देश में चीनी की खपत बढ़कर 290 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान

0
10

नई दिल्ली। चीनी की घरेलू मांग एवं खपत 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान बढ़कर 290 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है जो 2022-23 सीजन की खपत 280 लाख टन से 10 लाख टन या करीब 4 प्रतिशत ज्यादा है।

हालांकि उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि समूचे देश में अप्रत्याशित सबसे प्रचंड गर्मी का प्रकोप रहने तथा आम चुनाव का अभियान चलने के कारण चीनी की मांग एवं खपत में वृद्धि होगी जबकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि चीनी की खपत में होने वाला यह इजाफा सामान्य है क्योंकि एक तो लोगों की आमदनी बढ़ रही है और दूसरे, इसकी खाद्य शैली में बदलाव आ रहा है।

केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने जून माह के लिए 25.50 लाख टन चीनी का फ्री सेल कोटा घोषित किया है। इसके साथ ही चालू मार्केटिंग सीजन में अक्टूबर 2023 से जून 2024 तक के लिए कुल मिलाकर 221 लाख टन चीनी की घरेलू बिक्री का कोटा जारी हो चुका है।

उसके बाद जुलाई- अगस्त तथा सितम्बर 2024 की तिमाही के लिए कोटा जारी होगा। अगर इस तिमाही के लिए प्रति माह 24 लाख टन का कोटा नियत हुआ तो यह 72 लाख टन बैठता है और इस तरह पूरे मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए कुल मिलाकर 293 लाख टन चीनी का कोटा आवंटित हो सकता है जो एक नया रिकॉर्ड होगा। भयंकर गर्मी के कारण न केवल चीनी की औद्योगिक मांग बढ़ी है बल्कि आमतौर पर घरों में भी इसकी खपत बढ़ गई है।

गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का अभियान लगभग समाप्त हो चुका है और इस बार करीब 320 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। निर्यात पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद चीनी का बाजार भाव ऊंचे स्तर पर मौजूद है क्योंकि इसकी मांग एवं खपत में भारी बढ़ोत्तरी हो रही है।