Sunday, October 6, 2024
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काजू पर 5% जीएसटी, बादाम पर 12%, पैकेट में काजू और बादाम जितना ही

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जयपुर । दिवाली के त्यौहारी सीजन में जयपुर का करीब 80 करोड़ का ड्रायफ्रूट कारोबार इस बार 30 फीसदी तक घट गया है। यह राशि करीब 24 करोड़ के आसपास है। दरअसल जीएसटी इसके लिए बड़े तौर पर जिम्मेदार है।

उपभोक्ताओं के साथ व्यापारियों को भी जीएसटी के अलग-अलग स्लैब ने परेशान कर दिया है। जो काजू, किशमिश, अखरोट 5 फीसदी जीएसटी के साथ खुले में बिक रहा है, ड्रायफ्रूट पैकिंग की शक्ल में आते ही इस पर जीएसटी बढ़कर 12 फीसदी हो जाता है।

व्यापारियों का कहना है कि ड्रायफ्रूट पेकिंग कारोबार पिछली बार की तुलना में इस बार 30 फीसदी तक टूटा है। दिवाली का फेस्टिव सीजन अब परवान पर चढ़ गया है। ड्रायफ्रूट की डिमांड भी काफी तेज है।

इस बीच शहर के बड़े मिष्ठान्न भंडारों और होलसेल ड्रायफ्रूट सेलर्स से बातचीत हुई तो चौंकाने वाली जानकारी मिली। व्यापारियों के मुताबिक ड्रायफ्रूट के पैकिंग कारोबार में इस बार काफी डाउनफॉल है।

एक्सपर्ट बोले- जीएसटी में उलझा हुआ है सबकुछ
जीएसटीमामलों के जानकार सीए अनिलसिंह शेखावत का कहना है कि कई इश्यू मेंं जीएसटी बहुत ही कांपलीकेटेड है। लगता है सब कुछ उलझा हुआ है। काजू, किशमिश, अखरोट पैकिंग में आते ही कीमत ज्यादा चुकानी होगी। त्यौहारी सीजन में तो कई जगह हालात ये हैं कि ड्रायफ्रूट्स का बिल ही नहीं मिल रहा।

अलग-अलग पैकिंग के हिसाब से उस पर अपने-अपने रेट लिखे हुए हैं। शेखावत का मानना है कि पैरेलर बिजनेस अब नकद लेनदेन के रूप में जीएसटी के बाहर भी ट्रेंड कर रहा है। यानि बिल दिया जा रहा है मांगा जा रहा है।

अगर पैकेट में चॉकलेट और जोड़ दी तो 28% जीएसटी
इतना ही नहीं, मान लीजिए अगर ड्रायफ्रूट के पैकैट में चॉकलेट भी जोड़ दी तो यह पैकेट और महंगा हो जाएगा। क्योंकि चॉकलेट पर 28% जीएसटी है। इसे इस तरह समझ सकते हैं- अगर कोई ड्रायफ्रूट का पैकेट अभी 450 रुपए का है, तो इसमें चॉकलेट जुड़ते ही यह पैकेट 507 रुपए का हो जाएगा।

ड्रायफ्रूट्स पर जीएसटी के अलग-अलग स्लैब की वजह से समस्या ग्राहकों को उठानी पड़ रही है। असर बाजार पर पड़ रहा है। स्लैब के असमंजस की वजह से दिवाली के इस सीजन में ग्राहकाें के साथ-साथ दुकानदार भी परेशान हो रहे हैं।
{काजू, किशमिश, अखरोट खुले में लेने पर पांच-पांच फीसदी जीएसटी लगता है।

उदाहरण के लिए बेस्ट क्वालिटी के आधा किलो ये आइटम खुले में 500-600 रुपए तक की दर पर उपलब्ध हैं। जीएसटी मिलाकर 630 रुपए तक चुकाने होंगे।

जयपुर एयरपोर्ट पर अब 32 विमानों को मिल पाएगी पार्किंग

ज्यादा फ्लाइट्स और बढ़ते यात्री भार से जूझते हवाई अड्‌डे को मिलेगी राहत ,रोजाना 61 फ्लाइट्स का हो रहा संचालन

जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट पर लगातार फ्लाइट की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही दिन-प्रतिदिन यात्रियों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा यात्रियों की परेशानी को दूर करने के लिए बिल्डिंग का विस्तार तो नहीं किया जा रहा है। 

जयपुर एयरपोर्ट से वर्तमान में रोजाना 61 फ्लाइट का संचालन हो रहा है। जबकि एयरपोर्ट पर फिलहाल 22 पार्किंग बेस ही हैं। जो कि काफी कम हैं। इसे देखते हुए एयरपोर्ट प्रशासन ने 10 नए पार्किंग बेस बनाने की कवायद शुरू कर दी है। नए पार्किंग बेस बनाने की जरूरत इसलिए भी बढ़ गई है।

क्योंकि पिछले दिनों ही जयपुर एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार कर लिया गया था। जिसके बाद यहां पर बड़े विमान भी आसानी से लैंड हो सकते हैं। लेकिन इन विमानों के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर पर्याप्त पार्किंग बेस उपलब्ध नहीं हैं। यहां पर जम्बो जेट बोइंग 747 या बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों के लिए एक या दो पार्किंग बेस ही बने हुए हैं।

विमानों की पार्किंग को बेहतर बनाने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए हैं। जयपुर एयरपोर्ट पर अब विमानों के प्लेसमेंट के लिए पार्किंग स्टैंडों की संख्या बढ़ाई जाएगी। दरअसल जयपुर एयरपोर्ट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में अब तक कैट थ्री बी लाइटिंग सिस्टम और रन-वे स्ट्रेंथनिंग का कार्य पूरा हो चुका है।

अब इसी दिशा में दो और प्रमुख कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है। एक ओर लगातार बढ़ रही विमानों की संख्या को देखते हुए विमानों के पार्किंग-बे (पार्किंग स्टैंड) बढ़ाए जाएंगे। साथ ही लैंडिंग और टेक ऑफ को अधिक सुगम सुरक्षित बनाने के लिए टैक्सी ट्रैक का भी निर्माण किया जाएगा। नए पार्किंग बेस एटीसी टॉवर से आगे जगतपुरा की तरफ बनाए जाएंगे।

इसलिए भी है फोकस : एयरपोर्टप्रशासन पार्किंग बेस की संख्या बढ़ाने के लिए इसलिए भी फोकस कर रहा है, कि यदि भविष्य में कोई छोटी-बड़ी एयरलाइन जयपुर एयरपोर्ट को अपना बेस बनाती है। तो उसे पर्याप्त पार्किंग स्टैंड मुहैया करवाए जा सकें। अब एयरपोर्ट पर टैक्सी ट्रैक के निर्माण में भी तेजी लाई जाएगी।

 

भामाशाह मंडी में 60 हजार बोरी जिंस का कारोबार

कोटा। भामाशाह अनाज मंडी में सोमवार को लहसुन की आवक 15000 हजार कट्टे की रही । माल की कुल आवक 60 हजार बोरी की रहीं । गेहूं मिल 1500 से 1551 लोकवान 1600से 1700 पीडी 1650 से 1700 टुकडी 1600 से 1700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे। ।

धान सुगंधा 1800 से 2050 पूसा-1 2000 से 2100 पूसा4 (1121) 2000 से 2600 धान (1509) 2000 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे। सोयाबीन 2200 से 2801 सरसो 3200 से 3475 तिल्ली 5000 से 6500 मैथी 2000 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

धनिया बादामी 3400 से 3800 ईगल 3600 से 3900 रंगदार 4000 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे। मूंग 3500 से 4100 उडद 2400 से 3900 चना 4500 से 5000 चना काबुली 7000 से 10500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

चना पेपसी 4800 से 5000 चना मौसमी 4800 से 5200 मसूर 3300 से 3600 ग्वार 2500से 3050 मक्का नई 800 से 1200 जौ 1100 से 1200 ज्वार 1300 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे। । उड़द 200 मनदा धान 1121 में 200 तेज रहा ‌ लहसुन 800 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

मांग घटने से चांदी 100 रुपए लुढ़की, सोना स्थिर

नई दिल्ली/कोटा। दिल्ली के सर्राफा बाजार में धनतेरस से ठीक एक दिन पहले चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। कमजोर वैश्विक संकेत और इंडस्ड्रियल यूनिट्स के उठान के चलते चांदी 100 रुपये कमजोर होकर 41400 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई है। हालांकि सोने की कीमतें 30,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर स्थिर रही हैं।

व्यापारियों का मानना है कि चांदी की कीमतों में गिरावट नकारात्मक वैश्विक संकेत और इंडस्ट्रीयल यूनिट्स के घटी उठान के चलते देखने को मिली है। वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में चांदी 0.03 फीसद की गिरावट के साथ 17.40 डॉलर प्रति औंस, जबकि सोना 0.08 फीसद की बढ़त के साथ 1304.30 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गया है।

देश की राजधानी दिल्ली में चांदी तैयार 100 रुपये कमजोर होकर 41400 रुपये प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक आधारित डिलिवरी 80 रुपये बढ़कर 40,480 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई है। चांदी के सिक्के 74000 लिवाल और 75000 बिकवाल प्रति सैंकड़ा के स्तर पर बरकरार है।

99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना क्रमश: 30,850 रुपये और 30,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बरकरार रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार के सत्र में सोने की कीमतों में 50 रुपये की कमजोरी दर्ज की गई थी। गिन्नी के भाव भी 24700 रुपये प्रति आठ ग्राम के स्तर पर बरकरार रहे हैं।

कोटा सर्राफा
चांदी 40800 रुपये प्रति किलो।
सोना  केटबरी 30750 रुपये प्रति दस ग्राम , 35870 रुपये प्रति तोला।
सोना  शुद्ध 30900 रुपये प्रति दस ग्राम, 36040 रुपये प्रति तोला।

किसानों को नए क्षेत्रों की पहचान कर होगा ऋणों का वितरण

राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की साधारण सभा, बैंक को हुआ 5.61 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

जयपुर। राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक राज्य के किसानों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप नए क्षेत्रों की पहचान कर ऋणों का वितरण करेगा। इसके लिए क्षेत्रवार सम्भाव्यता का अध्ययन कर नाबार्ड से सहयोग प्राप्त कर ऋण वितरण किया जाएगा।

स्वच्छ उर्जा के रूप में प्रचलित हो रही सौर उर्जा के क्षेत्र में ऋण वितरण को प्राथमिकता दी जाएगी। यह जानकारी राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रशासक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) श्री जी. एल. स्वामी ने दी।

वितरित होंगे 300 करोड़ रुपये  के ऋण
बैंक प्रशासक जी. एल. स्वामी ने सोमवार को जयपुर में राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की 53वीं आमसभा को संबोधित करते हुए बताया कि बैंक द्वारा वर्ष 2017-18 की अवधि में 300 करोड़ रुपये का ऋण वितरण करेगा। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में अभी तक किसानों को 100 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण किए जा चुके हैं।

बैंक के प्रबंध निदेशक विजय कुमार शर्मा ने बताया कि बैंक को वर्ष 2016-17 की अवधि में 5.61 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है तथा इस अवधि में बैंक के कोषों में 61 लाख रुपये की वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि 30 जून को वसूली प्रतिशत की दृष्टि से 13 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों बीकानेर, चित्तोड़गढ़, रायसिंह नगर, बालोतरा, जैसलमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, बिलाड़ा, हनुमानगढ़, राजसमन्द, भीलवाड़ा, नागौर एवं झुंझुनूं ने बेहतर परिणाम दिए हैं।

बैंक दे रहा है सावधि जमाओं पर अधिक ब्याज दर
 शर्मा ने बताया कि वित्तीय संसाधनों की दृष्टि से नाबार्ड पर निर्भरता को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य से 17 प्राथमिक भूमि विकास बैंकों एवं स्वयं एसएलडीबी में सावधि जमा योजना चालू की गई है।

इस योजना के तहत 12 माह से 15 की अवधि तक सावधि जमाओं पर 8 प्रतिशत तथा 15 माह से अधिक एवं 24 माह तक की सावधि जमाओं पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि महिलाओं को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने तथा वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से उन्हें 0.50 प्रतिशत ब्याज अधिक दिया जा रहा है।

प्राथमिक भूमि विकास बैंकों को किया जाएगा ऑनलाईन
प्रबन्ध संचालक ने बताया कि राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक तथा प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में अधिक वित्तीय पारदर्शिता स्थापित करने तथा आमजन को त्वरित बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रथम चरण में एसएलडीबी तथा जयपुर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक में कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूर्ण करवाया जा चुका है। शीघ्र ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्तर से दोनों संस्थाओं की वर्किंग को ऑनलाईन कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके बाद शेष प्राथमिक भूमि विकास बैंकों में चरणबद्ध तरीके से कम्प्यूटरीकरण कर बैंकिंग कार्यव्यवहार को ऑनलाईन किया जाएगा।

ऋणों की वसूली तथा वितरण में प्रथम तीन 
शर्मा ने बताया कि राज्य में वसूली के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रथम स्थान पर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक बीकानेर के अध्यक्ष श्री भोमराज आर्य, सचिव श्री साहब राम ताखर सहित उनके स्टाफ को ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

वसूली में द्वितीय स्थान पर रहे चित्तौड़गढ़ बैंक के प्रशासक आलोक चौधरी एवं सचिव  संजय शर्मा तथा तृतीय स्थान पर रहे रायसिंहनगर के अध्यक्ष  इन्द्रजीत सिंह रंधावा एवं सचिव राजेन्द्र सिकलीगर को ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि वसूली प्रतिशत में सर्वाधिक सुधार के लिए बूंदी बैंक के प्रशासक अमर सिंह एवं सचिव प्रदीप शर्मा को सम्मानित किया गया।

आमसभा में सदस्यों ने बैंक की उपलब्धियों की सराहना की। बीकानेर बैंक के अध्यक्ष भोमराज आर्य, भरतपुर अध्यक्ष कु. अभिशेक सिंह, जोधपुर अध्यक्ष गंभीर सिंह भाटी, पाली अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र काला, सिरोही अध्यक्ष योगेश सिंह राठौड़, चुरू अध्यक्ष ईशरराम, रायसिंहनगर अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रंधावा, राजसमन्द अध्यक्ष गोविन्द सिंह चौहान एवं उदयपुर अध्यक्ष रेवाशंकर गायरी तथा बिलाड़ा उपाध्यक्ष नारायण राम परिहार ने अपने विचार प्रकट किये।
बैठक में जयपुर प्रशासक डॉ. मोहन लाल यादव, केकडी एवं अजमेर प्रशासक मोहम्मद असलम, टोंक प्रशासक लोकेश कुमार गौतम, अलवर प्रशासक भौमाराम, बूंदी प्रशासकअमरसिंह, कोटा प्रशासक जुगल किशोर मीणा, श्रीगंगानगर प्रशासक विश्राम मीणा, चित्तोड़गढ़ प्रशासक आलोक चौधरी एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधि अशोक पाठक संयुक्त सचिव वित्त अशोक पाठक भी उपस्थित रहे। आमसभा में अनुमोदित लेखे व भावी कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया।

सामूहिक सजावट के लिए मिलेगी सामान्य दर पर बिजली

जयपुर डिस्कॉम द्वारा व्यापार मण्डलों को दीपावली तोहफा

जयपुर। जयपुर डिस्कॉम द्वारा जयपुर शहर के व्यापार मण्डलों को बड़ी राहत देते हुए दीपावली के पर्व पर सामूहिक सजावट के लिए अघरेलू श्रेणी की प्रचलित सामान्य दर पर बिजली देने का निर्णय किया है। 

जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक आर.जी.गुप्ता ने बताया कि जयपुर शहर में दीपावली के पर्व पर बाजारों एवं पब्लिक बिल्डिंग्स पर व्यापार मण्डलों एवं नगर निगम द्वारा सामूहिक सजावट की जाती है। सामूहिक सजावट हेतु विभिन्न व्यापार मण्डलों द्वारा सामान्य दर पर बिजली देने की मांग की गई थी। 

उन्होंने बताया कि व्यापार मण्डलों की मांग को ध्यान में रखते हुए दीपावली पर सामूहिक सजावट हेतु व्यापार मण्डलों, नगर निगम एवं जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा लिए गए 25 किलोवाट क्षमता से ज्यादा के अस्थाई विद्युत कनेक्शनों पर अघरेलू श्रेणी की वर्तमान में प्रचलित सामान्य दर (सिंगल रेट) से राशि वसूल करने का निर्णय लिया गया है।

कॉलेज व्याख्याता अब होंगे असिस्टेंट प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर एवं प्रोफेसर

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कॉलेज शिक्षा में कार्यरत व्याख्याताओं की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए उनका पदनाम परिवर्तित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इस संबंध में राजस्थान शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियमों में संशोधन की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। इस परिवर्तन के बाद सरकारी महाविद्यालयों में प्रिंसिपल के 25 प्रतिशत पद प्रोफेसर एवं 75 प्रतिशत पद एसोसिएट प्रोफेसरों से चयन द्वारा भरे जाएंगे।

साथ ही, 477 प्रोफेसर के पदों का सृजन भी किया जाएगा। प्रोफेसर के पद पर भर्ती 100 प्रतिशत एसोसिएट प्रोफेसर से पदोन्नति द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए फाइल वित्त विभाग को भिजवा दी है। इससे राज्य सरकार पर 6.77 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा।

शेयर बाजार में दिवाली: निफ्टी का नया रेकॉर्ड, ऑल टाइम हाई पर पहुंचा

मुंबई। शेयर बाजारों में शुक्रवार को भी तेजी का माहौल रहा। सेंसेक्स 250.47 अंकों की बढ़त के साथ 32,432 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में यह 0.78% की उछाल थी। 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी भी 71.05 अंकों की उछाल के साथ 10,167 पर बंद हुआ।

इससे पहले नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी शुक्रवार दोपहर के कारोबार के दौरान रेकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया। इस दौरान निफ्टी ने 10,179.15 के उच्च स्तर को छू लिया। इससे पहले 19 सितंबर को दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी ने 10,178.95 का रेकॉर्ड बनाया था। जानकारों ने उम्मीद जताई है कि

दोपहर 1.50 बजे निफ्टी 70.70 अंकों यानी 0.70 फीसदी की बढ़त के साथ 10,167.10 अंकों पर चढ़ा। इस दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 253.08 अंकों यानी 0.79 फीसदी की बढ़त के साथ 32,435.30 पर पहुंच गया।

बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, मजबूत घरेलू उत्पादन आकंड़ों, रुपये में मजबूती की वजह से घरेलू शेयर बाजार में मजबूती का रुख है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान एनएसई पर 72 शेयरों ने नए सिरे से 52 सप्ताह का उच्च स्तर प्राप्त कर लिया। इन शेयरों में बाटा इंडिया, डाबर, बॉम्बे बर्मा, ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंडाल्को, हैवल्स इंडिया और जिलेट इंडिया शामिल हैं।

GST से पहले का डेटा जुटा रहा टैक्स डिपार्टमेंट

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मुंबई। टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से पिछले लेनदेन की जानकारी मांगी है। इससे डिपार्टमेंट को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कैलकुलेशंस की जांच में मदद मिलेगी।

इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से जुलाई में उनकी ओर से GST के तहत क्लेम किए गए ट्रांजिशनल क्रेडिट पर स्पष्टीकरण मांगा है।

डिप्टी कमिश्नर्स और असिस्टेंट कमिश्नर्स (सेंट्रल टैक्स) को हाल ही में समन जारी कर पांच एरिया में डेटा देने को कहा गया है। ये डेटा पिछले सेल्स टैक्स रिकॉर्ड, जून में टैक्स का क्लोजिंग बैलेंस, क्रेडिट के प्रकार, 1 जुलाई से पहले वेंडर इनवॉयस की डिटेल्स और 1 जुलाई से पहले वेंडर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स को दी गई पेमेंट से जुड़े हैं।

ट्रांजिशनल क्रेडिट का मतलब सेल्स टैक्स, एक्साइज और वैल्यू एडेड टैक्स पर 1 जुलाई से पहले प्री-GST स्टॉक के लिए जमा टैक्स क्रेडिट है। ऐसे क्रेडिट का जुलाई में लागू हुए GST के तहत देनदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

टैक्स अधिकारियों को शक है कि कुछ कंपनियां इस प्रोविजन का गलत इस्तेमाल कर रही हैं और उन्होंने अधिक ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम करने के लिए जाली रिटर्न दाखिल किया है। जुलाई में मिले 95,000 करोड़ रुपये के GST में से लगभग 65,000 करोड़ रुपये का क्लेम रिफंड या ट्रांजिशनल क्रेडिट था।

बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से मिले डेटा की यह देखने के लिए जांच की जाएगी कि इनमें गड़बड़ियां तो नहीं हैं। हालांकि, कंपनियों का कहना है कि उन्हें जानकारी देने के लिए अधिक समय नहीं दिया गया है।

एक बड़े मल्टीनेशनल बैंक के फाइनेंस हेड ने बताया, ‘हमें कुछ दिन पहले नोटिस मिला है। इसमें कई जानकारी मांगी गई है। हमें अभी ये सूचनाएं नहीं दे पाए हैं। एक टैक्स अधिकारी ने हाल ही में मुझे फोन कर जरूरी डॉक्युमेंट्स जल्द जमा करने को कहा था।

अधिकारी का कहना था कि बैंक की ओर से क्लेम किया गया ट्रांजिशनल क्रेडिट बहुत अधिक है। मैंने उन्हें बताया है कि ट्रांजिशनल क्रेडिट को हमारे टैक्स के मासिक भुगतान से जोड़कर देखा जाना चाहिए।’

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई कंपनियों ने अभी तक ट्रांजिशनल क्रेडिट की डिटेल्स जमा नहीं की हैं। ये डिटेल्स
Tran-1 फॉर्म के जरिए दी जानी हैं।

इस बारे में डेलॉयट इंडिया के पार्टनर, एम एस मणि ने बताया, ‘Tran-1 फॉर्म को जमा करने की तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई है और इसके बाद ही पूछताछ करना बेहतर होगा।’

5 वर्षों में आ सकता है 85 अरब डॉलर का विदेशी निवेश

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नई दिल्ली। चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री सहित करीब 600 कंपनियां भारत में लगभग 85 अरब डॉलर निवेश की योजना बना रही हैं। जिन प्रॉजेक्ट्स में ये निवेश करेंगी, उनमें अगले पांच वर्षों में रोजगार के 7 लाख मौके बनने का अनुमान है।

विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीति इन्वेस्ट इंडिया के तहत देश को इन्वेस्टमेंट के एक आकर्षक ठिकाने के रूप में बेहतर ढंग से पेश करने की तैयारी है। इन्वेस्ट इंडिया ने ऐसी 200 कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जो अभी भारत में कारोबार नहीं कर रही हैं।

इन्वेस्ट इंडिया के एमडी दीपक बागला ने बताया, ‘हम अगले दो वर्षों में 100 अरब डॉलर विदेशी निवेश का लक्ष्य पाना चाहते हैं। इसमें नए और पहले से चल रहे, दोनों तरह के प्रॉजेक्ट्स में निवेश शामिल है।’ वित्त वर्ष 2017 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा 43 अरब डॉलर एफडीआई आया था। यह रकम इससे पहले वाले साल से 9 पर्सेंट ज्यादा थी।

दुनिया की बड़ी इंजिनियरिंग मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स में शामिल चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री की योजना 9.8 अरब डॉलर निवेश की है। पसिफ़िक कंस्ट्रक्शन, चाइना फॉर्च्यून लैंड डिवेलपमेंट और डैलियन वांडा जैसी चीन की कंपनियों के साथ ऐमजॉन भी इस दौरान भारत में निवेश की योजना बना रही हैं। इनमें से हर एक 5 अरब डॉलर निवेश कर सकती हैं।

इन्वेस्ट इंडिया के मुताबिक, जितने निवेश के बारे में संकेत मिला है, उसमें से 74.3 करोड़ डॉलर पहले ही आ चुके हैं और इसके चलते रोजगार के एक लाख मौके बने हैं। रोल्ज़ रॉयस की 3.7 अरब डॉलर और ऑस्ट्रेलिया की पेर्डामैन इंडस्ट्रीज की 3 अरब डॉलर निवेश करने की योजना है।

इन्वेस्ट इंडिया संभावित निवेशकों के संपर्क में है और जगहों के चयन में उनकी मदद कर रही है। निवेश के अधिकतर प्रस्ताव चीन से हैं। कुल प्रस्तावों में 42 पर्सेंट चीन से, 24 पर्सेंट अमेरिका से और 11 पर्सेंट इंग्लैंड से आए हैं। एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में इन कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है।

इसके बाद कंस्ट्रक्शन और ई-कॉमर्स का नंबर है। इन्वेस्ट इंडिया की टीम ने हाल में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इंडिया में आने वाले बड़े विदेशी निवेश की जानकारी दी थी। बागला ने कहा, ‘एक तरह से सिस्टम में हम निवेशक की आवाज हैं। हम एफडीआई के लिए प्रतिबद्ध हैं। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है, आइडिया यह है कि रेड टेप को निवेशकों के लिए रेट कार्पेट में बदल दिया जाए।’

कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कहा है कि निवेश बढ़ाने के बारे में सरकार के दृष्टिकोण में मूलभूत बदलाव की जरूरत है और सरकार संभावित निवेशकों से संपर्क साधेगी। इन्वेस्ट इंडिया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 114 देशों के एक लाख से ज्यादा निवेशकों से उससे सवाल पूछे हैं। इन्वेस्ट इंडिया का कहना है कि वह तमाम शर्तों के पालन में कंपनियों की मदद कर सकती है।