नई दिल्ली। चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री सहित करीब 600 कंपनियां भारत में लगभग 85 अरब डॉलर निवेश की योजना बना रही हैं। जिन प्रॉजेक्ट्स में ये निवेश करेंगी, उनमें अगले पांच वर्षों में रोजगार के 7 लाख मौके बनने का अनुमान है।
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीति इन्वेस्ट इंडिया के तहत देश को इन्वेस्टमेंट के एक आकर्षक ठिकाने के रूप में बेहतर ढंग से पेश करने की तैयारी है। इन्वेस्ट इंडिया ने ऐसी 200 कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जो अभी भारत में कारोबार नहीं कर रही हैं।
इन्वेस्ट इंडिया के एमडी दीपक बागला ने बताया, ‘हम अगले दो वर्षों में 100 अरब डॉलर विदेशी निवेश का लक्ष्य पाना चाहते हैं। इसमें नए और पहले से चल रहे, दोनों तरह के प्रॉजेक्ट्स में निवेश शामिल है।’ वित्त वर्ष 2017 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा 43 अरब डॉलर एफडीआई आया था। यह रकम इससे पहले वाले साल से 9 पर्सेंट ज्यादा थी।
दुनिया की बड़ी इंजिनियरिंग मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स में शामिल चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री की योजना 9.8 अरब डॉलर निवेश की है। पसिफ़िक कंस्ट्रक्शन, चाइना फॉर्च्यून लैंड डिवेलपमेंट और डैलियन वांडा जैसी चीन की कंपनियों के साथ ऐमजॉन भी इस दौरान भारत में निवेश की योजना बना रही हैं। इनमें से हर एक 5 अरब डॉलर निवेश कर सकती हैं।
इन्वेस्ट इंडिया के मुताबिक, जितने निवेश के बारे में संकेत मिला है, उसमें से 74.3 करोड़ डॉलर पहले ही आ चुके हैं और इसके चलते रोजगार के एक लाख मौके बने हैं। रोल्ज़ रॉयस की 3.7 अरब डॉलर और ऑस्ट्रेलिया की पेर्डामैन इंडस्ट्रीज की 3 अरब डॉलर निवेश करने की योजना है।
इन्वेस्ट इंडिया संभावित निवेशकों के संपर्क में है और जगहों के चयन में उनकी मदद कर रही है। निवेश के अधिकतर प्रस्ताव चीन से हैं। कुल प्रस्तावों में 42 पर्सेंट चीन से, 24 पर्सेंट अमेरिका से और 11 पर्सेंट इंग्लैंड से आए हैं। एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में इन कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है।
इसके बाद कंस्ट्रक्शन और ई-कॉमर्स का नंबर है। इन्वेस्ट इंडिया की टीम ने हाल में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इंडिया में आने वाले बड़े विदेशी निवेश की जानकारी दी थी। बागला ने कहा, ‘एक तरह से सिस्टम में हम निवेशक की आवाज हैं। हम एफडीआई के लिए प्रतिबद्ध हैं। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है, आइडिया यह है कि रेड टेप को निवेशकों के लिए रेट कार्पेट में बदल दिया जाए।’
कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कहा है कि निवेश बढ़ाने के बारे में सरकार के दृष्टिकोण में मूलभूत बदलाव की जरूरत है और सरकार संभावित निवेशकों से संपर्क साधेगी। इन्वेस्ट इंडिया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 114 देशों के एक लाख से ज्यादा निवेशकों से उससे सवाल पूछे हैं। इन्वेस्ट इंडिया का कहना है कि वह तमाम शर्तों के पालन में कंपनियों की मदद कर सकती है।