजिशनल क्रेडिट बहुत अधिक है। मैंने उन्हें बताया है कि ट्रांजिशनल क्रेडिट को हमारे टैक्स के मासिक भुगतान से जोड़कर देखा जाना चाहिए।’

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई कंपनियों ने अभी तक ट्रांजिशनल क्रेडिट की डिटेल्स जमा नहीं की हैं। ये डिटेल्स
Tran-1 फॉर्म के जरिए दी जानी हैं।

इस बारे में डेलॉयट इंडिया के पार्टनर, एम एस मणि ने बताया, ‘Tran-1 फॉर्म को जमा करने की तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई है और इसके बाद ही पूछताछ करना बेहतर होगा।’

5 वर्षों में आ सकता है 85 अरब डॉलर का विदेशी निवेश

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नई दिल्ली। चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री सहित करीब 600 कंपनियां भारत में लगभग 85 अरब डॉलर निवेश की योजना बना रही हैं। जिन प्रॉजेक्ट्स में ये निवेश करेंगी, उनमें अगले पांच वर्षों में रोजगार के 7 लाख मौके बनने का अनुमान है।

विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीति इन्वेस्ट इंडिया के तहत देश को इन्वेस्टमेंट के एक आकर्षक ठिकाने के रूप में बेहतर ढंग से पेश करने की तैयारी है। इन्वेस्ट इंडिया ने ऐसी 200 कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जो अभी भारत में कारोबार नहीं कर रही हैं।

इन्वेस्ट इंडिया के एमडी दीपक बागला ने बताया, ‘हम अगले दो वर्षों में 100 अरब डॉलर विदेशी निवेश का लक्ष्य पाना चाहते हैं। इसमें नए और पहले से चल रहे, दोनों तरह के प्रॉजेक्ट्स में निवेश शामिल है।’ वित्त वर्ष 2017 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा 43 अरब डॉलर एफडीआई आया था। यह रकम इससे पहले वाले साल से 9 पर्सेंट ज्यादा थी।

दुनिया की बड़ी इंजिनियरिंग मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स में शामिल चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री की योजना 9.8 अरब डॉलर निवेश की है। पसिफ़िक कंस्ट्रक्शन, चाइना फॉर्च्यून लैंड डिवेलपमेंट और डैलियन वांडा जैसी चीन की कंपनियों के साथ ऐमजॉन भी इस दौरान भारत में निवेश की योजना बना रही हैं। इनमें से हर एक 5 अरब डॉलर निवेश कर सकती हैं।

इन्वेस्ट इंडिया के मुताबिक, जितने निवेश के बारे में संकेत मिला है, उसमें से 74.3 करोड़ डॉलर पहले ही आ चुके हैं और इसके चलते रोजगार के एक लाख मौके बने हैं। रोल्ज़ रॉयस की 3.7 अरब डॉलर और ऑस्ट्रेलिया की पेर्डामैन इंडस्ट्रीज की 3 अरब डॉलर निवेश करने की योजना है।

इन्वेस्ट इंडिया संभावित निवेशकों के संपर्क में है और जगहों के चयन में उनकी मदद कर रही है। निवेश के अधिकतर प्रस्ताव चीन से हैं। कुल प्रस्तावों में 42 पर्सेंट चीन से, 24 पर्सेंट अमेरिका से और 11 पर्सेंट इंग्लैंड से आए हैं। एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में इन कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है।

इसके बाद कंस्ट्रक्शन और ई-कॉमर्स का नंबर है। इन्वेस्ट इंडिया की टीम ने हाल में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इंडिया में आने वाले बड़े विदेशी निवेश की जानकारी दी थी। बागला ने कहा, ‘एक तरह से सिस्टम में हम निवेशक की आवाज हैं। हम एफडीआई के लिए प्रतिबद्ध हैं। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है, आइडिया यह है कि रेड टेप को निवेशकों के लिए रेट कार्पेट में बदल दिया जाए।’

कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कहा है कि निवेश बढ़ाने के बारे में सरकार के दृष्टिकोण में मूलभूत बदलाव की जरूरत है और सरकार संभावित निवेशकों से संपर्क साधेगी। इन्वेस्ट इंडिया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 114 देशों के एक लाख से ज्यादा निवेशकों से उससे सवाल पूछे हैं। इन्वेस्ट इंडिया का कहना है कि वह तमाम शर्तों के पालन में कंपनियों की मदद कर सकती है।

इंट्रास्टेट एयर सर्विस को जयपुर के लिए नहीं मिल रहे यात्री

सांसद बिरला और सीएम वसुंधरा राजे ने किया था वादा, दिल्ली के लिए फ्लाइट चलाने का, जो पूरा नहीं हुआ 

कोटा। इंट्रास्टेट एयर सर्विस के तहत कोटा से जयपुर के बीच विमान सेवा को 2 माह पूरे होने जा रहे हैं। इसी साल 18 अगस्त को कोटा से जयपुर फ्लाइट शुरू हुई थी। उद्घाटन के वक्त सीएम वसुंधरा राजे और सांसद ओम बिरला ने घोषणा की थी कि कोटा से दिल्ली के लिए फ्लाइट सितंबर में शुरू कर दी जाएगी। लेकिन सितंबर छोड़ अक्टूबर खत्म होने का आया, अभी तक दिल्ली फ्लाइट को लेकर किसी तरह की तैयारी नजर नहीं रही।

इसके उलट दूसरा पहलु यह है कि कोटा से जयपुर के बीच चल रही फ्लाइट को भी पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल पा रहा। कोटा से जयपुर जाने वाली फ्लाइट में जरूर यात्री होते हैं, लेकिन जयपुर से कोटा फ्लाइट अक्सर खाली या इक्कादुक्का यात्री लेकर रही है। इसके चलते 8 सीटर विमान को उड़ा रही कंपनी खुद यह समझ नहीं पा रही कि कोटा में भविष्य के लिए प्लानिंग की जाए या नहीं?

कोटा वासी बोले-समय बदलो, सब ठीक हो जाएगा : असल में कोटा-जयपुर के बीच संचालित फ्लाइट की टाइमिंग को लेकर पहले दिन से सवाल उठते रहे हैं। अभी यह फ्लाइट 2 बजे जयपुर से रवाना होकर 2:45 बजे कोटा पहुंचती है और यहां से 3 बजे रवाना होकर 3:45 बजे जयपुर पहुंचती है।

कोटावासियों ने पहले दिन से इस समय का विरोध किया था, क्योंकि कोई भी व्यक्ति जयपुर जाकर उसी दिन अपना काम करके कोटा लौटना चाहता है। यदि कोटा से जयपुर की फ्लाइट का समय सुबह और वहां से कोटा की फ्लाइट का समय शाम का कर दिया जाए तो यात्रीभार की समस्या ही नहीं रहेगी। 

तब किए थे दिल्ली के दावे : विमान सेवा के उद्घाटन अवसर पर 18 अगस्त को एयरपोर्ट परिसर में मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सितंबर में कोटा से दिल्ली केलिए फ्लाइट शुरू कर दी जाएगी। सांसद ओम बिरला ने दिल्ली के साथ-साथ इंदौर से कनेक्टिविटी की भी बात कही थी।

दोनों इस मसले पर दिल्ली में अलग-अलग समय पर केंद्रीय सिविल एविएशन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से भी मिले थे और उन्होंने भरोसा दिया था कि कोटा से दिल्ली की फ्लाइट के लिए वे मंत्रालय के स्तर से पूरी मदद करवाएंगे और दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग की अनुमति दिलवाएंगे।

दिल्ली के लिए अब भी वही दिक्कत, जीएमआर से कोई रिस्पोंस नहीं
सारीसमस्या की जड़ यह है कि दिल्ली में एयरपोर्ट प्राइवेट फर्म जीएमआर के पास है। यह एक निजी क्षेत्र की कंपनी है। सरकारी दखल के बावजूद ये कंपनी राज्य सरकार की अनुबंधित फर्म सुप्रीम एविएशन को कोई रिस्पोंस नहीं दे रही है। सुप्रीम एविएशन के मुताबिक, हमारी तरफ से कोटा-दिल्ली फ्लाइट में कहीं कोई रुकावट नहीं है, बस दिल्ली एयरपोर्ट पर टाइम स्लॉट की दिक्कत है। हम लगातार संपर्क बनाए हुए हैं, सरकार के बड़े अधिकारी भी संपर्क में हैं।

टाइम स्लॉट मिलने की देर

हमारी तरफ से कहीं कोई रुकावट नहीं है। बस, दिल्ली से टाइम स्लॉट मिलने की देर है। इसके लिए सरकार के स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही यह दिक्कत दूर हो जाएगी। शायद कुछ दिन में ट्रायल की डेट आपको बता पाऊं। कोटा-जयपुर फ्लाइट में पैसेंजर लोड कम है। खास तौर से जयपुर से कोटा जा रही फ्लाइट में ज्यादा समस्या चल रही है। -कैप्टन अमित के अग्रवाल, सीईओ, सुप्रीम एविएशन

कई बार तो जयपुर से कोटा आया खाली प्लेन
सुप्रीम एविएशन के मुताबिक, कोटा-जयपुर फ्लाइट दो माह से चल रही है, लेकिन इसका अनुभव ठीक नहीं रहा। शुरुआती दिनों में पर्याप्त यात्रीभार मिला, लेकिन अब धीरे-धीरे पैसेंजर घट रहे हैं।

जयपुर से कोटा आने वाली फ्लाइट तो अक्सर एक या दो पैसेंजर लेकर आती है। कई बार तो खाली भी आना पड़ा। वहीं, कोटा से जयपुर जा रही फ्लाइट में भी पूरा यात्रीभार नहीं है। सूत्रों ने बताया कि दो बार यह फ्लाइट निरस्त भी हुई है, उस वक्त कंपनी की तरफ से तकनीकी कारण बताए गए, लेकिन बताया यह जा रहा है कि दोनों बार पूरी फ्लाइट खाली आने की नौबत थी।

 

 

उदित नारायण के फ़िल्मी गीतों पर झूमे कोटा के श्रोता, देखिये वीडियो

कोटा। दशहरा मेले में रविवार को विजयश्री रंगमंच पर रविवार की रात सिने संध्या के नाम रहीं। बॉलीवुड के कोटा दशहरा मेले में फ़िल्मी गीत प्रस्तुत करते पार्श्व गायक उदित नारायण ने फिल्मी गानों की एक के बाद दमदार प्रस्तुतियां देकर श्रोताजनों को मस्ती से सराबोर कर दिया।

 खचाचक भरी दर्शक दीर्घा के ठीक सामने बने विजयश्री रंगमंच से सुरों के जादूगर उदित नारायण ने रिमिक्स म्यूजिक के साथ पापा कहते है बड़ा काम करेगा बेटा बड़ा होके नाम करेगा…की परफरमेंस दी तो श्रोताजन मस्ती से सराबोर हो झूमने लगे।

इस दौरान उदित नारायण ने कहा कि कोटा का मेला बहुत ही सुंदर है और मुझे भी मेले अच्छे लगते हैं। आप भी मेरे साथ गुनगुनाओंगे? इस पर दर्शक दीर्घा से जवाब मिला। तेरे बिना जीना नहीं…परदेशी-परदेशी जाना नहीं मुझे छोड़ कर…..सुनाकर माहौल को नई उंचाई दी।

इसके बाद नॉन स्टोप नशा ये प्यार का नशा है नशे में यार डूब जाओ…. टिप टिप बरसा पानी…चाहा है तुमको…भोली सी सूरत आंखों में मस्ती…तुम मिलो तो सही… प्यार तुने क्या किया…सरीखे गानों की ऐसी झड़ी लगाई कि दर्शक दीर्घा में मौजूद युवा भी थिरकते नजर आए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक भवानी सिंह राजावत रहे।
 
मै फिर आऊंगा..
उदित नारायण कोटा के श्रोताआें से काफी प्रभावित नजर आए। उनके पास फरमाइशों की लंबी सूची पहुंची तो उन्होंने कहा कि 142वां दशहरा मेला मुबारक हो, आपने चाहा तो मैं अगले बरस 125 वें मेले में फिर आऊंगा, इस बार मैं अपने बेटे आदित्य नारायण को भी साथ लाऊंगा। मैं कोटा में दस साल पहले भी आया था।

मुझे कोटा ही नहीं, पूरा राजस्थान अच्छा लगता है। मैं हाड़ौती को हमेशा याद करता रहता हूं। उन्होंने राजस्थान की खूबसूरती की तारीफ की। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत कोटा वालों जय रामजी के साथ की। इस दौरान उनके फेंस ने उन्हें उनकी तस्वीर भेंट की।

अजमेर को सिरेमिक हब बनाएंगे – मुख्यमंत्री राजे

जयपुर/अजमेर । मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार अजमेर को सिरेमिक उद्योग के एक प्रमुख हब के रूप में विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए जमीन चिन्हित हो गई है और इसके लिए गैस की पाइप लाइन लाने पर भी काम चल रहा है।

गैस की पाइप लाइन आ जाती है तो जो सिरेमिक उद्योग गुजरात को सरसब्ज कर रहा है उस उद्योग के लिए राजस्थान का अजमेर भी देश-विदेश में जाना जाएगा।  राजे रविवार को अजमेर दक्षिण क्षेत्र में सर्व समाज के लोगों के साथ जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रघुनाथपुरा के पास विकसित होने वाले रीको औद्योगिक क्षेत्र तथा किशनगढ़ में बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद अब अजमेर शिक्षा और पर्यटन नगरी के साथ-साथ औद्योगिक नगरी के रूप में भी मशहूर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में आमजन भी आगे आए। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ आमजन के सहयोग से अजमेर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होगा।

पूरी हुई उद्यमियों की मांग, 31 मार्च तक नहीं देनी होगी पैनल्टी
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान राजे को उद्यमियों ने उद्योगों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने की अनिवार्यता की अन्तिम तिथि बढ़ाने की मांग की। इन उद्यमियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे सब छोटे उद्यमी हैं और अन्तिम तारीख नहीं बढ़ाने की स्थिति में उन्हें पैनल्टी भरनी होगी।

इससे उनका व्यवसाय प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग पर संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए 31 मार्च, 2018 तक इसकी समय सीमा बढ़ाने के निर्देश दिए। सभी उद्यमियों ने मुख्यमंत्री का उनकी समस्या का दूर करने के लिए आभार व्यक्त किया। 

3 नवम्बर तक वाहन प्रदूषण जांच नहीं कराने पर लगेगी पैनल्टी

एक माह तक विलम्ब पर दोपहिया पर 200 एवं चौपहिया पर 500 रुपए पेनल्टी

जयपुर। राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना (ऑनलाइन)-2017 प्रदेश में लागू हो चुकी है और योजना के अन्तर्गत जयपुर में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण 3 नवम्बर तक नहीं कराने पर इसके बाद एक माह तक निर्धारित फीस के साथ दोपहिया वाहन पर 200 एवं चौपहिया वाहन पर 500 रुपए की पेनल्टी देनी होगी।

इससे ज्यादा विलम्ब होने पर दोपहिया वाहन पर 500 रुपए एवं चौपहिया वाहन पर 1000 रुपए की पैनल्टी देय होगी।परिवहन आयुक्त  शैलेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में यह पेनल्टी राशि 3 नवम्बर के बाद एवं अन्य सम्बन्धित जिलों के वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों को ऑनलाइन किए जाने की तिथि से एक माह पश्चात् देय होगी। 

जयपुर में इस योजना के अन्तर्गत जिले के समस्त प्रदूषण जांच केन्द्रों को विगत 4 अक्टूबर को ऑनलाइन किया जा चुका है। ऎसे में 3 नवम्बर तक निर्धारित फीस देकर वाहन स्वामी अपने वाहन की प्रदूषण जांच बिना पेनल्टी राशि के करवा सकते हैं।

3 नवम्बर के बाद विलम्ब की अवधि के अनुसार पेनल्टी राशि भी देनी होगी। राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना ऑनलाइन -2017 की प्रति विभागीय वेबसाइट www.transport.rajasthan.gov.in (कैसे पाएं प्रदूषण जांच केन्द्र) पर उपलब्ध हैं। 

मिठाई के साथ डिब्बे तौलने पर प्रभावी अंकुश
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा राज्य के समस्त विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को दीपावली के त्यौहार के दौरान 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक अपने जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

जिला मुख्यालय पर स्थापित यह नियंत्रण कक्ष बाजार में निरंतर पेट्रोलिंग करते हुए दीपावली के अवसर पर दुकानदारों द्वारा मिठाई व सूखे मेवे आदि को डिब्बों के साथ तौलने पर अंकुश लगाऎंगे।

मुख्यालय पर स्थापित कन्ट्रोल रूम के दूरभाष 0141-2209746 हैं, साथ ही उपभोक्ता इस संबंध में अपनी शिकायत 1800-180-6030 हैल्प लाइन पर भी दर्ज करा सकते हैं। यह नियंत्रण कक्ष प्रातः 9.30 से सांय 7.00 बजे तक कार्यरत होगा।

हर नागरिक के स्वास्थ्य का डाटा हुआ आजीवन सुरक्षित

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  • अभी केवल 22 फीसदी रोगियों का सही डायग्नोसिस होता था, लेकिन डिजिटलीकरण से हर नागरिक के पास हैल्थ कुंडली होने से इलाज करना आसान होगा। 
  • एमबीएस अस्पताल में मेडकॉर्ड्स हैल्थकेअर सुविधा का शुभारंभ।

अरविंद,  कोटा,। डॉक्टर्स को रोगी के पुराने पर्चे की जरूरत हर समय होती है, लेकिन रोगियों के पास पुराने पर्चे व जांच रिपोर्ट गुम हो जाने से सही डायग्नोसिस करने में परेशानी होती है।

शहर में मेडकॉर्ड्स हैल्थकेअर की निःशुल्क सुविधा मिलने से हर नागरिक के पास भविष्य में अपनी पीढ़ियों के स्वास्थ्य का डाटा भी उपलब्ध रहेगा।

रविवार को एमबीएस हॉस्पिटल में डिजिटलीकरण का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि शहरवासियों में स्वास्थ्य को लेकर अवेयरनेस काफी बढ़ी है।

भीमगंजमंडी सरकारी डिस्पेंसरी में मेडकॉर्ड्स द्वारा रोगियों की डिजिटल हैल्थ प्रोफाइल बनाने की शुरूआत के बाद कोटा व झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज को भी इससे जोड़ा गया।

एमबीएस अस्पताल में बड़ी संख्या में गरीब व अमीर रोगी आते हैं, इसलिए अस्पताल के इनडोर व आउटडोर में डॉक्टर्स सभी रोगियों के डाटा डिजिटल करने में सहयोग करें।

आज हैल्थ रिकॉर्ड डिजिटल होने से प्रभावित पक्ष डॉक्टर के सम्पर्क में आ गया। उनके इलाज के सभी डॉटा आजीवन सुरक्षित होने लगे।

इससे डॉक्टर्स को ट्रीटमेंट लाइन तय करने में मदद मिली। आज किसी गंभीर रोगी को दूसरे शहर में रैफर करने पर उसका हैल्थ रिकॉर्ड विशेषज्ञ के पास पहले पहुंच सकता है।

अगले 2 वर्ष में स्मार्ट दिखेगा कोटा
विशिष्ट अतिथि महापौर महेश विजय ने कहा कि शहर को स्वस्थ व स्वच्छ बनाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कई कार्य प्लानिंग व पाइपलाइन में चल रहे हैं।

इनके पूरे होने पर अगले 2 वर्ष में कोटा स्मार्ट सिटी के रूप में दिखेगा। 550 करोड़ की सीवरेज लाइनें तथा कोटा उत्तर में 60 करोड़ के पेयजल के प्रोजेक्ट प्रक्रिया में हैं।

शहर के दो युवाओं श्रेयांस मेहता व निखिल बाहेती ने आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की अच्छी पहल की। कुछ युवतियां हर रविवार एमबीएस अस्पताल परिसर में आकर सफाई कार्य करेंगी। ऐसे युवाओं से शहर का नाम होगा।

यूआईटी चेयरमैन रामकुमार मेहता ने कहा कि ग्रामीण रोगी अक्सर डॉक्टर्स की पर्चियां खो देते हैं। अस्पताल में उनकी पर्चियों को स्केन कर एक लिंक के जरिए डॉक्टर्स को मुहैया कराई जाए तो इलाज जल्दी मिलेगा।

मेडकॉर्ड्स इस दिशा में बहुत उपयोगी है क्यांकि मरीज की हिस्ट्री मिल जाने से उसे अच्छा उपचार मिलेगा। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गिरीश वर्मा ने कहा कि देश की डिजिटल क्रांति में यह सही कदम है।

इस मॉडर्न टेक्नोलॉजी से डॉक्टर्स व मरीजों दोंनो को सहूलियत होगी। अस्पताल अधीक्षक डॉ.पीके तिवारी ने कहा कि एमबीएस के रोगियों के रिकॉर्ड डिजिटल सुरक्षित होने से कई लाभ होंगे।

200 मेडिकल स्टोर्स पर भी मिलेगी सुविधा
मेडकॉर्ड्स के सीईओ श्रेयांस मेहता तथा निखिल बाहेती ने बताया कि स्मार्ट सिटी के 200 से अधिक मेडिकल स्टोर्स पर भी नागरिकों के लिए मेडकॉर्ड्स की निशुल्क पंजीयन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

अभी 40 मेडिकल स्टोर्स पर यह सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। जिला केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा अन्य फार्मेसी को भी इससे जोड़ा जाएगा।

इस पर रोगी का मेडिकल डाटा 100 प्रतिशत गोपनीय व सुरक्षित रहेगा। इस मौके पर विधायक गुंजल ने एमबीएस परिसर में मेडकार्ड्स केंद्र का उद्घाटन किया।

 

 

इमेजिन ने कोटा में खोला एपल का ऑथोराइज्ड रिसेलर स्टोर

कोटा। इमेजिन ने अपने एपल ऑथोराइज्ड रिसेलर स्टोर आज यहां कोटरी रोड गुमानपुरा, कोटा में भी शुभारंभ किया। इस स्टोर का उद्घाटन कोटा के महापौर महेश विजय ने किया। इस अवसर पर कोटा शहर के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। इमेजिन एपल स्टोर एपल के उत्पादों के खरीदारों के लिए एक नए स्थान के रूप में शुरू किया गया है।

ट्रेसर सिस्टम्स प्रालि. के प्रबन्ध निदेशक शौर्य सेठ ने पत्रकार वार्ता में कहा ‘‘ राजस्थान में यह हमारा सातवां बिक्री केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रमुख ध्येय ग्राहकों पर आधारित है जो कि उपलब्धता, सेवा, विश्वसनीयता और वहनीयता के माध्यम से संचालित किया जाता है।

उल्लेखनीय सेवाओं और अद्भुत स्थान पर यह स्टोर पूरे वर्ष भर खुला रहेगा। हमारा मानना है, कि यह कोटा के नागरिकों और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक पंसदीदा स्थान साबित होगा।‘‘ इस अवसर पर ट्रेजर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के हेड मार्केटिंग श्रवण कोकरू का कहना था कि ‘‘ इमेजिन में एपल उत्पादों और थर्ड पार्टी एसेसरीज की विशद श्रृंखला उपलब्ध होगी।

यदि आप मैकबुक स्लीव या आईपैड केस, नवीनतम मैक एसेसरीज अथवा नवीनतम म्यूजिक एसेसरीज की तलाश में है, तो इस स्टोर में मैकबुक स्लीव या आईपैड केस, नवीनतम मैक एसेसरीज अथवा नवीनतम म्यूजिक एसेसरीज खरीदने आते हैं तो यहा उपरोक्त सभी भारी मात्रा में उपलब्ध होंगी।

सीबीईसी करेगा व्यापारिक कागजातों के ऑनलाइन प्रसंस्करण की जांच

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नयी दिल्ली। राजस्व विभाग ने कारोबार को आसान बनाने के लिए चेन्नई तथा नयी दिल्ली में जल्दी ही दस्तावेजों के पेपरलेस प्रसंस्करण की शुरुआत का निर्णय लिया है।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीईसी ने मार्च 2016 में कहा था कि वह कारोबार संबंधी दस्तावेजों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियों को पढ़ सकने में सक्षम सूचना प्रौद्योगिकी आईटी संरचना की खरीद की प्रक्रिया में है।

बोर्ड ने एक परिपत्र में कहा, सक्षम परियोजना के तहत सीबीईसी अपनी आईटी संरचना का उन्नयन कर रहा है जिसका इस्तेमाल सिंगल विंडो इंटरफेस फॉर फेसिलिटेशन ऑफ ट्रेड स्विफ्ट के तहत दस्तावेजों के कागजरहित प्रसंस्करण में किया जा सके।

बोर्ड ने अब कागजातों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए नयी दिल्ली में एयर कार्गो कांप्लेक्स और चेन्नई कस्टम्स हाउस में ऐसी सुविधा लगाने का प्रस्ताव दिया है जिसके तहत डिजिटल हस्ताक्षर वाले दस्तावेजों को अपलोड किया जा सके।

पेपरलेस प्रसंस्करण से कर प्राधिकरणों और व्यापार के बीच भौतिक दखल में भी कमी आएगी। इसके तहत व्यापारियों और ब्रोकरों को डिजिटल हस्ताक्षर वाले सारे व्यापारिक कागजात आईसीईजीएटीई पर ऑनलाइन जमा करने होंगे।

इसकी शुरुआत के 15 दिन बाद एक समीक्षा की जाएगी तथा उसके बाद इसे अनिवार्य जरूरत के रूप में पेश किया जाएगा।

मिलावट खोरों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही

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जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने रविवार को प्रातः केन्द्रीय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला के अत्याधुनिक जांच उपकरणों का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य पदार्थाें में मिलावट करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।

सराफ ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सघन अभियान चलाकर खाद्य पदार्थाें के नमूने लेने एवं जांच में मिलावट पाये जाने पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। उन्हाेंने बताया कि केन्द्रीय जांच प्रयोगशाला के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि बजट घोषणा की अनुपालना में केन्द्रीय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला में आधुनिक उपकरणों को स्थापित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन उपकरणों से फल, सब्जी सहित अन्य प्रकार के खाद्य पदार्थो में हैवी मैटल व पेस्टीसाईड होने की जांच की जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि आधुनिक उपकरणों युक्त केन्द्रीय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला संचालित करने वाले गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्यों के साथ अब राजस्थान भी चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है। 

कार्यक्रम में सांसद रामचरण बोहरा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.वी.के.माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ.एस.एम.मित्तल, सीएमएचओ जयपुर प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा व सीएमएचओ जयपुर द्वितीय डॉ.प्रवीन असवाल सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।