मोदी सरकार की अब चीनी निर्यात पर बैन लगाने की तैयारी, जानिये क्यों

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नई दिल्ली। मोदी सरकार गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने के बाद अब चीनी के निर्यात पर भी बैन लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार ये कदम बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए उठा रही है। निर्यात की वजह से कीमतें काबू से बाहर होने लगी हैं, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाने की जरूरत पड़ रही है।

हाल ही में मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया था। रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार चीनी के निर्यात पर बैन लगाने की तैयारी में है। रिपोर्ट की मानें तो सरकार के पास एक विकल्प यह भी है कि वह इस सीज में चीनी के निर्यात को 1 करोड़ टन पर सीमित कर दे।

चीनी निर्यात के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। पूरी दुनिया में सिर्फ ब्राजील है, जो भारत से अधिक चीनी निर्यात करता है। ऐसे में अगर मोदी सरकार चीनी पर बैन लगाती है तो कई देशों को बड़ी दिक्कत आ सकती है।

गेहूं निर्यात पर बैन
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद पूरी दुनिया में गेहूं की भारी किल्लत हो गई थी, क्योंकि ये दो देश निर्यात का करीब 25 फीसदी हिस्सा कवर करते हैं। ऐसे में भारत की तरफ से गेहूं का निर्यात तेजी से बढ़ने लगा। निर्यात अधिक होने के चलते भारत में गेहूं की कीमतें भी बढ़ने लगीं। आखिरकार कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले ही हफ्ते सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया था।

किन देशों में होता है निर्यात
भारत से सबसे ज्यादा चीनी इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश खरीदते हैं। वहीं भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं। सिर्फ इन 3 राज्यों में देश की कुल चीनी का 80 फीसदी उत्पादन होता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा और पंजाब में भी कुछ हद तक गन्ना उगाया जाता है।