कोटा में बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल से 1200 करोड़ का कारोबार प्रभावित

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कोटा। निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को भी सरकारी बैंकों में कामकाज ठप्प रहा। जिले की वाणिज्य व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 200 से भी अधिक शाखाओं के 2000 अधिकारियों एवं कमर्चारियों के 2 दिन से बैंकों में काम पर न आने से 1000 से 1200 करोड़ रुपयों के लगभग का कारोबार प्रभावित हुआ।

हड़ताली बैंककर्मी कल से भी अधिक संख्या में कोटड़ी पेट्रोल पंप के सामने स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की झालावाड़ रोड शाखा के सामने एकत्रित हुए तथा बैंक निजीकरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी में युवा तथा महिला बैंककर्मी एवं अधिकारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।बाद में बैंककर्मी एवं अधिकारियों ने वहां से रैली के रूप में कोटड़ी चौराहे से होते हुए छावनी चौराहे पर पहुंचे तथा कुछ देर बैंक निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक बैंकों को बचाने तथा जनता की बचत की रक्षा की मांग के समर्थन में नारेबाजी की। कर्मचारियों ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंच कर प्रधान मंत्री तथा वित्त मंत्री का पुतला जलाया।

प्रदर्शन एवं रैली का संयोजक पदम पाटोदी,बैंक कर्मी नेता ललित गुप्ता, रमेश सिंह, डीएस साहू, आरबी मालव, संजीव झा, अनिल ऐरन, विपिन चोरायवाल, मोहम्मद शाहिद, डीके गुप्ता, हेमराज सिंह गौड़, यतीश शर्मा, नरेंद्र सिंह, हर्षा महावर,अंजुम व डोली चावला तथा अधिकारी नेता आरके जैन, अरविंद मीणा, नितेश मीणा, आई एल मीणा, छोटूलाल मीणा, हिमांशु नंदवाना, हेमराज धाकड़, लोकेश फ़िरोदा, सुरेश गर्ग तथा ग्रामीण बैंक कर्मी नेता आरएस गुप्ता तथा महेश शर्मा ने भी संबोधित किया। उन्होंने बैंक निजीकरण की घोषणा वापस न लेने पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का संकल्प व्यक्त किया।

प्रदर्शन स्थल पर वरिष्ठ किसान नेता दुली चंद बोरदा ने भी संबोधित किया तथा सेवानिवृत बैंककर्मी नेता एलआर सिन्हा, महावीर जैन, डीएल वर्मा ने भी हड़ताल को समर्थन दिया