Monday, June 17, 2024
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विदेशी मुद्रा भंडार 381.955 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 जून को समाप्त सप्ताह में 79.9 करोड़ डॉलर की तेजी के साथ 381.955 अरब डॉलर की रिकॉर्ड उंचाई पर जा पहुंचा जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में तेजी आना है।

पिछले सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.15 करोड़ डॉलर की मामूली गिरावट के साथ 381.156 अरब डॉलर रह गया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि समीक्षाघीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण हिस्सा रखने वाली मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 80.24 करोड़ डॉलर बढ़कर 358.084 अरब डॉलर हो गयीं।

अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गये यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर.अमेरिकी मुद्राओं की तेजी : अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है। स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.095 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 13 लाख डॉलर घटकर 1.469 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 21 लाख डॉलर घटकर 2,305 अरब डॉलर रह गया।

कम्पोजिशन स्कीम में रिटर्न कैसे भरें, वीडिओ देखें

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-दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  इस बार LEN-DEN NEWS छोटे व्यापारियों के लिए विशेष जानकारी लेकर आया है। जो व्यापारी जीएसटी में कम्पोजिशन स्कीम में आते हैं, उन्हें अपनी रिटर्न कैसे फाइल करनी है। आपको वीडिओ के माध्यम से बता रहे हैं सीनियर टैक्स कंसल्टेंट अनिल काला। जीएसटी में 25 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं। इनमे क्या फ़ॉर्मैलिटीज़ करनी है एवं किन बातों का ध्यान रखना है,  यह भी जानना जरूरी है। 

रजिस्ट्रेशन में इन बातों का रखें ध्यान

1. रजिस्ट्रेशन की चेक लिस्ट साथ दी गयी है।
2. रजिस्ट्रेशन से 30 दिनो के भीतर स्टाक (stock) की जानकारी देनी है ।
3. अतः आपके स्टाक की सारी विगत की तैयारी कर के रखे, जिस में Raw Materal, Finished, मिल स्टाक, जॉब वर्क स्टाक, आदि सब शामिल होना चाहिए ।
4. स्टाक की क्वांटिटी भी विगत में होनी चाहिए ।
5. इन स्टाक के ख़रीदी बिल्स भी तैयार रखे ताकि ज़रूरत आने पर दे सके ।
6. जो स्टाक आपके पास 30 जून 2016 (एक साल पहले) का है उसकी विगत अलग बनाए ।
7. GST में सबसे अहम रोल अकाउंटिंग सोफ्टवेर का है अतः उसका चुनाव काफ़ी सोच समझकर करे ।
8. दूसरा अहम रोल इस में अकाउंटंट का है इसलिए आप अभी से एक क़ाबिल अकाउंटंट की व्यवस्था कर लेवे।
9. GST का प्रारूप और पेपर फ़ॉर्मैलिटीज़ देखते हुए हमारी सलाह है कि आप एक फ़र्म में GST नम्बर लेकर उसे ही आगे चलाए ।
10. अन्य फ़र्म का स्टाक आप 30 जून से पहले उस फ़र्म को बेच देवे जिसमें GST नम्बर लेना है ।
11. 1 जुलाई के बाद आप बिना GST लगाए माल नहीं बेच पाएँगे इसलिए सारी तैयरियाँ जल्द से जल्द कर लेवे । GST के बिल का फ़ॉर्मैट भी साथ में दिया गया है उस हिसाब से अपने सोफ्टवेर में बदलाव करवा लेवे ।
12. GST नम्बर लेने के बाद आपके Suppliers (जिनसे आप माल, पैकिंग मटीरीयल आदि लेते हो या जिनसे आप किसी भी तरह का जॉब करवाते हो), मोबाइल एवं टेलिफ़ोन ऑपरेटर, क़ूरीयर, ट्रान्स्पोर्टर, सोफ्टवेर ऑपरेटर, इंटेरनेट ऑपरेटर आदि सब को आपका GST नम्बर इन्फ़ोर्म कर देवे ताकि उनके बिल के GST का आपको क्रेडिट मिल पाएगा ।
13. अपने अकाउंटिंग सोफ्टवेर में सभी पार्टियों के Master Data (जैसे नाम, पता, GST नम्बर, मोबाइल नम्बर, आदि) अप्डेट कर लेवे ।
14. अगर आपका Supplier, जॉब वर्कर, सर्विस प्रदाता GST में रेजिस्टर्ड नहीं है तो उनके बिल का GST आपको भरना होगा । अतः इन बातों का ध्यान रखे ।
15. आपके व्यापारियों को भी सूचित कर दीजिए कि आप GST नम्बर लेने वाले है और GST लगने के बाद रिटर्न आने वाले माल पर उन्हें (व्यापारी को) GST देना होगा ।

कोटा में स्वास्तिक टाइल्स के डिस्प्ले सेंटर का शुभारंभ

कोटा| स्माल स्केल इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित रामा एजेंसी के स्वास्तिक टाइल्स डिस्पले सेंटर का शुभारंभ कोटा व्यापार महासंघ सलाहकार बोर्ड के निदेशक एवं आर्किटेक्ट भुवनेश लाहोटी द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि कंपनी के डायरेक्टर हिमांशु पटेल थे।

स्वास्तिक टाइल्स के अधिकृत वितरक राम एजेंसी के प्रोपराइटर राम मंत्री और अनिल मंत्री ने बताया कि यहां 2 सौ से अधिक प्रकार की वेक्ट्रीफाई टाइल्स अनेक साइज में मिल सकेगी। राजेश मंत्री ने बताया कि इस मौके पर विधायक संदीप शर्मा , कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, उप महापौर सुनीता व्यास और नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन राजेश बिरला आदि मौजूद थे।

 

 

 

अंतरिक्ष में ISRO ने फिर बनाया इतिहास, एक साथ 31 सैटलाइट्स का लॉन्च

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चेन्नई। इसरो ने शुक्रवार को एक बार फिर अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाते हुए कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट समेत 31 सेटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिए हैं। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सेटेलाइट लांच ह्वीकल (पीएसएलवी-सी38) इन सेटेलाइट को लेकर उड़ान भरी।यह पीएसएलवी रॉकेट की 40वीं उड़ान है।

इसरो के मुताबिक, धरती के ऑब्जरवेशन के लिए लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम के कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट के साथ करीब 243 किलोग्राम के 30 अन्य सेटेलाइट को पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में पहुंचाए गए हैं।

क्या होगा फायदा?
धरती पर नजर रखने के लिए लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य नैनो सैटलाइट्स को एक साथ प्रक्षेपित किया गया। सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है। साथ भेजे जा रहे इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के नैनो उपग्रह शामिल हैं।

29 विदेशी, जबकि एक नैनो सैटलाइट भारत का है। भारत के नैनौ सैटलाइट का नाम NIUSAT है, जिसका वजन महज 15 किलोग्राम है। यह खेती के क्षेत्र में निगरानी और आपदा प्रबंधन में काम आएगा। बता दें कि भारतीय सेना को भी इस सैटलाइट लॉन्च से फायदा होगा। निगरानी से जुड़ी ताकत बढ़ेगी। आतंकी कैंपों और बंकर्स की पहचान उनपर नजर रखने में मदद मिलेगी।

 

वाहन रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस के डाटा हुए लीक

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  • परिवहन मंत्रालय ने कहा- सुरक्षा तंत्र विकसित करने पर ही कनेक्टिविटी
  • राजस्थान पुलिस द्वारा लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा का गलत इस्तेमाल
  • राजस्थान पुलिस की गलती, वेब सेवाओं पर लगी रोक

जयपुर। राजस्थान पुलिस द्वारा लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा का गलत इस्तेमाल का खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ेगा। पुलिस की इस लापरवाही पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने डाटा देने से ही मना कर दिया है। मंत्रालय की वेब सर्विस डाटा से बड़े वॉल्यूम डाटा लीकेज होने का मामला सामने आया है।

इसमें वाहनों के रजिस्ट्रेशन ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित डाटा शामिल है। शिकायतों पर सड़क मंत्रालय ने पुलिस को मिलने वाली कनेक्टिविटी को बंद कर दिया है। कनेक्टिविटी रोकने से पुलिस को क्रिमिनल केस की जांच में मिलने वाली मदद पर असर पड़ सकता है। परिवहन मंत्रालय ने मुख्य सचिव को स्पष्ट तौर पर कहा है कि सुरक्षा तंत्र विकसित करने पर ही फिर से कनेक्टिविटी होगी। उधर, डीजीपी मनोज भट्ट का कहना है कि वेब सर्विस डाटा की तकनीक को लेकर कुछ परेशानी आई थी। उसको आइडेंटिफाई कर जल्द ठीक करने का प्रयास हो रहा है।

देश की इंफोर्समेंट एजेंसी कनेक्ट : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेब सर्विस डाटा में वाहन रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित पर्सनल डाटा मौजूद है। इस सर्विस से देशभर की इंफोर्समेंट एजेंसियों को कनेक्ट किया हुआ है। इसमें राजस्थान पुलिस भी शामिल है। क्रिमिनल केसेज के अनुसंधान में एजेंसियां इसका इस्तेमाल करती है। इस पर्सनल डाटा का उपयोग गलत तरीकों में किया जा सकता है।

शिकायत पर वेब सेवा बंद : केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि राजस्थान एनआईसी को डाटा लीकेज की शिकायत मिली थी। इसके तत्काल बाद राजस्थान पुलिस को दी जा रही सेवाओं को एनआईसी ने तत्काल रोक दिया, जब तक कि उपयुक्त सुरक्षा तंत्र विकसित नहीं कर लिया जाता। वेब सेवा से पहले इसे संबंधित एजेंसी को सुनिश्चित करना होगा।

मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में खुलासा : मामले का खुलासा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एमवीएल विंग के निदेशक प्रियांक भारती की ओर से मुख्य सचिव को भेजी एक चिट्टी के जरिए हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि राजस्थान पुलिस की ओर से वेब सर्विस डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते किसी तीसरे वेब पोर्टल द्वारा बिग वॉल्यूम डाटा का लीकेज किया जा रहा है। इससे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहन रजिस्ट्रेशन से संबंधित पर्सनल डाटा शामिल है। इस तरह से डाटा का लीकेज होना एक बड़ी चूक है।

 

 

 

पासबुक में लेन-देन का पर्याप्त ब्योरा उपलब्ध करायें बैंक- RBI

मुंबई। रिजर्व बैंक ने बैंकों से पासबुक और स्टेटमेंट में लेन-देन के बारे में पर्याप्त ब्योरा देने को कहा है ताकि ग्राहक उसकी पूरी जांच कर सके। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने पासबुक स्टेटमेंट में गूढ़ तरीके से ब्योरा दर्ज नहीं करे और सुनिश्चत किया जाए कि संक्षिप्त में उपयुक्त तरीके से जानकारी दी जाए ताकि जमाकर्ताओं को समस्या नहीं हो।

हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि लेकिन उसकी जानकारी में आया है कि कई बैंक अभी भी पर्याप्त ब्योरा उपलब्ध नहीं कर रहे। केंद्रीय बैंक ने ब्योरे की सूची देते हुए कहा है, बेहतर ग्राहक सेवा के हित में यह निर्णय किया गया है कि बैंक खातों में एंट्री के मामले में संक्षेप में उपयुक्त ब्योरा दें। बैंकों द्वारा पासबुक में उपलब्ध ब्योरे में पाने वाले का नाम, लेन-देन का तरीका, शुल्क की प्रकृति :शुल्क, कमीशन, जुर्माना आदि तथा रिण खाता शामिल है।

जीएसटी को लेकर दिल्ली में आज व्यापार संगठनों की बैठक

जयपुर। जीएसटी में कई उत्पादाें और सेक्टर पर ऊंची दरों के विरोध में देशभर के व्यापार और उद्योग संगठन शुक्रवार को नई दिल्ली में एक अहम बैठक कर रहे हैं। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले कांस्टीट्यूशनल क्लब में होने वाली इस बैठक में प्रदेश के कई व्यापारिक और औद्योगिक संगठन भी भाग ले रहे हैं।

फोर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने दिल्ली जाने से पूर्व बताया कि पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र के नेतृत्व में सभी राज्यों के व्यापारिक संगठनों की यह बैठक आयोजित की जा रही है। इसमें जीएसटी के संदर्भ में रखी गई मांगों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और सरकार पर उन उचित मांगों पर सहमति प्रदान करने का दबाव भी बनाया जाएगा।

इस बैठक में फोर्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल, महामंत्री सीए विजय गर्ग, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल एवं महामंत्री हरीश केडिया भी भाग ले रहे हैं। राजस्थान से भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता भी दस प्रतिनिधियों के साथ इस बैठक में भाग लेने दिल्ली रवाना हो रहे हैं। इस बैठक में अग्रिम आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम का फायदा कैसे उठाएं, देखें वीडियो

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कोटा। देश भर में पहली जुलाई से जीएसटी लागू होने जा रहा है। सरकार की और से सेमिनार के माध्यम से संबंधित विभाग डीलर्स को जागरूक कर रहा है। फिर भी डीलर्स की कई शंकाओं का समाधान नहीं हो पा रहा है । बड़े व्यापारी और डीलर्स तो इसलिए बेफिक्र हैं क्योंकि वह अपना काम सीए या टैक्स एक्सपर्ट से करा लेंगे। परन्तु छोटे डीलर्स जो कम्पोजिशन स्कीम में आते हैं , उनकी भी उलझनें कम नहीं है। इसलिए उनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए LEN-DEN NEWS पेश कर रहा है जीएसटी पर पाठशाला। इस वीडियो के माध्यम से सीनियर टैक्स कंसलटेंट अनिल काला जानकारी दे रहे हैं , जिसमें उन्होंने यह समझाने की कोशिश की है कि कम्पोजिशन स्कीम क्या है और जीएसटी में इसका फायदा कैसे उठाया जाये? तो आइये जानें इस वीडियो से …..…..

जीएसटी: फ्लैट बुक करने पर खरीदार से नहीं वसूल होगी अतिरिक्त राशि

नई दिल्ली। रिहायश के लिये घर बुक कराने वालों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) का असर नहीं पड़ेगा। एक जुलाई के बाद भी खरीददार फ्लैट बुक कराने के वक्त की ही किश्त देंगे। बिल्डर जीएसटी का खौफ दिखाकर अतिरिक्त रकम की मांग नहीं कर सकता।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस बारे में सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें दो टूक शब्दों में कहा गया है कि राज्य फ्लैट खरीददारों के हितों की रक्षा करें।     
 
सरकार को मिल रही थी बिल्डरों के खिलाफ शिकायत
दरअसल, केंद्रीय बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीईसी) में कई राज्यों से शिकायतें आ रही हैं कि बिल्डर खरीददारों पर अतिरिक्त रकम देने का दावा डाल रहे हैं। इसके लिये दलील जीएसटी की दी जा रही है। बिल्डरों की तरफ से कहा जा रहा है कि बायर्स या तो एक जुलाई से पहले फ्लैट की पूरी रकम जमा कर दें या जीएसटी लागू होने के बाद उन्हें अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा।      

फ्लैट नहीं निर्माण सामग्री पर लगेगा टैक्स
इस मसले का संज्ञान लेते हुये केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बिल्डर की मांग जीएसटी कानून के खिलाफ है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिये 12 फीसदी का स्लैब प्रस्तावित है लेकिन यह फ्लैट की कीमत पर नहीं लगेगा, बल्कि यह भवन निर्माण सामग्री पर लगेगा।

वेंकैया नायडू ने कहा है कि ऐसी हालत में बिल्डर खरीददारों से अतिरिक्त रकम की मांग नहीं कर सकता है।   सभी राज्य यह सुनिश्चित करें कि बिल्डर खरीददारों से जीएसटी के नाम पर अतिरिक्त रकम की मांग न करे। नायडू ने इस मामले में बिल्डर एसोसिएशन से भी सहयोग की अपील की है।      

हर महीने तीन नहीं, सिर्फ एक रिटर्न फाइल करना है: अधिया

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नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने में कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में सरकार ने इन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है कि नई टैक्स व्यवस्था बहुत मुश्किल होगी और उनका पालन करना आसान नहीं होगा। सरकार के एक आला अफसर ने कहा है कि टैक्सपेयर्स को हर महीने उसी तरह सिर्फ एक रिटर्न फाइल करना होगा, जैसे वे अब तक करते आए हैं।

रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि असेसी कारोबारियों की यह आशंका निराधार है कि उन्हें हर महीने तीन रिटर्न फाइल करना होगा। उन्होंने कहा कि रिटेलर्स से लेकर बी2सी डीलर्स को हर महीने इनवॉइस के हिसाब से डीटेल देने की भी जरूरत नहीं होगी। अधिया ने कहा, ’80 पर्सेंट कारोबारियों को रिटर्न में बस टोटल टर्नओवर डीटेल भरना होगा क्योंकि वे सभी बी2सी डीलर्स या रिटेलर्स हैं।

रिटर्न फाइल करना बहुत आसान है। लोगों को फाइलिंग प्रोसेस को लेकर फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं। यह मशीन से होता है और यह बहुत पारदर्शी है।’अधिया ने रिटर्न फाइलिंग के तरीके के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब सप्लायर सेल इनवॉइस की डीटेल अपलोड करेगा, तो अगले हर महीने की 10 तारीख को जीएसटी रिटर्न-1 जेनरेट होगा।

जीएसटी रिटर्न-1 में मौजूद सप्लायर्स के डीटेल्स परचेजर्स के जीएसटी रिटर्न-2 में अपने आप अपडेट हो जाएंगे। जीएसटी रिटर्न-2 हर अगले महीने की 15 तारीख तक फाइल करना होगा और यह काम कंप्यूटर पर कुछ क्लिक के जरिए आसानी से किया जा सकेगा। जीएसटी रिटर्न-2 में रिटर्न की फुल फाइलिंग की जरूरत नहीं होगी।

अधिया ने कहा, ‘किसी को जीएसटी रिटर्न-2 नहीं भरना है। यह कंप्यूटर पर उनके अकाउंट में अपने आप दिखेगा। उनको बस कन्फर्म करना होगा। कंप्यूटर पर कोई ट्रांजैक्शन नहीं दिख रहा है तो इसमें यह बात हो सकती है कि जिससे सामान खरीदा गया है, वह उसकी एंट्री करना भूल गया हो। बायर उसको ठीक कर सकता है। यह डीटेल कंप्यूटर पर अपने आप आएगी। उसको बस ऑनलाइन क्लिक करके मंजूर करना होगा।’

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि रिटेलर्स और बी2सी सप्लायर्स को रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं क्योंकि उनको जीएसटी रिटर्न-1 में सिर्फ टर्नओवर के हिसाब से रिटर्न फाइल करना होगा। सिर्फ बी2बी डीलर्स को जीएसटी रिटर्न-1 और जीएसटी रिटर्न-2, दोनों भरना होगा, वहीं रिटेलर्स को जीएसटी रिटर्न-2 नहीं भरना होगा क्योंकि उनको सिर्फ मैच करना होगा कि क्या डीलर ने जीएसटीएन पर सही डेटा अपलोड किया है।

अधिया ने कहा, ‘आम लोगों को फिक्र करने की जरूरत नहीं। यह ज्यादा उलझाव वाला नहीं है। 80% कारोबारियों को सिर्फ टोटल टर्नओवर फाइल करना होगा।’ हर महीने की 17 तारीख तक सप्लायर और बायर दोनों को इनवॉयस डीटेल मैच करके 20 तारीख तक तीसरा रिटर्न फाइल कर देना होगा। जीएसटी रिटर्न-1 और जीएसटी रिटर्न-2 का कॉम्बिनेशन जीएसटी रिटर्न-3 कंप्यूटर से अपने आप तैयार होता है। इसमें मंथली टोटल आउटपुट टैक्स लाइबिलिटी, इनपुट टैक्स क्रेडिट और टैक्स लाइबिलिटी डिफरेंस होगा।