कोटा। कोटा बूंदी दुग्ध सहकारी संघ लि.के भवन में शनिवार को विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया। अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में दुग्ध के महत्व पर चर्चा की गई और दुग्ध उत्पादक किसानों की हितकारी योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने कहा कि आहार में दूध और डेयरी उत्पादों के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके, इस उद्देश्य से 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। राठौड़ ने कहा कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुग्ध के स्वास्थ्य लाभों, दुग्ध उत्पादन में सुधार और दुग्ध उद्योग के विकास के लिए प्रयास करना है। दुग्ध उत्पादकों के हितों की रक्षा करने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता करने का अवसर प्रदान करना है।
राठौड़ ने कहा कि कोटा सरस डेयरी अपने मानदण्डों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता का दूध जनता को सप्लाई करती है। यह गुणवत्ता बनए रखने के लिए उसमें और अधिक सुधार हो सके इसके लिए संघ के हर सदस्य को हमेशा प्रयायरत रहना चाहिए।
राठौड ने कहा कि दुग्ध उत्पादन हमारे देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दुग्ध उत्पादन और उसके उपभोग से हमारे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है। इससे हमारे देश के किसानों की आय में वृद्धि होती है और उन्हें आर्थिक स्वावलम्बन मिलता है।
दुग्ध क्षेत्र की महत्ता को पहचानना चाहिए और इसके विकास के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें दुग्ध उत्पादकों का सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए। इसके लिए राठौड ने दुग्ध समितियों और गाँव के किसानों से उन्नत नस्ल के गाय और भैंस पालने की सलाह दी।
एमडी दिलखुश मीणा ने इस अवसर पर विश्व दुग्ध दिवस के इतिहास को साझा करते हुए कहा कि इस दिन की शुरुआत 2001 में हुई थी। जब विश्व दुग्ध फेडरेशन ने इस दिन को मनाने का फैसला किया। तब से यह दिन दुनिया भर में दुग्ध उत्पादकों, नीति निर्माताओं, उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया है।